NCERT ने 12वीं कक्षा की पुस्तक में अनुच्छेद 370 हटाने का विषय जोड़ा, जानें और क्या हुए बदलाव

By भाषा | Published: July 21, 2020 05:15 PM2020-07-21T17:15:11+5:302020-07-21T17:15:11+5:30

गौरतलब है कि इससे पहले इसी महीने एक विवाद उस समय उत्पन्न हो गया था जब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कोविड-19 के कारण पाठ्यक्रम में कटौती की थी और विपक्ष ने आरोप लगाया था कि एक विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिये भारतीय लोकतंत्र और बहुलतावाद पाठ को हटाया गया।

NCERT added the topic of removing article 370 in 12th grade book, learn and what changes | NCERT ने 12वीं कक्षा की पुस्तक में अनुच्छेद 370 हटाने का विषय जोड़ा, जानें और क्या हुए बदलाव

NCERT ने 12वीं कक्षा की पुस्तक में अनुच्छेद 370 हटाने का विषय जोड़ा, जानें और क्या हुए बदलाव

Highlightsपाठ में जून 2018 में लगाए गए राष्ट्रपति शासन का भी जिक्र है जब भाजपा ने महबूबा मुफ्ती सरकार से समर्थन वापस ले लिया था । इसके अंत में अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने का उल्लेख किया गया है।

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान पुस्तक के एक पाठ में संशोधन करते हुए इसमें से जम्मू कश्मीर में अलगाववादी राजनीति पर पैराग्राफ को हटा दिया है और पिछले वर्ष प्रदेश के विशेष दर्जे को खत्म करने का संक्षिप्त उल्लेख किया है। एनसीईआरटी ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिये पाठ्य पुस्तक में ‘‘ स्वतंत्रता के बाद भारत की राजनीति’’ पाठ में संशोधन किया है।

पाठ से ‘‘अलगाववाद और उसके आगे’’ को हटा दिया गया है जबकि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के विषय को ‘‘ क्षेत्रीय आकांक्षाओं’’ विषय के तहम शामिल किया गया है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त करते हुए प्रदेश को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया था । अलगाववाद से जुड़े जिस अंश को पाठ से हटाया गया है, उसमें यह कहा गया था कि अलगावादियों का एक धड़ा कश्मीर को भारत और पाकिस्तान से अलग राष्ट्र चाहता है। एक अन्य धड़ा कश्मीर को पाकिस्तान के साथ विलय कराना चाहता है। तीसरा धड़ा भारतीय संघ के तहत राज्य के लोगों के लिये अधिक स्वायत्तता चाहता है।

पाठ में जून 2018 में लगाए गए राष्ट्रपति शासन का भी जिक्र है जब भाजपा ने महबूबा मुफ्ती सरकार से समर्थन वापस ले लिया था । इसके अंत में अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने का उल्लेख किया गया है। जम्मू कश्मीर के बारे में संशोधित अंश में कहा गया है कि भारत के संविधान के तहत जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा प्राप्त था। इसके बावजूद क्षेत्र में हिंसा, सीमापार आतंकवाद और राजनीतिक अस्थिरता देखी गई जिसके आंतरिक एवं बाह्य प्रभाव थे । इस अंश में कहा गया है कि अनुच्छेद के परिणामस्वरूप निर्दोष नागरिकों, सुरक्षा बलों सहित काफी जानों का नुकसान हुआ । इसके अलावा कश्मीर घाटी से काफी मात्रा में कश्मीरी पंडितों का विस्थापन हुआ ।

संशोधित अंश में कहा गया है, ‘‘ 5 अगस्त 2019 को संसद ने अनुच्छेद 370 के तहत प्राप्त विशेष दर्जे को समाप्त करने को मंजूरी दी । राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया- बिना विधानसभा के लद्दाख और इसके सहित जम्मू कश्मीर। ’’ संशोधित पाठ्यपुस्तक में 2002 के बाद से जम्मू कश्मीर में होने वाले घटनाक्रमों का जिक्र किया गया है।

गौरतलब है कि इससे पहले इसी महीने एक विवाद उस समय उत्पन्न हो गया था जब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कोविड-19 के कारण पाठ्यक्रम में कटौती की थी और विपक्ष ने आरोप लगाया था कि एक विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिये भारतीय लोकतंत्र और बहुलतावाद पाठ को हटाया गया। हालांकि, बोर्ड ने जोर दिया कि यह केवल इस अकादमिक वर्ष के लिये है और केवल एक विषय तक ही सीमित नहीं है जैसा कि कुछ लोगों द्वारा पेश किया जा रहा है।

Web Title: NCERT added the topic of removing article 370 in 12th grade book, learn and what changes

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