Teachers Day 2019: जानिए किसकी याद में मनाया जाता है शिक्षक दिवस और 5 सितंबर को ही क्यों?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 4, 2019 10:29 AM2019-09-04T10:29:04+5:302019-09-04T10:29:04+5:30
Sarvepalli Radhakrishnan Former President of India biography: डॉ. राधाकृष्णन भारत के द्वितीय राष्ट्रपति बने। सन् 1967 तक राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने देश की अमूल्य सेवा की। उन्होंने अपना जन्मदिवस शिक्षकों के लिए समर्पित किया। इसलिए 5 सितंबर सारे भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत हर साल 5 सितंबर को टीचर्स डे यानी शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर को ही भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन होता है। वे एक महान व्यक्ति और उम्दा शिक्षक थे। उनकी याद में ही हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में
प्रकांड विद्वान और दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दक्षिण भारत के तिरूतनी नाम के एक गांव में हुआ था। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने दर्शन शास्त्र में एम.ए. की उपाधि ली और सन् 1916 में मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक नियुक्त हो गए।
इसके बाद राधाकृष्णन प्राध्यापक भी रहे। डॉ. राधाकृष्णन ने अपने लेखों और भाषणों के माध्यम से विश्व को भारतीय दर्शनशास्त्र से परिचित कराया। सारे विश्व में उनके लेखों की प्रशंसा की गई। वे भारतीय दर्शन शास्त्र परिषद् के अध्यक्ष भी रहे। वे पेरिस में यूनेस्को नामक संस्था की कार्यसमिति के अध्यक्ष भी बनाए गए। सन् 1949 से सन् 1952 तक डॉ. राधाकृष्णन रूस की राजधानी मास्को में भारत के राजदूत पद पर रहे। सन् 1952 में वे भारत के उपराष्ट्रपति बनाए गए। इस महान दार्शनिक शिक्षाविद और लेखक को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी ने देश का सर्वोच्च अलंकरण भारत रत्न प्रदान किया। 13 मई, 1962 को डॉ. राधाकृष्णन भारत के द्वितीय राष्ट्रपति बने। सन् 1967 तक राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने देश की अमूल्य सेवा की। उन्होंने अपना जन्मदिवस शिक्षकों के लिए समर्पित किया। इसलिए 5 सितंबर सारे भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस
यह बात 1962 की है, जब डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के राष्ट्रपति बने थे। उनके इस पद पर बैठने के बाद उनके कुछ विद्यार्थियों ने 5 सितंबर को देशभर में उनका जन्मदिवस मनाने के लिए निवेदन किया। डॉ राधाकृष्णन ने अपने विद्यार्थियों का निवेदन तो स्वीकार किया, परंतु उसमें अपनी भी सोच रखी।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उनके जन्मदिवस को देशभर में 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाना चाहिए। वे एक शिक्षक हैं और उन्हें इस बात की प्रसन्नता होगी अगर उनके जन्मदिन पर सभी शिक्षकों को आदर एवं सम्मान मिले। तब से लेकर आज तक 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
इसदिन स्कूलों में शिक्षकों के लिए खास आयोजन कै जाते हैं। कुछ स्कूलों में सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को इनाम भी दिए जाते हैं। भारत और राज्य सरकारों द्वारा भी हर साल शिक्षक दिवस के मौके पर साल भर मेहनत और लगन से शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योगदान देने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाता है।