क्या है 'अटल टिंकरिंग लैब', जानिए इसके फायदे?
By विकास कुमार | Published: June 11, 2019 05:55 PM2019-06-11T17:55:19+5:302019-06-11T17:55:19+5:30
अटल टिंकरिंग लैब (ATL) भारत सरकार द्वारा देश की शिक्षा व्यवस्था में पैराडाइम शिफ्ट लाने के मकसद से लांच की गई थी. स्टूडेंट्स के बीच इनोवेशन, क्रिएटिविटी और वैज्ञानिक पहलुओं को बढ़ावा देना इसका मुख्य मकसद है.
बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच को विकसित करने के मकसद से नीति आयोग ने अटल इनोवेशन मिशन के तहत अटल टिंकरिंग लैब का देश भर में प्रयोग शुरू किया था.
इस योजना के प्रारंभिक चरण में एनडीएमसी के तहत आने वाले दिल्ली के 15 स्कूलों का चयन किया गया था जिसके बाद पूरे देश भर में 3000 स्कूलों का अटल टिंकरिंग लैब के लिए चयन किया गया. सरकार की मंशा अगले वर्ष तक देश भर में 10 हजार ऐसे लैब स्थापित करने की है.
क्या है 'अटल टिंकरिंग लैब'
अटल टिंकरिंग लैब (ATL) भारत सरकार द्वारा देश की शिक्षा व्यवस्था में पैराडाइम शिफ्ट लाने के मकसद से लांच की गई थी. स्टूडेंट्स के बीच इनोवेशन, क्रिएटिविटी और वैज्ञानिक पहलुओं को बढ़ावा देना इसका मुख्य मकसद है.
एडोबी, अमेज़न, इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट और आईबीएम जैसी दिग्गज अंतर्राष्ट्रीय टेक कंपनियां मोदी सरकार की अटल इनोवेशन मिशन के तहत साझेदार हैं और इसी योजना के तहत अटल टिंकरिंग लैब की शुरूआत की गई है.
यह लैब 3D प्रिंटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के नए तकनीकों से छात्रों को रूबरू होने का अवसर देता है.
अटल टिंकरिंग लैब बच्चों को 21 वीं शताब्दी के जरूरी स्किल्स और उनसे मुखातिब होने का मौका प्रदान करेगा. शिक्षा व्यवस्था के पहले पायदान से ही उन्हें प्रोफेशनल और पर्सनल स्किल्स को साधने का उपयुक्त मौका देता है. केंद्र की मोदी सरकार इसे न्यू इंडिया के सपनों को पूरा करने के लिए सबसे बड़ा कदम मानती है.
नौजवानों को तकनीक के आधुनिकतम प्रारूप से जुड़ने का मौका मिलेगा. अटल टिंकरिंग लैब को स्थापित करने का सुझाव नीति आयोग ने केंद्र सरकार को दिया था. इस लैब के तहत यंग माइंडस को STEM(साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स) के जरिये प्रोफेशनल और स्किल्ड बनाया जाएगा.
Atal Tinkering Labs are bringing innovation to the schools and encouraging students to expand their horizons with practical knowledge. Watch what Priyanshi Gupta from Chandauli, Uttar Pradesh has to say… https://t.co/HDwI3mHOL2 #TransformingIndiapic.twitter.com/0OvGx4xhE4
— MyGovIndia (@mygovindia) June 11, 2019
क्यों जरूरी है 'अटल टिंकरिंग लैब'
बीते वर्ष आये एस्पायरिंग माइंड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 94 प्रतिशत इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स हायरिंग के लायक नहीं हैं. आईटी सेक्टर में आये नए तकनीकों की जानकारी इन्हें ना के बराबर है.
मशीन लर्निंग, इन्टरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे उभरते नए तकनीकों से युवा पीढ़ी को स्कूलों में ही परिचित करवाना होगा ताकि इंडस्ट्री के स्किल्ड डिमांड को पूरा किया जा सके. अटल टिंकरिंग लैब इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.