लॉन्जरी शॉपिंग करते समय हर लड़की सोचती है ये 10 अटपटी बातें!
By गुलनीत कौर | Published: January 3, 2019 05:31 PM2019-01-03T17:31:28+5:302019-01-03T17:31:28+5:30
लॉन्जरी शॉपिंग के लिए शॉप के बाहर पहुंचना और बिना इधर उधर देखे अन्दर घुस जाना, यह सबसे पहला काम होता है। अन्दर जाते ही किसी सीसीटीवी कैमरा की तरह नजरें चारों ओर घूमती हैं। दिमाग में तब कई सवाल आते हैं - शॉप में कितने लोग हैं? यहां जान पहचान का कोई शख्स तो नहीं?
शॉपिंग लड़कियों का फेवरिट काम होता है। उनका मूड अच्छा हो तो वे शॉपिंग करती हैं और अगर खराब हो तो उसे ठीक करने के लिए भी वे शॉपिंग करना ही पसंद करती हैं। लेकिन कुछ शॉपिंग उन्हें प्लानिंग के साथ करनी पड़ती है। ताकि कोई गलती ना हो जाए। जैसे कि लॉन्जरी यानी अंडर गार्मेंट्स की शॉपिंग। इस तरह की शॉपिंग करते समय लड़कियों के दिमाग में कैसी कैसी बातें आती हैं, आइए आपको बताते हैं:
1) लॉन्जरी शॉपिंग के लिए शॉप के बाहर पहुंचना और बिना इधर उधर देखे अन्दर घुस जाना, यह सबसे पहला काम होता है
2) अन्दर जाते ही किसी सीसीटीवी कैमरा की तरह नजरें चारों ओर घूमती हैं। दिमाग में तब कई सवाल आते हैं - शॉप में कितने लोग हैं? यहां जान पहचान का कोई शख्स तो नहीं? सबसे पहले किस तरफ जाऊं?
3) इसके बाद नजर उस काउंटर पर पड़ती है जहां से उसे शॉपिंग करनी है
4) अब उस काउंटर पर अगर लड़की मौजूद है तो कोई दिक्कत नहीं, लेकिन अगर आसपास कोई लड़का (सेल्समैन) हो तो मुसीबत वहीं से शुरू हो जाती है
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5) अब सेल्स गर्ल के पास पहुँचने के बाद दिमाग में ढेर सारी बातें चल रही होती हैं लेकिन कहाँ से शरूआत करें समझ में नहीं आता
6) किसी तरह हिम्मत जुटाकर सेल्स गर्ल से जरूरत का सामान माना जाता है लेकिन इसके बाद पलक झलकते ही आगे से सवाल आता है - 'मैडम साइज़'?
7) सवाल सुनते ही आंखें चारों ओर घूमती हैं और फिर धीमी आवाज में जवाब दिया जाता है। इसके बाद तो मानों सवालों की फायरिंग ही हो जाती है - मैडम साइज़ A, B या C? मैडम पैडेड या नॉन-पैडेड? रंग? डिजाईन? टाइप?
8) इस फायरिंग को झेलने के बाद भी मामला खत्म नहीं होता। सेल्स गर्ल पैसा बनाने के लिए ढेर सारे डिजाईन और विभिन्न टाइप की चीजें ले आती है जिसे देख सिर चकरा जाता है
9) अब जोश में आकर उसमें से सबसे सेक्सी प्रोडक्ट पिक तो किया जाता है लेकिन क्या फायदा? आखिरकार है तो ये एक अंडर गार्मेंट ही!
10) फिर हमेशा की तरह पहले जैसी चीज लेकर, पेमेंट करके शॉपिंग को खत्म किया जाता है। कितना आसान था!