कोरोना वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित किया है। अभी तक इसे आउटब्रेक यानी प्रकोप कहा जा रहा था। इस स्थिति में रोग तेजी से फैलता है और हजारों की जान ले सकता है। तेजी से फैलने वाली इस तरह की बीमारी को महामारी का भी नाम दिया जाता है जिसका फैसला विश्व स्वास्थ्य संगठन करता है। इस तरह के किसी रोग और वायरस को तीन श्रेणी पेन्डेमिक (pandemic), एंडेमिक (endemic) और एपिडेमिक (epidemic) में बांटा गया है। चलिए जानते हैं तीनों श्रेणी का क्या मतलब होता है।
पेन्डेमिक (pandemic) क्या है?
पेन्डेमिक या माहामारी दुनियाभर में एक नई संक्रामक बीमारी का प्रसार है। यह एक बड़े क्षेत्र में को प्रभावित करता है और बहुत ज्यादा लोगों को संक्रमित करता है। यह एपिडेमिक की तुलना में अधिक मौतों का कारण बनता है। अगर इतिहास की बात करें, तो इस श्रेणी में चेचक, तपेदिक और प्लेग सहित कई विनाशकारी महामारियां हुई हैं जिसमें 1350 में 75 मिलियन से अधिक लोग मारे गए। 2009 में स्वाइन फ्लू की एक महामारी ने दुनिया भर में 14,286 लोगों की जान ले ली।
आउटब्रेक (Outbreak) या प्रकोप क्या है?
जब एक क्षेत्र में अपेक्षा से अधिक बीमारी के मामले दर्ज किए जाते हैं तो इसे प्रकोप घोषित किया जाता है। यह क्षेत्र एक छोटा समुदाय हो सकता है या कई देशों तक विस्तारित हो सकता है। इसमें कसी संक्रामक रोग का एक ऐसा भी मामला शामिल हो सकता है, जो उस समुदाय के लिए नया हो या लंबे समय तक नहीं देखा गया हो। यह कुछ दिनों, हफ्तों या कई वर्षों तक रह सकता है। यह व्यक्ति-से-व्यक्ति, पशु-से-व्यक्ति, या पर्यावरण से प्रेषित हो सकता है।
एंडेमिक (endemic) क्या है?
एंडेमिक यानी स्थानिक रोग या फिर एक ऐसा प्रकोप है जो एक निश्चित क्षेत्र या आबादी को प्रभावित करता है। चिकनपॉक्स को एक स्थानिक रोग के रूप में वर्गीकृत किया गया है क्योंकि यह युवाओं में उच्च दर पर होता है। यह रोग एक स्थिर स्थिति में रहता है, लेकिन आबादी से गायब नहीं होता है।
एपिडेमिक (epidemic) क्या है?
यह एक ऐसा रोग या संक्रमण होता है, जो आबादी में बड़ी संख्या में लोगों में तेजी से फैलता है। इसमें रोग सामान्य रूप से दो सप्ताह या उससे कम समय में फैल जाता है। यह रोग अन्य प्रकार की आपदाओं का परिणाम हो सकता है जैसे कि उष्णकटिबंधीय तूफान, बाढ़, भूकंप और सूखा। 2010 से लेकर अब तक 14 ऐसे रोग हुए हैं, जिनमें वेस्ट अफ्रीका में इबोला शामिल है, जिसमें 2013 से 2016 के बीच 11,300 लोग मारे गए थे।