मधुमेह को नियंत्रित रखता है 'तिल' का रोजाना सेवन

By मेघना वर्मा | Updated: January 13, 2018 17:13 IST2018-01-13T17:10:20+5:302018-01-13T17:13:09+5:30

लगभग 25 ग्राम तिल को चबा-चबाकर खाने से दांत मजबूत होते हैं।

Amazing health benefits of sesamum seeds | मधुमेह को नियंत्रित रखता है 'तिल' का रोजाना सेवन

मधुमेह को नियंत्रित रखता है 'तिल' का रोजाना सेवन

तिल भले ही आकार में बहुत छोटा होता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के नजरिए से बहुत ही फादयेमंद है। ऐसा माना जाता है कि काले तिल में पाए जाने वाले पोषक तत्व बढ़ती उम्र से होने वाले नकारात्मक प्रभावों से बचाव में मदद करते हैं। भारतीय खानपान में तिल का बहुत महत्‍व है। सर्दियों के मौसम में तिल खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और शरीर सक्रिय रहता है।

तिल में कई प्रकार के प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी-कॉम्‍प्लैक्‍स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्‍व पाए जाते हैं, जिसके सेवन से तनाव दूर होता है और मानसिक दुर्बलता नहीं होती। औषधि के रूप में काले तिल का उपयोग अच्छा माना जाता है। रेबड़ी बनाने के लिए तिल तथा चीनी का उपयोग किया जाता है। भारत में तिल की खेती अधिक मात्रा में की जाती है। तिल की खेती स्वतंत्र रूप में या रूई, अरहर, बाजरा तथा मूंगफली आदि किसी भी फसल के साथ मिश्रित रूप में की जाती है। तिल उत्पादन के क्षेत्र में भारत, एक प्रमुख स्थान है।

कैल्शियम और जिंक का है अच्छा स्त्रोत

35 की उम्र के बाद हड्डियों का बढ़ना रुक जाता है और मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हड्डियों के टूटने का सिलसिला शुरू हो जाता है। ऐसे में काले तिल का सेवन उनके लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें कैल्शियम और जिंक पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जोकि हड्डियों को मजबूत रखते हैं। 

मधुमेह को नियंत्रित रखती है

वहीं तिल में विटामिन बी की मात्रा हमारी त्वचा को अच्छा बनाए रखती है और मधुमेह और कैंसर को बढ़ने से रोकता है। इसके अलावा प्राचीन समय से खूबसूरती बनाए रखने के लिए भी तिल का प्रयोग किया जाता रहा है। इसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज और बढ़ती उम्र से निपटने के लिए किया जाता है। 

उक्त रक्तचाप से निपटने में है सहायक

तिल में मौजूद जिंक बालों की सेहत के लिए जरूरी है। इससे इम्यून सिस्टम भी अच्छा रहता है। तिल में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जोकि उक्त रक्तचाप से निपटने में मदद कर सकती है। काली तिल में पाया जाने वाला फाइबर और अनसैचुरेटेड फैटी एसिड कब्ज के इलाज में मदद कर सकती है। हालांकि जिन लोगों को किडनी या पेट संबंधी समस्या है, उन्हें इसकी कम मात्रा लेनी चाहिए अथवा डॉक्टर की सलाह पर ही वे इसका सेवन करें। 

दांत के रोग से रखता है दूर

लगभग 25 ग्राम तिल को चबा-चबाकर खाने से दांत मजबूत होते हैं। मुंह में तिल को भरकर 5-10 मिनट रखने से पायरिया (मसूढ़ों से खून का आना) ठीक होकर दांत मजबूत होते हैं। काले तिल को पानी के साथ खाने से दांत मजबूत हो जाते हैं। लगभग 60 ग्राम काले तिल को चबाकर खा लें, इसके बाद एक गिलास ठंडा पानी लें। ऐसा प्रतिदिन करने से दांतों के रोग ठीक हो जाते है। लेकिन इसका प्रयोग करते समय गुड़-चीनी का सेवन न करें। तिल के तेल से 10-15 मिनट तक कुल्ला कुछ दिनों तक लगातार करने से हिलते हुए दांत मजबूत हो जाते हैं और पायरिया भी ठीक हो जाता है।

खांसी में है फायदेमंद

तिल के लगभग 100 मिलीलीटर काढ़े में 2 चम्मच चीनी डालकर पीने से खांसी ठीक होने लगती है। 4 चम्मच तिल 1 गिलास पानी में मिलाकर इतना उबालें कि पानी आधा बच जायें। इसे रोजाना 3 बार पीने से सर्दी लगकर आने वाली सूखी खांसी ठीक हो जाती है। यदि सर्दी लगकर खांसी हुई तो चार चम्मच तिल और इतनी ही मिश्री या चीनी मिलाकर एक गिलास पानी में उबालें। इस पानी को पीने से खांसी ठीक होने लगती। तिल के काढ़े में चीनी या गुड़ मिलाकर लगभग 40 मिलीलीटर रोजाना 3-4 बार सेवन करने से खांसी दूर हो जाती है। इस काढे़ को सुबह-शाम दोनों समय सेवन करने से लाभ होता है। 

Web Title: Amazing health benefits of sesamum seeds

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