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Coronavirus: केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने कक्षा एक से आठ तक के लिए किया वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी

By एसके गुप्ता | Updated: April 24, 2020 06:12 IST

इसके अलावा एनसीईआरटी के यूट्यूब लाइव चैनल के माध्यम से छात्र, अभिभावक और शिक्षकों के साथ लाइव इंटरेक्टिव सत्र होगा। पांचवी तक के छात्रों के लिए प्रसारण सोमवार से शनिवार सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक और कक्षा छह से आठ तक के लिए दोपहर 2 से शाम चार बजे तक प्रसारण किया जाएगा। इसमें दर्शकों से बातचीत के अलावा विषयगत शिक्षण करवाया जाएगा और साथ में उससे संबंधित गतिविधियां भी दिखाई जाएंगी।

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ठळक मुद्देमानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर बनाया है।इससे कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की स्थिति में बच्चे घर में, अभिभावकों और शिक्षकों की सहायता से पढ़ाई कर सकेंगे।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर बनाया है। जिससे कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की स्थिति में बच्चे घर में, अभिभावकों और शिक्षकों की सहायता से पढ़ाई कर सकेंगे। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को कक्षा एक से आठ तक छात्रों के लिए यह वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी किया।

इससे पहले प्राथमिक स्तर के लिए कक्षा पाचवीं तक बच्चों के लिए ऐसा कैलेंडर जारी किया था। इस कैलेंडर में पठन-पाठन को दिलचस्प और अर्थपूर्ण बनाने के लिए विभिन्न तकनीक और सोशल मीडिया उपकरण मौजूद हैं। जिनका उपयोग करके बच्चे घर पर अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि इस कैलेंडर में शिक्षकों के लिए तकनीक और सोशल मीडिया उपकरणों के उपयोग के दिशानिर्देश दिए गए हैं ताकि वो बच्चों को बेहतर तरीके से ऑनलाइन शिक्षा दे सकें। एनसीईआरटी ने टीवी चैनल स्वयं प्रभा (किशोर मंच) को (फ्री डीटीएच चैनल 128 और किशोर मंच ऐप से जोड़ा है। जिसे प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

इसके अलावा एनसीईआरटी के यूट्यूब लाइव चैनल के माध्यम से छात्र, अभिभावक और शिक्षकों के साथ लाइव इंटरेक्टिव सत्र होगा। पांचवी तक के छात्रों के लिए प्रसारण सोमवार से शनिवार सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक और कक्षा छह से आठ तक के लिए दोपहर 2 से शाम चार बजे तक प्रसारण किया जाएगा। इसमें दर्शकों से बातचीत के अलावा विषयगत शिक्षण करवाया जाएगा और साथ में उससे संबंधित गतिविधियां भी दिखाई जाएंगी।

जिन बच्चों के पास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उन्हें शिक्षक मोबाइल पर एसएमएस भेज कर या फोन कर के शिक्षा प्रदान करेंगे। उन्होनें कहा कि जल्द ही कक्षा नवीं से बारहवीं तक के विषयों को पढ़ाने कैलेंडर भी जारी किया जाएगा। कैलेंडर में बच्चों के सीखने की जरूरत को ध्यान में रखा गया है और इससे दिव्यांग बच्चे भी जुड़ सकते हैं. दिव्यांग छात्रों के लिए इस कैलेंडर में ऑडियो बुक्स, रेडियो कार्यक्रमों आदि द्वारा शिक्षा प्रदान किये जाने की सुविधा है।  

कैलेंडर में अनुभव आधारित शिक्षा के लिए कला और शारीरिक शिक्षा के साथ साथ योग भी शामिल किया गया है। तनाव और चिंता को दूर करने के तरीके भी इस कैलेंडर में सुझाये गए हैं। कैलेंडर में चार भाषा संस्कृत, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी को शामिल किया गया है। इस वैकल्पिक कैलेंडर में ई-पाठशाला, एनआरओईआर और दीक्षा पोर्टल पर अध्यायवार उपलब्ध सामग्री को भी शामिल किया गया है।

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