इंदौर में इस वजह से गई 15 मरीजों की आंखों की रोशनी, वजह जान रह जाएंगे दंग

By भाषा | Published: August 27, 2019 06:00 PM2019-08-27T18:00:53+5:302019-08-27T18:00:53+5:30

हाल ही में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले 15 मरीजों की एक-एक आंख को स्यूडोमोनस एरुजिनोसा नाम के बैक्टीरिया के संक्रमण से नुकसान पहुंचा था।

15 lose vision after cataract surgery in Indore, know causes, bacteria name reasons related full information in Hindi | इंदौर में इस वजह से गई 15 मरीजों की आंखों की रोशनी, वजह जान रह जाएंगे दंग

इंदौर में इस वजह से गई 15 मरीजों की आंखों की रोशनी, वजह जान रह जाएंगे दंग

मध्य प्रदेश के इंदौर में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 15 मरीजों की एक-एक आंख की रोशनी जाने के मामले में नये बैक्टीरिया के संक्रमण का खुलासा हुआ है। यह बैक्टीरिया इन ऑपरेशनों को अंजाम देने वाले एक परमार्थ अस्पताल के अप्रयुक्त सर्जिकल दस्ताने की प्रयोगशाला जांच में मिला है। 

हालांकि, इस ताजा रिपोर्ट से मामले में विरोधाभास पैदा हो गया है क्योंकि संक्रमित सर्जिकल दस्ताने में मिले बैक्टीरिया की प्रजाति उस बैक्टीरिया से अलग है जिसका संक्रमण शुरूआती जांच में मरीजों की प्रभावित आंख में पाया गया था। 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रवीण जड़िया ने के अनुसार, शहर के एक सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की जांच में इंदौर नेत्र चिकित्सालय के एक अप्रयुक्त सर्जिकल दस्ताने में "स्टैफायलोकोकस ऑरियस" नाम का बैक्टीरिया मिला है। 

जड़िया ने बताया, "निजी क्षेत्र की एक कम्पनी का निर्मित यह सर्जिकल दस्ताना उसी बैच नम्बर का है, जिस बैच नम्बर के दस्तानों का इस्तेमाल इंदौर नेत्र चिकित्सालय में पांच अगस्त और आठ अगस्त को संपन्न मोतियाबिंद ऑपरेशनों में किया गया था।" 

उन्होंने बताया, "हमारी शुरूआती जांच के मुताबिक ये ऑपरेशन कराने वाले 15 मरीजों की एक-एक आंख को स्यूडोमोनस एरुजिनोसा नाम के बैक्टीरिया के संक्रमण से नुकसान पहुंचा था। हालांकि, इलाज के बाद इनमें से ज्यादातर मरीजों की हालत में अब सुधार है।" 

जड़िया ने बताया कि सर्जिकल दस्ताने के बैक्टीरिया संक्रमित होने की रिपोर्ट भोपाल के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशालय को जरूरी कार्रवाई के लिये भेज दी गयी है। मोतियाबिंद मरीजों को संक्रमण के मामले में बैक्टीरिया प्रजाति के विरोधाभास के बारे में पूछे जाने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, "खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग ने भी कोलकाता, गुवाहाटी और भोपाल की प्रयोगशालाओं को मामले से जुड़े कुछ नमूने भेजे हैं। हम इनकी जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही कहा जा सकेगा कि घातक संक्रमण का जिम्मेदार बैक्टीरिया कौन-सा था और ये मरीजों की आंख में कैसे पहुंचा?" 

बहरहाल, प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के सेवानिवृत्त क्षेत्रीय निदेशक और वरिष्ठ नेत्र सर्जन शरद पंडित का कहना है कि स्टैफायलोकोकस ऑरियस और स्यूडोमोनस एरुजिनोसा, दोनों बैक्टीरिया का संक्रमण मरीजों की आंख के लिये घातक हो सकता है। लिहाजा मोतियाबिंद ऑपरेशन बिगड़ने के मामले में जल्दबाजी में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता। 

इंदौर नेत्र चिकित्सालय एक परमार्थ ट्रस्ट द्वारा चलाया जाता है। इस महीने मोतियाबिंद ऑपरेशन बिगड़ने के बाद प्रदेश सरकार इस अस्पताल का पंजीयन रद्द कर चुकी है। मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में जिला अंधत्व नियंत्रण सोसायटी के प्रभारी डॉ. टीएस होरा को निलंबित किया जा चुका है। 

हालांकि, गैर सरकारी संगठनों ने मामले में जांच के नाम पर लीपापोती का आरोप लगाते हुए मांग की है कि प्रदेश सरकार एक स्वतंत्र समिति से इस गंभीर प्रकरण की जांच कराये और मोतियाबिंद ऑपरेशनों में चूक के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराये। 

Web Title: 15 lose vision after cataract surgery in Indore, know causes, bacteria name reasons related full information in Hindi

स्वास्थ्य से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे