ज्यादा चावल खाने वाले सावधान! धीरे-धीरे नसों को ब्लॉक करके दिल, कैंसर, डायबिटीज का मरीज बना सकते हैं ऐसे चावल
By उस्मान | Published: October 3, 2019 12:03 PM2019-10-03T12:03:03+5:302019-10-03T12:14:07+5:30
इसके अधिक सेवन से आपको तुरंत कोई दुष्प्रभाव नहीं दिखते हैं लेकिन इसके जमा होने से धीरे-धीरे आपको विभिन्न तरह के कैंसर, नसों का जाम होना, हाई बीपी, हार्ट डिजीज, टाइप-2 डायबिटीज आदि गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है।
भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में चावल का खूब सेवन किया जाता है। कुछ लोग तो दिन के दोनों टाइम चालवा खाना पसंद करते हैं। अगर आप भी चावल के शौकीन हैं, तो यह खबर आपको परेशान कर सकती है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि चावल का अधिक सेवन करने से धीरे-धीरे आपके शरीर में ऐसे जहरीले तत्व जमा हो सकते हैं जो आपको कैंसर, डायबिटीज, हार डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकते हैं।
हाल ही में कुछ अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि चावल में आर्सेनिक (Arsenic) जैसा जहरीला तत्व पाया जाता है जो लोगों को गंभीर बीमार बना सकता है। यह एक बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि दुनिया की आबादी के बड़े हिस्से के लिए चावल एक मुख्य भोजन है।
आर्सेनिक क्या है?
आर्सेनिक दुनिया के सबसे विषैले तत्वों में से एक है। यह जहरीला पदार्थ धीरे-धीरे रोजाना खाई जाने वाली चीजों में फैलता जा रहा है। तेजी से बढ़ता प्रदूषण खाद्य पदार्थों में आर्सेनिक के स्तर को बढ़ा रहा है, जिससे कई गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो रहे हैं।
यह तत्व चावल के अलावा दूधित पेय जल, कुछ सीफूड जैसे श्रिम्प, शेल्फिश मछली आदि में भी पाया जाता है। आपको जानकार हैरानी होगी कि सिर्फ चावल ही नहीं, यह चावल से बने अन्य खाद्य पदार्थों जैसे राइस मिल्क, राइस ब्रान, राइस सेरेल्स, बेबी सेरेल्स, राइस क्रैकर्स, ब्राउन राइस सिरप, सेरेल्स बार आदि में भी पाया जाता है।
आर्सेनिक चावल में कैसे जाता है
आर्सेनिक स्वाभाविक रूप से पानी, मिट्टी और चट्टानों में होता है, लेकिन इसका स्तर दूसरों की तुलना में कुछ क्षेत्रों में अधिक हो सकता है। यह आसानी से खाद्य पदार्थों में प्रवेश करता है और जानवरों और पौधों दोनों में जमा हो सकता है। प्रदूषण की वजह से इसका लेवल तेजी से बढ़ने लगता है। इसके अलावा दूषित जल के द्वारा भी यह चावल में प्रवेश करता है।
पानी में ज्यादातर समय डूबे होने के कारण चावल की फसल मिट्टी में घुले आर्सेनिक रसायन को सोख लेता है। इसलिए अन्य फसलों की तुलना में चावल में 10 से 20 फीसदी ज्यादा आर्सेनिक रसायान पाया जाता है।
आर्सेनिक से सेहत को नुकसान
एक्सपर्ट मानते हैं कि शरीर में आर्सेनिक लेवल बढ़ने से आपको तुरंत कोई दुष्प्रभाव नहीं दिखते हैं लेकिन इसके जमा होने से धीरे-धीरे आपको विभिन्न तरह के कैंसर, नसों का जाम होना, हाई बीपी, हार्ट डिजीज, टाइप-2 डायबिटीज आदि गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है।
इसके अलावा यह दिमाग के कामकाज को प्रभावित कर सकता है। इससे बच्चों के दिमाग पर भी गहरा असर पड़ सकता है जिससे उनके सोचने-समझने, याद करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। कई अध्ययन इस बात का दावा करते हैं कि गर्भावस्था में इसका स्तर बढ़ने से होने वाले बच्चे पर भी प्रभाव पड़ सकता है।