Covid-19: भारत में कोरोना के करीब 80 लाख केस, 120,054 लोगों की मौत, इन 10 गलतियों से तेजी से बढ़ रहे है मामले

By उस्मान | Published: October 28, 2020 11:41 AM2020-10-28T11:41:29+5:302020-10-28T11:41:29+5:30

लोगों के दिल में कोरोना को लेकर भय कम होना आंकड़ों के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है

Coronavirus update in India: total cases, total deaths in India, corona recovery rate and morality rate in India, how to avoid spreading coronavirus in Hindi | Covid-19: भारत में कोरोना के करीब 80 लाख केस, 120,054 लोगों की मौत, इन 10 गलतियों से तेजी से बढ़ रहे है मामले

कोरोना वायरस

Highlights6,10,803 लोगों का इलाज जारी संक्रमण से मृत्यु दर 1.50 प्रतिशत हैअभी 6,10,803 लोगों का इलाज जारी

भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को एक दिन 43,893 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 79,90,322 हो गए। वहीं 508 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,20,010 हो गई। 

अब तक देश में 72,59,509 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और इस हिसाब से संक्रमण से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 90.85 प्रतिशतत हो गई है। वहीं संक्रमण से मृत्यु दर 1.50 प्रतिशत है। 

6,10,803 लोगों का इलाज जारी 
देश में अभी 6,10,803 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाच चल रहा है, जो कुल मामलों का 7.64 प्रतिशत है। 

अब तक कुल 10,54,87,680 नमूनों की जांच
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार 27 अक्टूबर तक कुल 10,54,87,680 नमूनों की कोविड-19 की जांच की गई, जिनमें से 10,66,786 नमूनों का परीक्षण सोमवार को ही किया गया।  

भारत में कोरोना वायरस बढ़ने के कारण

गलत तरीके से मास्क पहनना

लॉकडाउन खुलने के बाद कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि लोग गलत तरीके से मास्क पहनते हैं। कई लोग आपको मास्क को गले में टांग लेते हैं। या फिर मुंह और नाक को कवर नहीं करते हैं। आपको बता दें कि ऐसा करने से आपके नाक या मुंह के जरिये बूंदें शरीर में प्रवेश कर सकती हैं। 

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खुद को अलग नहीं करना

अगर आपको संदेह है कि आपको कोरोना जैसे लक्षण हैं जिनमें हल्के बुखार, खांसी या गले में खराश शामिल हैं, तो आपको खुद को अलग कर लेना चाहिए। अधिक गंभीर लक्षण, जैसे उच्च बुखार, कमजोरी, सुस्ती या सांस की तकलीफ वाले लोगों को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। लेकिन लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं। देखा गया है कि लोग इन लक्षणों के साथ ही बाहर घूम रहे हैं। ऐसा करना आपको और अन्य लोगों को जोखिम में डाल सकता है। 

 

मिथकों पर विश्वास करना

सोशल मीडिया पर कई इस तरह की जानकारियां वायरल हो रही हैं जिनमें कुछ तरीकों को आजमाकर कोरोना का इलाज करने का दावा किया जा रहा है। आपको बता दें कि अगर आपको किसी भी तरह का लक्षण महसूस हो रहा है तो आपको वायरल हो रहे मिथकों की बजाय डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसा नहीं करने से आप दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं। 

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सिर्फ वैकल्पिक उपचार की तलाश

बीमार लोग वैकल्पिक उपचार या प्राकृतिक चिकित्सा पर भरोसा करके अपने और दूसरों के लिए अतिरिक्त खतरा पैदा कर सकते हैं। सीडीसी के अनुसार, कोरोना के लिए कोई टीका नहीं है। इसलिए लहसुन खाना, विटामिन सी वाले सप्लीमेंट खाना और अधिक गर्म पानी पीना आदि से सावधान रहें। किसी भी तरह के लक्षण महसूस होने पर टेस्ट कराएं और डॉक्टर की सलाह फॉलो करें।

साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखना

कुछ लोग साफ-सफाई पर अभी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। आपको ऐसे लोगों से निकट संपर्क से बचना चाहिए जो बीमार हैं। अपनी आँखें, नाक और मुंह नहीं छूना। अगर आप बीमार हैं तो घर पर रहें। खांसी या छींक के समय मुंह को कवर करें और टिश्यू को कचरे में डालना। नियमित रूप से घर की सफाई स्प्रे या वाइप्स का उपयोग करके अक्सर छुआ गई वस्तुओं और सतहों की सफाई और कीटाणुरहित करना।

Woman cleaning the bathroom sink | Free Photo

मास्क नहीं पहनना

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि कुछ 'गैर जिम्मेदार' लोगों के मास्क नहीं पहनने तथा सामाजिक दूरी बनाकर नहीं रखने से भारत में कोरोना वायरस महामारी बढ़ रही है।

 सोशल डिस्टेंसिंग को भूल जाना

आईसीएमआर के डॉक्टर भार्गव ने कहा, 'मैं यह नहीं कहूंगा कि जवान या वृद्ध ऐसा कर रहे हैं, मैं कहूंगा कि गैर-जिम्मेदार, कम जागरुक लोग मास्क नहीं पहन रहे और सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं जिससे भारत में महामारी बढ़ रही है।' 

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कोविड-19 का डर कम होना

जनता के बीच कोविड-19 को लेकर डर कम होने लगा है। अब लोग दूरी बनाना जैसे नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। कहीं भी आपको पहले जैसे भीड़ मिल जाएगी। हाथ धोना, मास्क पहनना जैसी बातों को लोग भूलने लगे हैं।

जांच कराने नहीं जाना

मीडियोर अस्पताल कुतुब इंस्टीट्यूशन एरिया में प्रभारी डॉ मनोज शर्मा ने कहा कि भारी बारिश के कारण कुछ दिन तक कोरोना वायरस की जांच के लिए कम संख्या में लोग अस्पताल आए, इसके अलावा स्वतंत्रता दिवस, जन्माष्टमी जैसे अवकाश वाले दिनों और त्योहारों पर भी जांच के लिए कम संख्या में लोग आए। 

राममनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) में कोविड-19 के लिए नोडल अधिकारी देश दीपक ने कहा कि जांच की संख्या में बदलाव आ रहा है क्योंकि लोग छुट्टी वाले दिन बड़ी संख्या में नहीं आते।  

एहितयाती उपायों पर ध्यान नहीं देना
मामले बढ़ने की एक वजह लोगों द्वारा एहितयाती उपायों पर ध्यान नहीं देना है। संक्रमण फैलने के अन्य कारणों में त्योहार का मौसम, कोविड-19 का संदेह होने पर भी देर से जांच करवाना, संक्रमितों के संपर्क में आना, प्रवासियों का लौटना और अनलॉक (लॉकडाउन से चरणबद्ध तरीके से बाहर निकलने की प्रक्रिया) के कदम हैं। बीते कुछ दिन में नए मामले और उपचाराधीन मरीज भी बढ़े हैं। 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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