बच्चों को कब लगेगा कोरोना का टीका ?, सभी पेरेंट्स को जाननी चाहिए बच्चों में कोरोना वायरस से जुड़ी 4 जरूरी बातें
By उस्मान | Updated: March 25, 2021 09:49 IST2021-03-25T09:40:01+5:302021-03-25T09:49:09+5:30
क्या बच्चों को कोरोना का टीका लगाने की जरूरत है?

कोरोना वायरस
कोरोना वायरस के मामले दोबारा से बढ़ने लगे हैं जिसके चलते कई जगहों पर फिर से लॉकडाउन करना पड़ा है। कोरोना के नए रूप सामने आने के बाद मामलों की संख्या में तेजी देखी जा रही है। कोरोना के खिलाफ टीकाकरण जारी है और अब घोषणा की गई है कि 45 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया जाएगा।
कोरोना बच्चों को भी प्रभावित करता है और टीकाकरण के मामले में दूर तक बच्चों को नामोनिशान तक नहीं है। सवाल यह है कि बच्चों को कोरोना के टीके लगने कब शुरू होंगे? क्या बच्चों को कोरोना का टीका लगाने की जरूरत है? चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब।
क्या बच्चों को कोरोना का टीका लगाने के जरूरत है?
इसका छोटा सा जवाब हां है। बहुत सारे अध्ययनों से पता चला है कि कोरोना बच्चों, विशेष रूप से छोटे बच्चों में उतना गंभीर नहीं है - लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बच्चों को संक्रमित होने और संभवतः वायरस फैलने का खतरा नहीं है। 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, जबकि किशोरों को और छोटे बच्चों में लक्षण दिख सकते हैं।
क्या बच्चे वायरस फैला रहे हैं?
किसी स्कूल में जहां मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाता है , वहां छोटे बच्चे बहुत ज्यादा वायरस नहीं फैलाते। सीडीसी की एक समीक्षा में स्कूलों में ऐसे मामले कम पाए गए हैं। यदि सावधानी नहीं बरती जा रही है, तो कोरोना वायरस से संक्रमित बच्चे इसे वयस्कों में फैला सकते हैं।
बच्चों को कब टीका लगाया जा सकता है?
अभी कहीं भी बच्चों को टीका नहीं लगाया जा रहा। बच्चों को टीका लगाने से पहले टीके की सुरक्षा और प्रभावकारिता का आकलन करने के लिए हजारों युवा स्वयंसेवकों में नैदानिक परीक्षण पूरा करने की आवश्यकता है।
वैक्सीन निर्माता मॉडर्न और फाइजर दोनों का किशोरों के साथ परीक्षण चल रहा है और इसका परिणाम आने में अभी समय है। यदि उनके टीकों को सुरक्षित और प्रभावी पाया जाता है, तो बच्चों को भी टीका लगना शुरू हो सकता है।
बच्चों को लगने वाला टीका कैसा होगा?
बच्चों को लगने वाला टीका खुराक के मामले में अलग होगा। फिलहाल लोगों को दो खुराक दी जा रही है। टीका परीक्षणों में पहला कदम सही खुराक का पता लगाना है।
कंपनियां सबसे कम संभव खुराक ढूंढना चाहती हैं जो सुरक्षित है और एंटीबॉडी के लक्ष्य स्तर का उत्पादन करती है। उदाहरण के लिए, मॉडर्न वयस्कों में 100 माइक्रोग्राम की खुराक का उपयोग करता है।
बच्चों में कोरोना वायरस के लक्षण
एनएचएस डॉट यूके के अनुसार, कोरोना वायरस के तीन सबसे बड़े लक्षण होते हैं और अगर किसी को यह भी लक्षण पाए जाते हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। कोरोना के अधिकतर लोगों में इनमें से एक लक्षण जरूर पाया जाता है।
पहला लक्षण है तेज बुखार होना। इसका मतलब है कि आप अपनी छाती या पीठ पर छूने पर गर्म महसूस करेंगे (आपको अपने तापमान को मापने की आवश्यकता नहीं है)।
दूसरा लक्षण है एक नई और लगातार खांसी होना। इसका मतलब है कि एक घंटे से अधिक समय तक खांसी रहना, या 24 घंटे में 3 या अधिक बार खांसी के झटके आना (यदि आपको आमतौर पर खांसी रहती है, तो इस मामले में यह सामान्य से अधिक खराब हो सकता है)।
तीसरा लक्षण है गंध या स्वाद की कमी। इसका मतलब है कि आपने देखा है कि आप कुछ भी सूंघ या स्वाद नहीं ले सकते हैं। या आपको सामान्य से अलग गंध या स्वाद आ रहा है।
लक्षण जानने के बाद क्या करें
अगर आपको ऊपर बताये गए तीन लक्षणों में से एक भी महसूस होता है, तो आपको तुरंत कोरोना वायरस का टेस्ट कराना चाहिए। जब तक आपका रिजल्ट नहीं आ जाता, तब तक आपको सबसे अलग रहना चाहिए। माना जाता है कि अधिकतर मामलों में कोरोना के लक्षण खुद ठीक हो जाते हैं, लेकिन लक्षणों के बिगड़ने पर आपको तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।
इस बात का रखें ध्यान
जाहिर है अगर आपके बच्चे में इनमें से कोई लक्षण है तो उसे अलग नहीं रखा जा सकते है। ऐसे मामले में आपको परिवार में से किसी व्यक्ति को उसके साथ रहना चाहिए। इस दौरान आप दोनों को किसी तीसरे सदस्य से नहीं मिलना चाहिए।
बच्चों के लक्षणों पर रखें नजर
- ध्यान रहे अगर बच्चा 3 महीने से कम उम्र का है और उसका तापमान 38 सेल्सियस या इससे अधिक नहीं होना चाहिए
- अगर बच्चा 3 से 6 महीने का है, तो उसका तापमान 39 सेल्सियस या इससे अधिक नहीं होना चाहिए
- इस बात का ध्यान रखें कि बुखार के साथ उसे अन्य लक्षण हैं, जैसे कि दाने तो नहीं हैं
- ध्यान रखें कि तापमान 5 दिनों या उससे अधिक समय तक तो नहीं रहता है
- डिहाइड्रेशन का ध्यान रखें कि वो बार-बार पेशाब तो नहीं कर रहा