Created By: AAJTAK
Translated By : लोकमत हिन्दी
FACT CHECK: उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई थी। सोशल मीडिया पर एक मुस्कराते हुए शव की फोटो तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि यह फोटो हिंसा के दौरान मारे गए एक शख्स की है।
एक्स पर उवेद मुअज़्ज़म (@mohd_uved) नामक यूजर ने तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, "या शहीदे अस्सलाम, लोगों का सपना होता है हसी ख़ुशी शहीद होना। भाई ने तो अपनी जान मस्जिद के लिए दे दी। ये चहरे का नूर और ख़ुशी बता रही है कि भाई की शहादत क़ुबूल हुई। अल्लाह जन्नत में आला से आला मुकाम अता फ़रमाए , आमीन"
हालांकि जब लोकमत हिन्दी ने इस वायरल फोटो की वास्तविकता जानने के लिए फैक्ट चेक किया तो नतीजा कुछ और ही निकला। दरअसल, ये फोटो फर्जी है और इसका संभल हिंसा से कोई लेनादेना नहीं है।
वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें यह ‘pullup4success’ नाम के एक इंस्टाग्राम अकाउंट पर मिली। यहां इसे 20 अक्टूबर को अपलोड किया गया था। जबकि ध्यान देने वाली बात ये है कि संभल हिंसा की शुरुआत 24 नंवबर को हुई थी। यानी एक बात साफ है कि यह तस्वीर संभल हिंसा के पहले से इंटरनेट पर मौजूद है।
एक एक्स यूजर ने इस तस्वीर को 15 अक्टूबर को भी पोस्ट किया था। यहां कमेंट्स में एक यूजर ने इसे एडिटेड बताया है और ‘असली तस्वीर’ के साथ इसकी तुलना की है, जिसे असली तस्वीर बताया गया है उसमें युवक मुस्कुरा नहीं रहा। यूजर ने बताया है कि शव के चेहरे पर फोटो एडिटिंग ऐप के स्माइल फिल्टर का इस्तेमाल किया गया है।
रिजल्टः गलत
फैक्ट चेक को वेबसाइट AAJTAK ने प्रकाशित किया है।
इसका अनुवाद 'लोकमतन्यूज.इन' ने 'शक्ति कलेक्टिव' के हिस्से के रूप में किया है।