Coronavirus: अध्ययन में दावा, एक्सपोजर के बाद SARS-CoV-2 को 24 घंटे तक रख सकती हैं मक्खियां
By उस्मान | Updated: April 23, 2021 10:27 IST2021-04-23T10:13:59+5:302021-04-23T10:27:31+5:30
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वायरस की बूंदों से संक्रमित कर सकती हैं मक्खियां

हेल्थ टिप्स
कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा. दूसरी लहर में संक्रमितों की संख्या और मृतकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. सार्स-को-2 (SARS-CoV-2) कोरोना वायरस बीमारी का कारण बनता है।
यह मुख्य रूप से सांस की बूंदों के माध्यम से उस समय फैलता है जब एक संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है। ऐसा करने से नाक और मुंह से निकली बूंदें एरोसोल में बदल जाती हैं। यह बूंदें हवा में रहती हैं और दूर ता जाकर जमीन या सतहों पर चिपक सकती हैं। इस दौरान अगर कोई इनके संपर्क में आया, तो पूरा चांस है वो संक्रमित हो सकता है।
न्यूज मेडिकल नेट की रिपोर्ट के अनुसार, एक नए अध्ययन में सामने या है कि अगर हवा में मौजूद इन बूंदों के संपर्क में कोई मक्खी आती है, तो वो उन एरोसोल बूंदों को 24 घंटे तक रख सकती हैं। इसक मतलब यह हुआ कि इस दौरान अगर कोई उस मक्खी के संपर्क में आएगा, तो वो संक्रमित हो सकता है।
केन्सास स्टेट यूनिवर्सिटी एंड एग्रीकल्चरल रिसर्च सर्विस में संयुक्त राज्य अमेरिका के शोधकर्ताओं की एक टीम ने पाया कि बूंदों के संपर्क में आने के बाद घर की मक्खियां 24 घंटे तक संक्रामक-सार्स-सीओवी-2 को रख सकती हैं।
इसके अलावा, घर की मक्खियां सार्स-को-2 जीनोमिक आरएनए को आसपास के वातावरण में 24 घंटे के बाद तक फैला सकती हैं। यह अध्ययन पैरासाइट्स एंड वेक्टर्स में प्रकाशित हुआ है।
मक्खियां मनुष्यों और जानवरों दोनों में ट्रांसमिट बैक्टीरिया, वायरल और परजीवी रोग प्रसारित कर सकती हैं। मक्खियां 250 से अधिक विभिन्न रोगजनकों को ले जा सकते हैं। मक्खियां बाहरी सतहों जैसे पंखों, पैरों और मुंह के हिस्सों के द्वारा संक्रमण फैला सकती हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसके अलावा खुली हवा में खांसने और छींकने, हाथ मिलाने या गले मिलने, किसी संक्रमित वस्तु को छूने और उसके बाद हाथ को मुंह या आंखों पर लगाने से भी फैलता है।
कोरोना वायरस शरीर में कैसे प्रवेश करता है
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस खांसी या छींकने से हवा में संचारित बूंदों के माध्यम से फैलता है। यह प्रभावित व्यक्ति से आस-पास के लोगों में नाक, मुंह या आंखों के माध्यम से शरीर के भीतर प्रवेश कर सकता है।
इन बूंदों में वायरल के कण आपके नाक मार्ग के पीछे से आपके गले के पीछे की श्लेष्म झिल्ली में पहुंचकर कोशिकाओं में एक विशेष रिसेप्टर से जुड़ते हैं। कोरोना के यह कण कोशिकाओं को कमजोर करते हैं और उनके कामकाज को प्रभावित करते हैं। इस जगह पर वायरस के यह कण और अधिक मात्रा में बढ़ते रहते हैं।
भारत में एक दिन में रिकॉर्ड तीन लाख से अधिक मामले
भारत में कोरोना संक्रमण के पिछले 24 घंटे में तीन लाख 32 हजार 730 नए मामले सामने आए हैं। साथ ही 2263 लोगों की जान भी चली गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इसी के साथ देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 1 लाख 86 हजार 920 हो गई है। वहीं एक्टिव केस 24 लाख 28 हजार 616 हो गए हैं।