Coronavirus test : डॉ. नरेश त्रेहन से समझें कोरोना और फ्लू के लक्षणों में 2 बड़े अंतर, फिर कराएं टेस्ट
By उस्मान | Published: March 23, 2020 02:17 PM2020-03-23T14:17:40+5:302020-03-23T14:45:45+5:30
Coronavirus Symptoms and Test: अधिकतर लोग फ्लू के लक्षणों को कोरोना के लक्षण समझ रहे हैं जिस वजह से दहशत फैल रही है
भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर 425 हो चुकी है और आठ लोगों की मौत हो गई है। देश के 23 राज्य इसकी चपेट में हैं। अगर बात करें वर्ल्ड की तो मौत का यह वायरस अब तक 14,746 लोगों क डस चुका है और इससे 341,387 लोग संक्रमित हैं। इनमें सबसे ज्यादा मौत इटली में (5,476) हुई हैं इसके बाद चीन में 3,270 लोगों की जान गई।
कोरोना वायरस के लक्षण फ्लू की तरह हैं जिस वजह से लोगों को यह समझने में मुश्किल हो रही है कि असल में वो किससे पीड़ित हैं फ्लू से या कोरोना से ? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब सभी लोगों को जानना जरूरी है ताकि समय पर लक्षणों की जांच कराकर संक्रमण को रोकने से फैलने से रोका जा सके। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में मेदंता हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन ने फ्लू और कोरोना के लक्षणों में फर्क बताया, आप भी समझें।
फ्लू के लक्षण
डॉक्टर के अनुसार, 'सर्दी, खांसी, जुकाम, नाक बहना, गले की खराश और सिरदर्द आदि फ्लू के सामान्य लक्षण हैं। आमतौर पर फ्लू के लक्षण दो या तीन दिन में ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर ये लक्षण एक हफ्ते तक बने हुए और गंभीर होते जा रहे हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए और तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए'।
कोरोना वायरस के लक्षण
डॉक्टर के अनुसार, 'कोरोना वायरस के लक्षण भी फ्लू के जैसे ही हैं। इस वायरस के सामान्य संकेत और लक्षणों में सांस संबंधी समस्याएं जैसे सांस में कमी, सांस लेने में तकलीफ, बुखार, खांसी, नाक बहना आदि शामिल हैं। अधिक गंभीर मामलों में, संक्रमण से निमोनिया, सेवेर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, किडनी फेलियर यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
फ्लू और कोरोना के लक्षणों की पहचान कैसे करें
डॉक्टर के अनुसार, बेशक फ्लू और कोरोना के लक्षण एक जैसे हैं लेकिन आप इनके बीच के अंतर को समझ सकते हैं। पहला अंतर यह है कि फ्लू के लक्षण एक या दो या तीन दिन में सही होने लगते हैं जबकि कोरोना के मामले में ऐसा नहीं होता है। दूसरा, कोरोना के लक्षण गंभीर होते चले जाते हैं और इससे गले में तेज खराश होने लगती है जिसमें तेज जलन, चुभन और दर्द शामिल है।
आमतौर पर फ्लू में होने वाली गले की खराश दो दिन में ठीक हो जाती है लेकिन फ्लू होने पर इसमें तेज दर्द होने लगता है। इसका कारण यह है कि कोरोना वायरस नाक और गले में जाकर पहले मल्टीप्लाई होता है और उसके बाद शरीर के एनी अंगों पर आक्रमण करता है। ऐसा होने पर आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।
डॉक्टर के अनुसार, 'देश के अधिकतर डॉक्टर कोरोना और फ्लू के लक्षणों के अंतर को समझते हैं। इसलिए लक्षण बिगड़ने पर डॉक्टर से मिलें और उसके कहने पर ही कोरोना का टेस्ट कराएं।
शरीर को कैसे नुकसान देता है कोरोना वायरस
डॉक्टर के अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में छींक और खांसी की ड्रॉपलेस से फैलता है। या किसी संक्रमित चीजों को छूने से भी। यह वायरस गले और नाक में जमा होता है और वहां बढ़ता रहता है और बाद में शरीर के अंगों खासकर फेफड़ों पर अटैक करता है। यह किडनी, लीवर और फेफड़ों को डैमेज कर सकता है। अगर मरीज की किस्मत अच्छी रही तो बच जाएगा वरना उसकी मौत हो सकती है।
इस वायरस का सबसे बड़ा खतरा यह है कि जो मरीज इससे सही हो रहे हैं उनमें बाद में किडनी, लीवर और फेफड़ों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं या अंग डैमेज हो सकते हैं। यह वायरस डायबिटीज, कैंसर, दिल के मरीज, बीपी के मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक है क्योंकि ऐसे लोग इसकी चपेट में जल्दी आ सकते हैं।
क्या अमेरिका ने करोना दवा बना ली है?
इस पर डॉक्टर के कहना है कि अमेरिका ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए एक ऐसी दवा की खोज की है जिसे मलेरिया के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन लक्षण महसूस होने पर इस दवा को खाना सही नहीं है क्योंकि इस दवा को सिर्फ उन मरीजों को दिया जा रहा है जिनके लक्षण गंभीर हो चुके हैं। अभी तक ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि कोई भी संब्क्र्मित व्यक्ति इस दवा को खा सकता है, इसलिए इसका इस्तेमाल अभी न करें।