पूरे देश में इस समय क्रिसमस की धूम है। लोग अपनों के साथ क्रिसमस की खुशियां मना रहे हैं। जहां एक ओर चर्च में लोग प्रार्थना के लिए जुट रहे हैं वहीं अपने दोस्तों के साथ लोग बाहर जाने का प्लान भी कर रहे हैं। ईसाई समाज के साथ-साथ समाज का हर वर्ग जश्न और उमंग के इस त्योहार को मना रहा है। इस त्योहार में लोग एक-दूसरे का मुंह मीठा केक से कराते हैं मगर क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले केक कहां और कब बना था। आइए क्रिसमक के इसी मौके पर हम बताते हैं आपको केक का इतिहास।
16वीं सदी में बना था पहला क्रिसमस केक
क्रिसमस के केक का कॉन्सेप्ट 16वीं सदी का है। इससे पहले कभी भी क्रिसमस पर केक काटने की प्रथा या बनाने की प्रथा नहीं शुरू हुई थी। जानकारों के मुताबिक पुराने समय में लोग ब्रेड और सब्जियां मिलाकर एक डिश बनाया करते थे। जिसे प्लम पुडीज की प्रथा कहा जाता था। 16 वीं शताब्दी में ही उसे पुडिंग से निकालकर उसमें गेहूं के आटे का उपयोग किया जाने लगा।
इसके बाद इसमें अंडा, मक्खन और उबाले गए फलों का प्लम मिलाया जाने लगा। अब इन्हीं में से कुछ लोगों के पास तंदूर हुआ करता था। जिमसें वो इस डिश को रखकर पकाने लगे। बस फिर धीरे-धीरे इस पकवान ने केक का स्वरूप ले लिया।
एक महीने पहले से शुरू हो जाती है केक बनाने की तैयारी
बताया जाता है कि क्रिसमक के लिए तैयार किए जाने वाले केक की तैयारी एक महीने पहले से की जाती है। क्रिसमस पर सबसे ज्यादा जिस केक की डिमांड होती है वो है फ्रूट केक। इस केक की खासियत होती है कि इसमें ड्र्राई फ्रूट की मात्रा अधिक होती है। प्लम केक भी लोग खरीदते हैं।
केक में डाला जाता है किशमिश
क्रिसमस के इस केक को फंगस से बचाए रखने के लिए सबसे ज्यादा किशमिश का उपयोग किया जाता है। लोग एक दो महीने पहले से ही किशमिश को धोकर और सुखा कर रखते हैं। क्योंकि किशमिश में जरा सी भी नमी रह जाए तो केक के खराब होने संभावना होती है।