लाइव न्यूज़ :

सावधान! इन 3 वजहों से भविष्य में दिमागी रूप से कमजोर होने लगेंगे बच्चे

By उस्मान | Updated: November 15, 2019 12:00 IST

Air Pollution Side effects on kids: बाल मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण डायरिया संक्रमण है जो धीरे धीरे कई क्षेत्रों में फैल जाएगा। हजारों लोगों के लिए जानलेवा साबित हुई वर्ष 2015 की घातक लू जल्द ही हमारे लिए रोज की बात हो जाएगी। 

Open in App

बदलते जलवायु परिदृश्य में तापमान बढ़ने के कारण भारत में पैदा होने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण, लू और कुपोषण का खराब असर पड़ेगा और वे शारीरिक और मानसिक रुप से कमजोर होंगे। यह बात द लांसेट पत्रिका में हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में सामने आई है। 

रिपोर्ट की सह-लेखिका पूर्णिमा प्रभाकरन ने कहा कि भारत अपनी विशाल आबादी, स्वास्थ्यसेवा में असमानताओं, गरीबी और कुपोषण के उच्च दर के कारण जलवायु परिवर्तन के स्वास्थ्य प्रभावों से प्रभावित होने वाले देशों में शामिल है। 

'पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया' की प्रोफेसर प्रभाकरन ने बताया कि रिपोर्ट में सभी आयु वर्ग के लोगों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का विश्लेषण किया गया है। लेकिन बच्चों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है क्योंकि यह मुद्दा तात्कालिक और अतिगंभीर है। 

उन्होंने कहा कि भारत में बाल मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण डायरिया संक्रमण है जो धीरे धीरे कई क्षेत्रों में फैल जाएगा। हजारों लोगों के लिए जानलेवा साबित हुई वर्ष 2015 की घातक लू जल्द ही हमारे लिए रोज की बात हो जाएगी। 

प्रभाकरन ने बताया कि बच्चे बदलते जलवायु से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। उनका शरीर और प्रतिरक्षा प्रणाली अभी भी एक विकासशील चरण में है, जिससे उन्हें बीमारी, प्रदूषण और पर्यावरण प्रदूषक से अधिक प्रभावित होने की संभावना है। 

'लांसेट काउंटडाउन ऑन हेल्थ ऐंड क्लाइमेट चेंज' स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन संबंधी 41 प्रमुख संकेतकों पर वार्षिक विश्लेषण है। यह वार्षिक परियोजना विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक सहित 35 संस्थानों के 120 विशेषज्ञों के सहयोग से चलायी जा रही है।  

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के अनुसार भी वायु प्रदूषण बच्चों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है। हाल ही में यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा फोर ने भारत का दौरा किया। उन्होंने आगाह किया है कि वायु प्रदूषण बच्चों के मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है। फोर ने भारत और दक्षिण एशिया में प्रदूषण से निपटने के लिए उचित कदम उठाने की अपील की है।

उन्होंने कहा, 'हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच गई थी। आप जहरीले स्मॉग को एयर फिल्टर मास्क लगाने के बावजूद महसूस कर सकते थे। मैंने देखा कि कैसे वायु प्रदूषण के चलते बच्चे परेशान हो रहे हैं। प्रदूषण सबसे ज्यादा बच्चों और उनके पूरे जीवन को प्रभावित करता है, क्योंकि बच्चों के फेफड़े छोटे होते हैं। साथ ही बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है। बच्चों में प्रदूषण के चलते मस्तिष्क के टिश्यू और सोचने समझने की क्षमता प्रभावित होती है।'

गौरतलब है कि पिछले दिनों दिल्ली समेत आसपास के राज्यों में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। इसकी वजह से दिल्‍ली-एनसीआर के लोगों को सांस लेना मुश्किल हो गया था। इसके बाद स्‍कूलों की छु‍ट्टी और ऑन-ईवन जैसे कई कदम उठाए गए। वैसे, प्रदूषण की समस्‍या से भारत ही नहीं पाकिस्‍तान के लोग भी परेशान हैं।

पिछले साल की एक रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष यूनिसेफ की भारत में संचार प्रमुख एलेक्जैंड्रा वेस्टरबीक ने भी माना है कि वायु प्रदूषण के संकट से लाखों भारतीय बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशिया में वायु प्रदूषण के कारण एक साल से कम उम्र के करीब 1.22 करोड़ बच्चों का मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है।

हवा में मौजूद खतरा: वायु प्रदूषण किस तरह छोटे बच्चों के मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है, यह बताते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदूषणकारी तत्वों से दिमाग के ऊतक क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और संज्ञानात्मक विकास कमतर हो सकता है।

इससे पता चलता है कि जन्म के 1,000 दिनों के भीतर वायु प्रदूषण, अपर्याप्त पोषण एवं उत्तेजना और हिंसा की चपेट में आने से बच्चों के विकसित हो रहे दिमाग पर असर पड़ने के साथ उनका शुरुआती विकास प्रभावित हो सकता है।

टॅग्स :वायु प्रदूषणहेल्थ टिप्स
Open in App

संबंधित खबरें

भारतDelhi AQI: दिल्ली में गंभीर स्तर पर पहुंचा AQI, लोगों का सांस लेना हुआ मुश्किल

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

भारतMumbai Air Pollution: दिल्ली के बाद मुंबई में वायु गुणवत्ता बेहद खराब, BMC ने 50 से ज्यादा निर्माण स्थलों को भेजा नोटिस

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

भारत'9 में से 1 भारतीय को कैंसर का खतरा': शार्क टैंक जज विनीता सिंह ने मुंबई की एयर क्वालिटी खराब लेवल पर पहुंचने पर जताई गहरी चिंता

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यक्या आपने कभी कुत्ते को कंबल के नीचे, सोफे के पीछे या घर के पिछले हिस्से में खोदे गए गड्ढे में पसंदीदा खाना छुपाते हुए देखा है?, आखिर क्या है वजह

स्वास्थ्यबिहार स्वास्थ्य विभागः 33 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति, मंत्री मंगल पांडेय ने कहा-वैशाली, सीवान और भोजपुर में तैयार हो रहे तीन नए मेडिकल कॉलेज