कृत्रिम बुद्धिमत्ता को किया जाएगा विकसित, तैयार होगा देसी चिकित्सकीय संसाधन, आईआईटी के साथ एम्स ने किया करार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 19, 2022 03:56 PM2022-10-19T15:56:16+5:302022-10-19T15:57:06+5:30

एम्स ने आईआईटी के साथ मिलकर स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को भी विकसित कर रहा है। दरअसल एम्स में दूसरा वार्षिक अनुसंधान दिवस मनाया गया।

AIIMS spectrum clinical and community-based research Artificial intelligence developed medical resources ready MOUs IIT-Delhi, IIT-Kharagpur, THSTI, IGIB, and UCL | कृत्रिम बुद्धिमत्ता को किया जाएगा विकसित, तैयार होगा देसी चिकित्सकीय संसाधन, आईआईटी के साथ एम्स ने किया करार

एम्स के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास, प्रो. रमा चौधरी, डीन (अनुसंधान) ने अपने विचार रखें।

Highlightsएम्स के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास, प्रो. रमा चौधरी, डीन (अनुसंधान) ने अपने विचार रखें। छात्रों ने विभिन्न क्षेत्र से सर्वश्रेष्ठ पेपर (12 मंच और 357 पोस्टर) प्रस्तुत किए। छात्र श्रेणियों में कुल मिलाकर 80 पुरस्कार दिए गए।

नई दिल्लीः अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली एक और मिशन पर काम कर रहा है। देश में सस्ते व आधुनिक मेड इन इंडिया चिकित्सकीय संसाधनों की उपलब्धता के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली ने देशभर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के साथ समझौता किया ‌है।

 

साथ ही एम्स परिसर में साल के अंत तक केंद्रीय कोर अनुसंधान सुविधा को पूरी तरह से विकसित करेगा। इस सुविधा के शुरू होने के बाद एम्स के अलग-अलग विभागों में छोटी-छोटी लैब बनाने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि केंद्रीय स्तर पर एक बड़ी लैब बनाई जाएगी जहां सभी विभागों से डॉक्टर आकर अनुसंधान कर सकेंगे।

इसके अलावा बाहरी को भी अनुसंधान करने के अनुमति दी जाएगी। एम्स ने आईआईटी के साथ मिलकर स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को भी विकसित कर रहा है। दरअसल एम्स में दूसरा वार्षिक अनुसंधान दिवस मनाया गया। इस मौके पर एम्स के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास, प्रो. रमा चौधरी, डीन (अनुसंधान) ने अपने विचार रखें।

आयोजन के दौरान छात्रों ने विभिन्न क्षेत्र से सर्वश्रेष्ठ पेपर (12 मंच और 357 पोस्टर) प्रस्तुत किए। इसमें सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले पोस्टर को पीपुल्स च्वाइस - क्रिटिक्स अवार्ड दिया गया।एम्स के छात्रों द्वारा किए गए शोध को प्रदर्शित करने वाले कुल 357 पोस्टर प्रदर्शित किए गए। यहां छात्र श्रेणियों में कुल मिलाकर 80 पुरस्कार दिए गए।

ए पीपल्स चॉइस - क्रिटिक्स अवार्ड फॉर पोस्टर भी दिया गया।साथ ही, एम्स फैकल्टी द्वारा विकसित 15 उपकरणों को प्रदर्शनी भी दिखाई गई, जिसमें 3 को सम्मानित किया गया। इस मौके पर डॉ. रमा चौधरी ने बताया कि केंद्रीय कोर अनुसंधान सुविधा को साल के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा। यहां पर जीनोमिक्स, प्रोटिओमिक्स, बीएसएल के लिए उच्च स्तर के उपकरण होंगे।

इसके बनने के बाद विभिन्न विभागों में छोटी-छोटी लैब बनाने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने पर लैब में ‌बाहरी अनुसंधानकर्ता को भी सुविधा दी जाएगी। साथ ही विभाग के तरफ से अनुसंधान के लिए सहयोग भी ‌दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि एम्स आईआइटी के साथ मिलकर कृत्रिम बुद्धिमता चिकित्सकीय मशीन तैयार कर रहा है जिससे मैन्यूअल काम पर निर्भरता कम हो। साथ ही स्वास्थ्य सेवाएं आधुनिक होने के साथ सरल हो सकें। विभाग गेस्टो, रेडियोलॉजी सहित अन्य विभागों के लिए अनुसंधान कर रहा है।

 

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