मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बनाई समिति, भारत में रहकर छात्रों के पढ़ने पर देगी सुझाव

By भाषा | Published: July 24, 2020 08:35 PM2020-07-24T20:35:41+5:302020-07-24T20:35:41+5:30

मानव संसधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी अध्यक्ष के नेतृत्व में समित गठित करने का निर्णय लिया है, जो भारत में रहकर अधिक छात्र पढ़ सकें, इसके लिए सुझाव देगी।

HRD Minister forms committee to ensure more students stay in India and study in India | मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बनाई समिति, भारत में रहकर छात्रों के पढ़ने पर देगी सुझाव

केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक समित गठन की जानकारी दी। (फाइल फोटो)

Highlightsनिशंक ने ‘भारत में रूके और भारत में पढ़ें’’ विषय पर मंत्रालय से जुड़े तकनीकी एवं स्वायत्त संस्थानों के प्रमुखों के साथ गहन विचार विमर्श किया।इस बैठक में यूजीसी, एआईसीटीई के प्रमुखों, मंत्रालय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

नई दिल्ली। मानव संसधन विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष के नेतृत्व में एक समिति गठित करने का निर्णय किया। भारत में रहकर अधिक छात्र पढ़ सकें तथा कोविड-19 के कारण विदेशों से भारतीय छात्र सुचारू रूप से स्वदेश वापसी कर सके, समिति इससे संबंधित उपायों के बारे में अपने सुझाव देगी। केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यह घोषणा की।

निशंक ने ‘भारत में रूके और भारत में पढ़ें’’ विषय पर मंत्रालय से जुड़े तकनीकी एवं स्वायत्त संस्थानों के प्रमुखों के साथ गहन विचार विमर्श किया। इस बैठक में यूजीसी, एआईसीटीई के प्रमुखों, मंत्रालय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। अधिकारियों ने बताया ‘‘समिति एक पखवाड़े में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।’’

यूजीसी के अध्यक्ष एक समिति का नेतृत्व करेंगे

मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस बैठक में निर्णय किया गया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एक समिति का नेतृत्व करेंगे जो अधिक से अधिक छात्रों के भारत में रहकर अध्ययन करने के संबंध में दिशानिर्देश और उपाय सुझाएगी। यह समिति अच्छा प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालयों में दाखिला बढ़ाने के लिये एक तंत्र भी सुझाएगी।

इसमें बहु-विषय और एवं नवोन्मेषी कार्यक्रम शुरू करने को लेकर व्यवस्था तलाशी जाएगी। साथ ही सेंटरों की क्रॉस कंट्री डिजाइनिंग, विदेश में प्रख्यात शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन व्याख्यान की सुविधा, शिक्षण संस्थानों और उद्योगों के बीच जुड़ाव की सुविधा, जॉइंट डिग्री वेंचर्स की सुविधा और उच्च शिक्षण संस्थानों में बाद में भी दाखिले की व्यवस्था की जाएगी। बयान के अनुसार, एआईसीटीई के अध्यक्ष तकनीकी संस्थानों से संबंधित मुद्दों की देख-रेख करेंगे।

इन संस्थानों के निदेशकों की उप समितियां होंगी गठित

बैठक में यह भी तय किया गया कि आईआईटी, एनआईटी और आईआईआईटी के निदेशकों और केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के सीओए और कुलपतियों वाली उप समितियां गठित की जाएंगी जो यूजीसी के अध्यक्ष और एआईसीटीई के अध्यक्ष की सहायता करेंगी। शिक्षा क्षेत्र के अनुभव को देखते हुए एनटीए के अध्यक्ष और सीबीएसई के अध्यक्ष को भी सुझाव देने के लिए बुलाया जा सकता है।

इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि विदेशों में पढ़ने के इच्छुक कई छात्रों ने कोविड-19 के कारण भारत में ही रहने और यहां अपनी पढ़ाई करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘‘अपनी पढ़ाई पूरी होने की चिंता के साथ भारत लौटने वाले छात्रों की संख्या भी बढ़ रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इन दोनों तरह के छात्रों की जरूरतों पर ध्यान देने के लिए सभी प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह स्थिति चिंता के दो महत्वपूर्ण विषयों से जुड़ी है।’’

2019 में 50 हजार छात्रों ने पढ़ाई के लिए विदेश यात्रा की

निशंक ने कहा‘‘ वर्ष 2019 के दौरान लगभग सात लाख 50 हजार छात्रों ने अपनी पढ़ाई के लिए विदेश यात्रा की और इस वजह से मूल्यवान विदेशी मुद्रा भारत से बाहर चली गई और साथ ही कई प्रतिभावान छात्र विदेश चले गए।’’

उन्होंने कहा कि हमें भारत में अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिभावान छात्रों की मदद करने के लिए सभी प्रयास करने चाहिए। साथ ही सरकार के घोषणापत्र के अनुसार वर्ष 2024 तक सभी प्रमुख संस्थानों में सीट क्षमता 50 प्रतिशत बढ़ानी होगी और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों की संख्या 2024 तक बढ़ाकर 50 करनी होगी। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों के समाधान के लिए छात्रों के वर्तमान और भविष्य की शैक्षिक आवश्यकताओं और करियर योजनाओं की गहन समझ की आवश्यकता होती है, जिन्हें समय पर जरूरी हस्तक्षेप के साथ उचित रूप से संबोधित करने की आवश्यकता है।

Web Title: HRD Minister forms committee to ensure more students stay in India and study in India

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