Corona virus infection: राज्य रहे सतर्क, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा-कोविड-19 प्रबंधन के लिए तैयार रहिए
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 7, 2023 04:34 PM2023-04-07T16:34:39+5:302023-04-07T17:55:29+5:30
Corona virus infection: स्वास्थ्य मंत्रियों से 10 और 11 अप्रैल को सभी अस्पतालों के बुनियादी ढांचे के संबंध में ‘मॉक ड्रिल’ करने और आठ तथा नौ अप्रैल को जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा करने का भी आग्रह किया।
नई दिल्लीः कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को एक समीक्षा बैठक की और राज्यों से सतर्क रहने और कोविड-19 प्रबंधन से जुड़ी तैयारियों को परखने के लिए कहा। मांडविया ने राज्यों को संक्रमण के अधिक मामलों वाले स्थानों की पहचान करने, जांच बढ़ाने, बुनियादी ढांचा तैयारियां सुनिश्चित करने को कहा।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों, प्रमुख एवं अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ डिजिटल तौर से आयोजित हुई बैठक में मांडविया ने टीकाकरण में तेजी लाने को भी कहा। जीनोम अनुक्रमण और पॉजिटिव नमूनों के पूरे जीनोम अनुक्रमण को बढ़ाने के साथ-साथ, उन्होंने कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के बारे में जागरूकता पैदा करने पर भी जोर दिया।
मांडविया ने कहा कि केंद्र और राज्यों को सहयोग की भावना से काम करना जारी रखने की जरूरत है, जैसा कि पिछली बार कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के दौरान किया गया था। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से 10 और 11 अप्रैल को सभी अस्पतालों के बुनियादी ढांचे के संबंध में ‘मॉक ड्रिल’ करने और आठ तथा नौ अप्रैल को जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा करने का भी आग्रह किया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित किया गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस समय एक वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (वीओआई), एक्सबीबी.1.5 और छह अन्य स्वरूपों (बीक्यू.1, बीए.2.75, सीएच.1.1, एक्सबीबी, एक्सबीएफ और एक्सबीबी.1.16) पर बारीकी से नजर रख रहा है।
बयान में कहा गया है कि एक्सबीबी.1.16 का प्रसार फरवरी में 21.6 प्रतिशत से बढ़कर मार्च, 2023 में 35.8 प्रतिशत हो गया। इसके अनुसार हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु दर में वृद्धि का कोई साक्ष्य सामने नहीं आया है। मांडविया ने कहा कि नये स्वरूप के बावजूद, कोविड प्रबंधन के लिए ‘जांच, पता लगाने, इलाज, टीकाकरण और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन’ की जांची-परखी रणनीति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इससे उचित स्वास्थ्य उपायों को अपनाने में मदद मिलेगी।
बयान के अनुसार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आरटी-पीसीआर जांच बढ़ाने की सलाह दी गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी पात्र आबादी, विशेष रूप से बुजुर्गों और संवेदनशील जनसंख्या समूह के टीकाकरण में तेजी लाने की सलाह दी।
इस बात पर भी गौर किया गया कि भारत में आठ राज्यों से कोविड के अधिक मामले सामने आ रहे हैं जिनमें केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में दस या इससे अधिक जिलों में दस प्रतिशत संक्रमण दर दर्ज की गई है और कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और हरियाणा में पांच से अधिक जिलों में पांच प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर दर्ज की गई है।
मांडविया ने कोविड-उपयुक्त व्यवहार के पालन के संबंध में जन जागरूकता अभियानों को बढ़ाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने सभी राज्य स्वास्थ्य मंत्रियों से अनुरोध किया कि वे व्यक्तिगत रूप से सभी बुनियादी ढांचे की तैयारियों की निगरानी और समीक्षा करें। राज्यों को कोविड इंडिया पोर्टल पर अपने कोविड आंकड़ों को नियमित रूप से अद्यतन करने के लिए भी कहा गया।
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी के अलावा उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत, असम के केशव महंत, गोवा के विश्वजीत राणे, झारखंड के बन्ना गुप्ता, मध्य प्रदेश के प्रभुराम चौधरी, पंजाब के बलबीर सिंह, मणिपुर के सपन रंजन सिंह, हरियाणा के अनिल विज, तमिलनाडु के थिरु मा सुब्रमण्यन और तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री थनीरू हरीश राव ने बैठक में भाग लिया।