Covid-19: भारत में दूसरी लहर में 2 लाख से ज्यादा लोगों की मौत, वैज्ञानिकों ने बताया कोरोना से बचाव का नया उपाय
By उस्मान | Published: June 11, 2021 11:04 AM2021-06-11T11:04:18+5:302021-06-11T11:04:18+5:30
दूसरी लहर के बाद से देश में रोजाना करीब दो हजार लोगों की मौत हुई है
भारत में कोविड -19 महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर में मौत का आंकड़ा 2 लाख को पार कर गया है। देश में 1 मार्च (दूसरी लहर की शुरुआत के बाद) से अब तक 2.05 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई है। कुल मिलाकर देश में अब तक 3,63,079 लोगों की मौत हो गई है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आंकड़े से पता चलता है कि देश में दूसरी लहर में हर दिन औसतन 2,000 से अधिक मौत हुई हैं। दूसरी लहर में कोविड की मृत्यु का लगभग 57% है।
नए मामलों में कमी
भारत में लगातार चौथे दिन 24 घंटे में कोविड-19 के एक लाख से कम 91,702 नए मामले सामने आए, जिससे देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,92,74,823 हो गई है। नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर भी कम होकर 4.49 प्रतिशत हो गई है।
अब तक 3.63 लाख लोगों की मौत
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में 3,403 और लोगों की वायरस के संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,63,079 हो गई। उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी कम होकर 11,21,671 हो गई है, जो कुल मामलों का 3.83 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मामलों में कुल 46,281 की कमी आई है।
नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर 4.49 प्रतिशत
आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 37,42,42,384 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 20,44,131 नमूनों की जांच बृहस्पतिवार को की गई। नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर 4.49 प्रतिशत है। पिछले 18 दिन से संक्रमण की दैनिक दर 10 प्रतिशत से कम बनी हुई है। वहीं, संक्रमण की साप्ताहिक दर भी कम होकर 5.14 प्रतिशत हो गई है।
ठीक होने की राष्ट्रीय दर भी बढ़कर 94.93 प्रतिशत
देश में अभी तक कुल 2,77,90,073 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर भी बढ़कर 94.93 प्रतिशत हो गई है। कोविड-19 से मत्यु दर 1.24 प्रतिशत है।
बेहतर फिटिंग वाले मास्क कोरोना से बचाव में ज्यादा कारगर
हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार बेहतर फिटिंग वाले मास्क कोविड जैसी बीमारियों से बचाव में अधिक कारगर हैं वहीं अगर मास्क चेहरे पर ठीक से फिट नहीं होते हैं तो वायरस से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिका के सिनसिनाटी विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया।
उन्होंने चेहरे और कपड़े के बीच के स्थान को मापने के लिए तीन अलग-अलग आकार के मास्क के सीटी स्कैन का इस्तेमाल किया। ये मास्क तीन अलग-अलग आकार के मुखौटों को पहनाए गए थे। इसके बाद उन्होंने संक्रमण के जोखिम को निर्धारित करने के लिए खाली स्थानों से लीक की गणना की।
यह अध्ययन साइंटिफिक रिपोर्ट्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में पाया गया कि खराब फिटिंग वाले एन95 मास्क से चेहरे के चारों ओर रिसाव हो सकता है जो संक्रमण के जोखिम को बढ़ाता है।
अध्ययन से जुड़े प्रोफेसर रूपक बनर्जी ने कहा, "बहुत से लोगों को यह पता नहीं होता है कि मास्क का आकार अलग-अलग हो सकता है। चेहरे और मास्क के आकार भिन्न-भिन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि यह मास्क ठीक प्रकार से फिट नहीं बैठते तो संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)