दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू चुनाव समिति को 6 सितंबर को हुये छात्र संघ के चुनाव परिणाम घोषित करने की अनुमति दी। उच्च न्यायालय ने जेएनयू को लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार चुनाव परिणाम को अधिसूचित करने की भी अनुमति दी। कोर्ट ने विश्वविद्यालय को 17 सितंबर तक चुनाव परिणाम अधिसूचित करने से रोक दिया था। उसने दो छात्रों की दो याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया।
छात्रों ने आरोप लगाया था कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ में काउंसलर के चुनाव के लिए उनके पर्चे को अवैध तरीके से खारिज कर दिया गया। बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव में शुक्रवार को 67.9 फीसदी मतदान हुआ था। माना जा रहा है कि पिछले सात साल के मुकाबले इस बार सबसे ज्यादा मतदान हुआ है। पिछले साल 67.8 फीसदी मतदान हुआ था।
चुनाव में विभिन्न पदों के लिए 14 उम्मीदवार मैदान में हैं। मतों की गिनती रात नौ बजे से शुरू होनी थी। चुनाव समिति के अध्यक्ष शशांक पटेल ने कहा, ‘‘शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जो डीन ऑफ स्टूडेंट्स भी हैं, ने मतदान केंद्र के अंदर जाकर चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया।
यह लिंगदोह समिति की सिफारिशों और उच्च न्यायालय के एक आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है।’’ डीन उमेश कदम ने इस मुद्दे पर फोन और संदेशों का जवाब नहीं दिया।