डिजिटल शिक्षा के दौरान तनाव से निपटने के लिए एचआरडी मंत्रालय ने तैयार किया दिशानिर्देश

By भाषा | Published: July 14, 2020 07:52 PM2020-07-14T19:52:45+5:302020-07-14T19:52:45+5:30

दिशा निर्देशों में डिजिटल शिक्षा के दौरान शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य एवं कुशलता से जुड़े आयाम पर ध्यान देने पर भी जोर दिया गया है।

HRD Minister releases guidelines for online education ‘Pragyata’ | डिजिटल शिक्षा के दौरान तनाव से निपटने के लिए एचआरडी मंत्रालय ने तैयार किया दिशानिर्देश

डिजिटल शिक्षा के दौरान तनाव से निपटने के लिए एचआरडी मंत्रालय ने दिशानिर्देश तैयार किया। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsमानव संसाधन विकास मंत्रालय ने डिजिटल शिक्षा के दौरान छात्रों में मानसिक एवं शारीरिक तनाव से निपटने सहित अन्य मुद्दों पर डिजिटल शिक्षा दिशा निर्देश तैयार किया है।इन दिशा निर्देशों में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिये प्रति दिन के हिसाब से आनलाइन सत्र की अवधि और संख्या निर्धारित की गई है।

नई दिल्ली।मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने डिजिटल शिक्षा के दौरान छात्रों में मानसिक एवं शारीरिक तनाव से निपटने सहित अन्य मुद्दों पर स्कूलों के प्रमुखों, शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों के लिये डिजिटल शिक्षा दिशा निर्देश तैयार किया है। केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को यह दिशा निर्देश जारी किया। इन दिशा निर्देशों में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिये प्रति दिन के हिसाब से आनलाइन सत्र की अवधि और संख्या निर्धारित की गई है।

रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर कहा, ‘‘स्कूलों के प्रमुखों, शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों के लिये डिजिटल शिक्षा दिशा निर्देश ‘‘प्राज्ञाता’’ पेश कर रहे हैं।’’ मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि इसमें डिजिटल शिक्षा के दौरान मानसिक एवं शारीरिक तनाव से निपटने सहित छात्रों आदि के लिये अन्य मुद्दों पर अनुशंसाएं की गयी हैं।

मंत्रालय के बयान के अनुसार, मंत्री ने कहा, ‘‘डिजिटल और ऑनलाइन शिक्षा पर यह दिशा निर्देश बेहतर गुणवत्ता के साथ ऑनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाने में मददगार होगा।’’ इन दिशा निर्देशों में डिजिटल पहुंच वाले छात्रों, सीमित डिजिटल पहुंच वाले छात्रों या डिजिटल पहुंच से वंचित छात्रों, सभी के लिये एनसीईआरटी के वैकल्पित अकादमिक कैलेंडर के उपयोग पर जोर दिया गया है।

प्राज्ञाता दिशा निर्देश में डिजिटल या ऑनलाइन शिक्षा को लेकर आठ कदम सुझाएं गए हैं जिसमें योजना, समीक्षा, व्यवस्था, मार्गदर्शन, वार्ता, कार्य, निगरानी और सराहना शामिल है। इसमें स्कूलों के प्रमुखों, शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों के लिये विभिन्न क्षेत्रों में सुझाव दिये गए हैं जिनमें मूल्यांकन की जरूरत, ऑनलाइन शिक्षा के दौरान अवधि, समावेश, ऑनलाइन संतुलन, ऑफलाइन गतिविधि आदि को लेकर योजना बनाते समय विभिन्न चिंताओं को ध्यान में रखने की बात कही गई है।

शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य एवं कुशलता से जुड़े आयाम पर जोर

इन दिशा निर्देशों में डिजिटल शिक्षा के दौरान शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य एवं कुशलता से जुड़े आयाम पर ध्यान देने पर भी जोर दिया गया है। इसमें साइबर सुरक्षा, आचार, साइबर सुरक्षा को बनाये रखने के लिये उठाये जाने वाले एहतियात पर भी बल दिया गया है। इसमें कहा गया है कि पूर्व प्राथमिक कक्षा के लिये नियत दिन में अभिभावकों के साथ चर्चा करने की बात कही गई है जो 30 मिनट की हो सकती है।

पहली से बारहवीं कक्षा के छात्रों को एनसीईआरटी के वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर को अपनाने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा जब प्राथमिक कक्षा के लिये ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएं तब पहली कक्षा से आठवीं कक्षा के छात्रों को समकालिक ऑनलाइन शिक्षा को लेकर उस दिन दो सत्र से अधिक आयोजित न हो और यह 30-45 मिनट का हो । इसी प्रकार से नौवीं से बारहवी कक्षा के लिये समकालीन आनलाइन शिक्षा निर्धारित दिवस चार सत्र से अधिक का न हो । गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए देश के स्कूलों में अभी डिजिटल माध्यम से पठन-पाठन का कार्य चल रहा है।

Web Title: HRD Minister releases guidelines for online education ‘Pragyata’

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