स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी, N-95 नहीं रोक सकता कोरोना का प्रसार, जानिए कौन सा मास्क है सबसे ज्यादा असरदार
By उस्मान | Updated: July 21, 2020 11:42 IST2020-07-21T11:32:34+5:302020-07-21T11:42:23+5:30
स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि एन-95 मास्क कोरोना वायरस के प्रसार को नहीं रोक सकता है

एन 95 मास्क
कोरोना वायरस से बचाव के उपायों में मास्क लगना इस खतरनाक वायरस से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है। शोधकर्ताओं का कहना है कि फेस मास्क कोरोना वायरस के प्रसार को रोक सकते हैं। कोरोना संकट के बीच केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर लोगों के छिद्रयुक्त श्वासयंत्र लगे एन-95 मास्क पहनने के खिलाफ चेतावनी जारी कर कहा है कि इससे वायरस का प्रसार नहीं रुकता और यह कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के 'विपरीत' है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक राजीव गर्ग ने राज्यों के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मामलों के प्रधान सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि सामने आया है कि प्राधिकृत स्वास्थ्य कर्मियों की जगह लोग एन-95 मास्क का 'अनुचित इस्तेमाल' कर रहे हैं, खासकर उनका जिनमें छिद्रयुक्त श्वसनयंत्र लगा है।
उन्होंने कहा, 'आपके संज्ञान में लाया जाता है कि छिद्रयुक्त श्वसनयंत्र लगा एन-95 मास्क कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अपनाए गए कदमों के विपरीत है क्योंकि यह वायरस को मास्क के बाहर आने से नहीं रोकता। इसके मद्देनजर मैं आपसे आग्रह करता हूं कि सभी संबंधित लोगों को निर्देश दें कि वे फेस/माउथ कवर के इस्तेमाल का पालन करें और एन-95 मास्क के अनुचित इस्तेमाल को रोकें।'
सवाल यह है कि वायरस से बचने के लिए सबसे ज्यादा प्रभावी मास्क कौन सा है? इसे लेकर एक अधययन हुआ है और शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन में पाया कि क्विल्टिंग कॉटन की कई परतों वाला घर का बना मास्क सबसे बेहतर है।
कॉटन के कपड़े का मास्क क्यों है सबसे बेहतर
फॉक्स न्यूज़ के अनुसार, शोधकर्ताओं का कहना है कि कॉटन के कपड़े से बना मास्क वायरस से सबसे बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है। इसका कारण यही है कि यह मास्क छींकने, खांसने या जोर-जोर से बोलने पर निकलने वाली बूंदों की संख्या को काफी कम कर सकता है।
इस तरह के मास्क के पड़े के धागे अपेक्षाकृत मोटे होते हैं और यह सब बहुत कसकर एक साथ बुना जाता है। यही कारण है कि यह बूंदों को बहुत दूर फैलने से रोकने में सक्षम है। इस तरह के मास्क खांसने पर निकली बूंदों की यात्रा को 25 से 50% तक कम कर सकते हैं। अध्ययन से पता चला कि बिना मास्क के बूंदों ने औसतन 8 फीट की यात्रा की, जिसकी अधिकतम दूरी लगभग 12 फीट है।
मास्क पहनते समय इन बातों का रखें ध्यान
नाक और मुंह को करें कवर
मास्क को केवल नाक के ऊपर पहना जाता है ठोड़ी के नीचे नहीं और न सिर्फ मुंह पर। ऐसा करने से नाक खुली रहती है और हवा पास होती रहती है। बेहतर मास्क भी गलत तरीके से पहनने पर सुरक्षा नहीं करता है।
बार-बार मास्क न उतारें
कई लोग मास्क को बार-बार उतारकर डेस्क, फर्श, टेबल या किसी सतह पर रख देते हैं। आपको बता दें कि वायरस सतह से फैलता है। ऐसा करने से आपका मास्क दूषित हो सकता है।
बार-बार मास्क को छूने से बचें
बार-बार मोबाइल फोन, आईपैड, कीपैड या अन्य गैजेट को छूने के बाद मास्क को छूने से भी वो दूषित हो सकता है। इसलिए आपको बार-बार मास्क को छूने से बचना चाहिए।
बात करते समय मुंह से नीचे न करें
बातचीत या खाने के दौरान मास्क को ठोड़ी के नीचे खींचना नहीं चाहिए। ऐसा करने से आपको कोई फायदा नहीं होने वाला है।
सिर्फ एक दिन एक मास्क पहनें
एक्सपर्ट मानते हैं कि किसी भी तरह का मास्क केवल एक दिन ही सुरक्षा दे सकता है क्योंकि इसमें मिट्टी के कण जाने से दूषित होने का खतरा होता है। आप जितने दिनों तक एक मास्क को पहनकर रखेंगे, वो उतना ही अधिक संक्रामक होता रहेगा। एक फेस मास्क को कभी भी एक दिन से अधिक समय तक नहीं पहनना चाहिए।
सही तरीके से करें निपटान
इस्तेमाल किये हुए मास्क को आपको कहीं भी नहीं फेंकना चाहिए। संभव है उसमें किसी तरह का वायरस हो जो दूसरों को प्रभावित कर सकता है। इसका निपटान सही तरह करना चाहिए।
प्लास्टिक मास्क न खरीदें
आपको कपड़े, कागज या प्लास्टिक से बना मास्क या एलर्जी मास्क खरीदने से बचना चाहिए। इस तरह के मास्क इस वायरस से आपकी रक्षा नहीं करते हैं।
घर का बना मास्क न पहनें
रेनकोट, महिलाओं के अंडरवियर, कार्डबोर्ड बॉक्स, प्लास्टिक की बोतलों और अन्य घरेलू सामानों से तैयार किए होममेड मास्क कोरोना वायरस के खिलाफ कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं, इसलिए इनके इस्तेमाल से बचें।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)



