Coronavirus : खांसी, छींक से 8 मीटर तक जा सकता है कोरोना वायरस, घंटों तक रह सकता है हवा में
By भाषा | Published: April 1, 2020 03:51 PM2020-04-01T15:51:47+5:302020-04-01T15:51:47+5:30
मौजूदा दिशानिर्देश बूंदों के आकार की अति सामान्यकृत अवधारणाओं पर आधारित है और इस घातक रोग के खिलाफ प्रस्तावित उपायों के प्रभावों को सीमित कर सकते हैं।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और ‘अमेरिका रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र’ (सीडीसी) के सामाजिक दूरी के मौजूदा दिशानिर्देश पर्याप्त नहीं हैं और खांसी या छींकने से यह वायरस आठ मीटर दूर तक जा सकता है।
'जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन' में प्रकाशित अनुसंधान के अनुसार डब्ल्यूएचओ तथा सीडीसी ने इस समय जो दिशानिर्देश जारी किये हैं वे खांसी, छींक या श्वसन प्रक्रिया से बनने वाले ‘गैस क्लाउड’ के 1930 के दशक के पुराने पड़ चुके मॉडलों पर आधारित हैं।
अध्ययनकर्ता एमआईटी की एसोसिएट प्रोफेसर लीडिया बूरूइबा ने आगाह किया कि खांसी या छींक की वजह से निकलने वाली सुक्ष्म बूंदें 23 से 27 फुट या 7-8 मीटर तक जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा दिशानिर्देश बूंदों के आकार की अति सामान्यकृत अवधारणाओं पर आधारित है और इस घातक रोग के खिलाफ प्रस्तावित उपायों के प्रभावों को सीमित कर सकते हैं।
कोरोना वायरस कैसे फैलता है ?
आमतौर पर कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसके अलावा खुली हवा में खांसने या छींकने से, संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने या गले लगने से, किसी संक्रमित वस्तु या सतह को छूने से।
प्लास्टिक और स्टील कितने दिन रहता है कोरोना वायरस ?
सीएनएन पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस प्लास्टिक और स्टील जैसी सतहों पर तीन दिनों तक जीवित रह सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि इन तीन दिनों में अगर किसी व्यक्ति ने संक्रमित सतहों को किसी तरह छू लिया तो वो कोरोना की चपेट में आ सकता है। इसे लेकर यूसीएलए और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया है।
इस तरह शरीर में घुसता है कोरोना वायरस
अब सवाल यह है कि क्या सिर्फ सतह को छूने से संक्रमण फैल सकता है, तो वैज्ञानिकों ने पाया कि संक्रमित सतह को छूने के बाद अगर व्यक्ति अपने चेहरे, आंख और नाक को छूता है, तो वायरस उसके शरीर में प्रवेश करके उसके फेफड़ों में जमा हो सकता है। एक बार जब यह फेफड़ों में पहुंच जाता है, तो इससे बचना मुश्किल हो जाता है।
लकड़ी, कांच पर कितने दिन रहता है कोरोना वायरस ?
बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक दूसरा अध्ययन जर्नल ऑफ हॉस्पिटल इन्फेक्शन में प्रकाशित हुआ है। इसमें बताया गया है कि कोरोना वायरस 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर स्टील पर दो दिनों तक, लकड़ी और कांच पर चार दिनों तक, मेटल यानी धातु पर पांच दिनों तक, प्लास्टिक और चीनी मिट्टी की चीजों पर पांच दिनों तक रह सकता है।
ठंडे कमरे में कितने दिन रहता है कोरोना वायरस ?
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि मौत का यह वायरस एक ठंडे कमरे में किसी प्लास्टिक की सतह पर नौ दिनों तक रह सकता है। यह वायरस एल्यूमीनियम पर दो घंटे और लेटेक्स पर आठ घंटे से कम रहता है।
क्या पैसों, बालों और कपड़ों मसे फैल सकता है कोरोना वायरस ?
शोधकर्ताओं ने माना है कि पैसे, बाल, और कपड़े जैसे हवा पास होने वाली चीजों पर वायरस लंबे समय तक जीवित नहीं रहता है क्योंकि ऐसी चीजों में रिक्त स्थान या छेद सूक्ष्म जीव को फंसा सकते हैं और इसे प्रसारित होने से रोक सकते हैं।