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MIT की रिपोर्ट में दावा, भारत में फरवरी तक रोजाना कोरोना के 2.87 लाख मामले आ सकते हैं सामने

By प्रिया कुमारी | Updated: July 8, 2020 17:04 IST

अमेरिका की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के रिपोर्ट के अनुसार 2021 तक भारत में 2.8 लाख कोरोना के मामले प्रतिदिन सामने आ सकते हैं। अगर कोरोना की वैक्सीन नहीं बनी तो ये कोरोना काफी विकराल रूप ले सकता है।

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ठळक मुद्देएमआईटी के रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल तर कोरोना के 2.87 लाख मामले सामने आ सकते हैं। इस रिपोर्ट में 10 देश शामिल किए गए हैं जिसमें अमेरिका, इरान, भी शामिल है।

अमेरिका की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के रिसर्चरों ने इस बात की चेतावनी दी है कि 2021 तक भारत में कोरोना के वैक्सीन के अभाव में रोजाना 2.87 लाख कोरोना संक्रमण मामले दर्ज हो सकते हैं। MIT के स्लोन ऑफ  मैनेजमेंट के रिसर्चस टीवाई लिम हाजिर रहमानादाद और जॉन स्टरमैन द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, आने वाली सर्दियों के अंत तक यानी की 20121 तक भारत में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले हो सकते हैं।

एमआईटी के शोधकर्ताओं ने आशंका जताई है कि 2021 में वसंत के मौसम तक पूरी दुनिया में कोरोना के 249 मिलियन (24.9 करोड़) मामले और 1.8 मिलियन (18 लाख) मौतें हो सकती हैं। इस अध्ययन में लिखा है कि हमने वैश्विक स्तर पर कोविड-19 महामारी को लेकर सभी देशों के लिए अनुमान लगाने का मॉडल बनाया है। ये मॉडल वायरस के फैलने की गति पर काम करता है।  

10 देशों का अनुमान लगाया गया है

MIT रिपोर्ट के अनुसार आने वाली सर्दियों तक कुछ देशों को लेकर अनुमान लगाया गया है जिनमें शीर्ष 10 देशों में भारत, अमेरिका, दक्षिण अफ्रिका, इरान, इंडोनेशिया, नाइजिरिया, तुर्की, फ्रांस और जर्मनी शामिल है। इस रिपोर्ट के मुताबिक सर्दियों के अंत तक भारत सबसे अधिक प्रभावित देश होगा। इसके बाद अमेरिका है (95 हजार मामले प्रति दिन), दक्षिण अफ्रीका (21 हजार मामले प्रति दिन) ईरान (17 हजार मामले प्रति दिन), और इंडोनेशिया (13 हजार मामले प्रति दिन) होंगे।

सावधानी नहीं बरतने पर हो सकता बड़ा नुकसान

हालांकि, शोधकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि पूर्वानुमान केवल संभावित खतरे को बताता है न कि भविष्य में मामलों की भविष्यवाणी करता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि कड़ाई से जांच और संक्रमितों से संपर्क को कम करने से भविष्य में मामले बढ़ने का खतरा कम हो सकता है जबकि लापरवाह रवैये और खतरे को सामान्य मानने से महामारी विकराल रूप ले लेगी। 

शोधकर्ताओं ने कहा कि 2021 का पूर्वानुमान टीका नहीं विकसित होने की स्थिति को लेकर आधारित है। इस मॉडल में 84 देशों के आंकड़ों के आधार पर कई अहम खुलासे भी हुए हैं। मसलन महामारी की वास्तविक स्थिति को कमतर कर बताया जा रहा है। शोधकर्ताओं के मुताबिक 18 जून से अबतक मामलों और मृत्युदर आधिकारिक आंकड़ों के मुकाबले क्रमश: 11.8 और 1.48 गुना अधिक है। 

(सामाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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