गठिया रोग की आयुर्वेदिक दवा : गठिया के दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए इस्तेमाल करें ये 8 जड़ी बूटी
By उस्मान | Published: August 10, 2020 02:02 PM2020-08-10T14:02:43+5:302020-08-10T14:11:03+5:30
गठिया का अचूक इलाज : बताया जाता है कि गठिया के लिए घरेलू उपचार में ये आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां कारगर हैं
गठिया यानी अर्थराइटिस आजकल सबसे आम स्वस्थ समस्याओं में से एक है। गठिया जोड़ों की एक दर्दनाक समस्या है जिसमें मरीज को चलने-फिरने और उठने-बैठने में परेशानी होती है। इस स्थिति में घुटनों में दर्द के सूजन भी आ जाती है। यह कई स्थानों जैसे घुटनों, उंगलियां, कोहनी, जबड़े या कूल्हे में हो सकता है।यह जोड़ों को घेरने वाली नसों के परिणामस्वरूप बहुत दर्दनाक हो सकता है
वैसे तो यह समस्या बुजुर्गों को परेशान करती है लेकिन आजकल कम उम्र के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। दुर्भाग्यवश इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। वैसे एक्सपर्ट्स मानते हैं कि खान-पान और जीवन शैली में बदलाव करके इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
गठिया के कारण
ऐसा माना जाता है कि कुछ लोगों में गठिया जेनेटिक समस्या है। यानी अगर आपके परिवार में किसी को यह समस्या थी तो संभव है आपको भी हो जाए। अन्य मामलों में चोट, संक्रमण, शुगर, आहार की आदतें गठिया का कारण बन सकती हैं।
गठिया के जोखिम करक
गाउट गठिया के सबसे आम रूप में से एक है जो यूरिक एसिड में वृद्धि के कारण होता है। गठिया के कुछ जोखिम कारक हैं, उच्च रक्तचाप, मोटापा, धूम्रपान, शुगर, आयु, शराब पीना आदि।
जड़ी बूटी से गठिया का इलाज
गठिया को कंट्रोल करने में कुछ आयुर्वेदिक दवाएं और जड़ी बूटियां बहुत अच्छी भूमिका निभाती हैं। डॉक्टर भी मरीजों को खाने पर ध्यान देने की सलाह देते हैं। हम आपको कुछ ऐसी जड़ी बूटियों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आप गठिया में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह घरेलू नुस्खे सबसे सुरक्षित उपचार होते हैं।
अश्वगंधा
अश्वगंधा शरीर में रक्त प्रवाह को नियंत्रित करता है, मल को निकालता है और श्वास को नियंत्रित करता है। इसके लिए चिकित्सक की सलाह पर 3-6 ग्राम अश्वगंधा जड़ों के पाउडर का सेवन करें। इसका पूरे शरीर पर विशेष रूप से वात स्थानों पर जैसे जोड़ों, तंत्रिकाओं, लिगामेंट्स और मांसपेशियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
पुनर्नवा
यह जड़ी बूटी जोड़ों में सूजन और दर्द कम करती है। चिकित्सक की सलाह पर 3 ग्राम बदनाव जड़ों का पाउडर और 5-10 मिलीलीटर पुनर्नवा जड़ों के जूस का सेवन करें। यह अपच के कारण विषाक्त पदार्थों को कम करता है और कब्ज से राहत देता है। यह लिवर को भी साफ करता है और मेटाबोलिज्म को ठीक करता है।
त्रिफला
एक और जड़ी बूटी है जो आयुर्वेद में उपयोगी पाई जाती है। त्रिफला तीन जड़ी बूटियों (अमलकी, हरितकी और बिभीतकी) का निर्माण करता है। इन जड़ी बूटियों में सूजन-रोधी गुण होते हैं।
हल्दी
आमतौर पर भारतीय रसोई में हल्दी का उपयोग किया जाता है। हल्दी में अद्भुत इलाज गुण होते हैं। हल्दी का उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जा सकता है और गठिया उनमें से एक है। हल्दी सूजन वाले गठिया से उबरने में आपकी मदद कर सकती है।
अदरक
अदरक गठिया में सूजन को कम करने में उपयोगी होता है। अदरक का नियमित उपयोग शरीर में सूजन और गठिया रोग की शुरुआत को होने से रोकता है। गठिया में ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण ऊतक और जोड़ों की क्षति की रोकथाम में अदरक मदद करता है।
शल्लकी
शल्लकी एक बहुत लोकप्रिय प्राकृतिक सूजन विरोधी जड़ी बूटी है, जो पूरे विश्व में आयुर्वेद के चिकित्सकों द्वारा उपयोग की जाती है। शल्लकी को दर्द और सूजन को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह किसी भी नुकसान को बिना हड्डियों के स्पॉन्डिलाइटिस और अन्य गठिया के दर्द से मुक्ति दिलाती है।
नीलगिरी
नील गिरी तेल का अर्क जोड़ों में गठिया के दर्द और सूजन को ठीक करने में मदद करता है। नीलगिरी के पत्तों में टैनिन होता है जो जोड़ों में सूजन और दर्द को कम करता है। नीलगिरी गठिया का आयुर्वेदिक इलाज है। नीलगिरी के रस को निचोड़ कर प्रभावित जोड़ों पर लगाया जाता है जो बाद में हीटिंग पैड द्वारा हल्का गर्म कर दर्द में आराम देता है।
अजवाइन
अजवाइन के बीजों में स्वास्थ के लिए कई पोषक तत्व होते हैं, जिनमें इनके सूजन विरोधी गुण के कारण यह गठिया से ग्रस्त लोगों के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा, इसमें पेट की दर्द और सूजन को कम करने के गुण भी होते हैं। अजवाइन के बीजों में एंटीबायोटिक यौगिक होते हैं, जो सूजन और इससे संबंधित अन्य लक्षणों जैसे लाली, से निपटने में सहायता करते हैं।