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किडनी की पथरी, दमा, डायबिटीज, बवासीर को जड़ से खत्म कर सकता है तरबूज जैसा दिखने वाला ये फल

By उस्मान | Updated: March 9, 2019 12:25 IST

तरबूज की बेल की तरह दिखने वाली इंद्रायन बेल के छोटे-छोटे फल और पत्ते आपको कई गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं, बस आपको इस्तेमाल का सही तरीका आना चाहिए.

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इंद्रायन बेल या 'बिटर ऐपल' (Bitter Apple) को लैटिन में 'सिट्रलस कॉलोसिंथस' (Citrullus colocynthis) कहते हैं। भारत के कई हिस्सों में मिलने वाले इस पौधे के पत्ते और फल तरबूज के पत्तों के समान होते हैं। इसमें ऐल्कलॉड और कॉलोसिंथिन नामक ग्लूकोसाइड पाया जाता है, जो इस ओषधि का मुख्य तत्व है। इसके अलावा इसमें इसके फल में कॉलोसिंथिन से मिलता जुलता ट्रिकोसैंथिन नामक पदार्थ पाया जाता है जो कई रोगों से बचाने में सहायक है। 

आयुर्वेद में विभिन्‍न स्वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने के लिए इंद्रायन का उपयोग किया जाता है। यह एक बारहमासी वेल होती है। इंद्रायन में मौजूद पोषक तत्‍व विभिन्‍न प्रकार से आपकी मदद करते हैं।  

1) मुंहासे और सोरायसिस को करता है खत्मयह पौधा स्क्रेप, वार्ट्स और कॉर्न्स जैसी कई स्किन प्रॉब्लम्स से बचाता है। इसके फल को त्वचा पर होने वाले फोड़े, फुंसी, मुंहासे, सोरायसिस और घाव के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

2) कैंसर और डायबिटीज से बचाने में सहायकइसके पौधे का अर्क कैंसर और डायबिटीज के लिए एक अच्छा हर्बल इलाज है। यह स्तन कैंसर के इलाज के लिए सबसे अच्छा है। इतना ही नहीं स्वाद में कड़वे इस पौधे का ल्यूकेमिया के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

3) गठिया और पेट के कीड़ों का इलाजआयुर्वेद के अनुसार, यह पौधा गठिया के दर्द और गठिया, पीलिया जैसे लीवर रोग के इलाज के लिए एक सहायक जड़ी बूटी है। इसे आंतों के कीड़े को खत्म करने और कोलाइटिस के इलाज के लिए उपयोगी माना गया है। 

4) बवासीर को कर सकता है जड़ से खत्मइंद्रायन के बीजों को पानी में पीसकर लेप बनाए और उसे बवासीर के मस्सों पर दिन में 2 बार कुछ हफ्ते तक लगाने से बवासीर ठीक हो जाता है। इस पौधे के फलों को चिलम में रखकर पीने से दमा का रोग मिटता है।

5) पेशाब की जलन बहरापन करता है दूरइंद्रायन के फल से बने तेल को रोजाना 2-3 बार कान में डाला जाये तो बहरापन दूर हो सकता है। इन्द्रायण की जड़ को पानी के साथ पीसकर और छानकर 5 से 10 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से पेशाब करते समय का दर्द और जलन दूर हो जाती है।

इंद्रायन के नुकसान जड़ी बूटीयों के रूप में इंद्रायन का उपयोग किया जाता है। लेकिन यदि इसका अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है तो इसके कुछ दुष्‍प्रभाव भी हो सकते हैं। अधिक मात्रा मे इसका सेवन आंतों के नुकसान और रक्‍तस्राव से जुड़े घावों का कारण बन सकता है। इससे गंभीर दस्‍त की समस्‍या हो सकती है। गर्भावस्‍था और स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं को पहले डॉक्‍टर की सलाह लेनी चाहिए।

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