FIFA World Cup 2018: ग्रुप-जी में बेल्जियम और इंग्लैंड होंगे बड़े दावेदार
By विनीत कुमार | Published: June 14, 2018 07:38 AM2018-06-14T07:38:19+5:302018-06-14T07:38:19+5:30
पनामा की टीम पहली बार वर्ल्ड कप खेलने उतरेगी जबकि अफ्रीकी टीम ट्यूनिशिया 12 साल बाद वर्ल्ड कप खेलेगी।
नई दिल्ली, 14 जून: फीफा वर्ल्ड कप-2018 के ग्रुप-जी की बात करें तो सभी की नजर बेल्जियम और इंग्लैंड पर होंगी। इस ग्रुप में दो अन्य टीमें पनामा और ट्यूनिशिया भी हैं। पनामा की टीम पहली बार वर्ल्ड कप खेलने उतरेगी जबकि अफ्रीकी टीम ट्यूनिशिया 12 साल बाद वर्ल्ड कप खेलेगी। आईए, नजर डालते इस ग्रुप में शामिल सभी टीमों पर...
बेल्जियम: ये दुनिया के बेहतरीन फुटबॉल टीमों में गिनी जाती है। फीफा रैंकिंग में ये टीम तीसरे नंबर पर है पर दिलचस्प ये है कि टीम कभी भी फीफा वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में नहीं पहुंची है।
स्टार खिलाड़ी, केविन डे ब्रुएन: मैनचेस्टर सिटी के लिए खेलने का वाला ये खिलाड़ी 26 साल का है। केविन मिडफील्ड पर खेलते हैं और पिछले वर्ल्ड कप में 2 गोल दागे थे। इसके अलावा रोमेलू लुकाकू, इडेन हाजर्ड और गोलकीपर थिबाउट कुरट्वायस जैसे बड़े नाम भी टीम में हैं।
कोच, रोबर्टो मार्टिनेज: बेल्जियम यूरो-2016 में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद स्पेन के मार्क विलमोट्स को कोच बनाया।
पनामा: इस देश की जनसंख्या 40 लाख है और ये टीम पहली बार क्वॉलिफाई कर वर्ल्ड कप में पहुंची है। पनामा ने क्वॉलिफायर के फाइनल में कोस्टारिका को 2-1 से हराकर वर्ल्ड कप के लिए क्वॉलिफाई किया। फीफा रैंकिंग में पनामा की टीम 55वें स्थान पर है।
स्टार खिलाड़ी, लुइस तेजादा: ये स्ट्राइकर पनामा के लिए 43 गोल कर चुका है। (और पढ़ें- फीफा वर्ल्ड कप का खुमार, इन होटलों में मिलेगा ‘नेमार फ्री किक चिकन' और 'मेसी मैजिक पिज्जा’)
कोच: टीम के कोच कोलंबिया के हर्नन डारियो गोमेज हैं। गोमेज को कोचिंग में लंबा अनुभव है। गोमेज इससे पहले 1998 के वर्ल्ड कप में कोलंबिया को, 2002 के वर्ल्ड कप में इक्वाडोर को भी क्वॉलिफाई कराने में बड़ी भूमिका निभा चुके हैं।
ट्यूनिशिया: उत्तरी अफ्रीका की ये टीम 12 साल बाद पहली बार वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही है। ट्यूनिशिया का ये पांचवां वर्ल्ड कप होगा लेकिन टीम कभी भी ग्रुप स्टेज से आगे नहीं जा सकी है। फीफा रैंकिंग में ये टीम 21वें स्थान पर है।
स्टार खिलाड़ी, यूसेफ मसाकनी: 27 साल के इस फॉरवर्ड खिलाड़ी ने टीम को वर्ल्ड कप में क्वॉलिफाई कराने में बड़ी भूमिका निभाई। इसके अलावा वहाब काजरी और ऐमेन एबडेनोर भी अहम नाम हैं।
कोच: टीम के कोच नाबिल मालूल हैं। ट्यूनिशिया ने 2002 में जब अफ्रीकन कप ऑफ नेशंस जीता था तब भी मालूल इस टीम के साथ थे। वह तब के कोच रोजर लेमेरे के सहायक के तौर पर टीम से जुड़े थे। मालूल को वर्ल्ड कप क्वॉलिफाइंग के दौरान हेनरी कासपरजेक की जगह ट्यूनिशिया का कोच बनाया गया। (और पढ़ें- फीफा वर्ल्ड कप 2026 के मेजबान का हुआ ऐलान, रूस में वोटिंग से हुआ फैसला)
इंग्लैंड: वर्ल्ड कप के इतिहास को देखें तो ये बड़ी मजबूत टीम है। हालांकि, 2014 में ग्रुप स्टेज से बाहर होने और यूरो 2016 में राउंड ऑफ 16 से बाहर होने के कारण टीम के इस बार के प्रदर्शन को लेकर बहुत उम्मीदें नहीं हैं। एक तरह से कहें तो वर्ल्ड कप में इस बार इंग्लैंड की एकदम युवा टीम है, इसलिए भी बहुत ज्यादा उम्मीद फैंस को नहीं है।
स्टार खिलाड़ी, हैरी केन: हैरी हाल के वर्षों में दुनिया के बेहतरीन स्ट्राइकरों में गिने जाने लगे हैं। हैरी ने इंग्लैंड के लिए 23 मैचों में 12 गोल किए हैं।
कोच: टीम के कोच गेराथ साउथगेट हैं। गेराथ ने सितंबर-2016 में टीम की कमान संभाली। गेराथ को बड़े टूर्नामेंट का बहुत अनुभव नहीं है लेकिन वह बिना डरे बड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं। फीफा रैंकिंग में टीम 11वें नंबर पर है। (फीफा वर्ल्ड कप से जुड़ी सारी खबरें यहां पढ़ें)