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सीबीएसई की 12वीं की 1 जुलाई से होनी वाली परीक्षा रद्द, ICSE ने भी कहा- नहीं होंगे बोर्ड की बचे हुए पेपर

By विनीत कुमार | Updated: June 25, 2020 14:35 IST

सीबीएसई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया गया कि तमिलनाडु सहित दिल्ली और महाराष्ट्र ने परीक्षा आयोजित कराने में असमर्थता जताई है। 12वीं के छात्रों को हालांकि बाद में परीक्षा देने का विकल्प होगा।

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ठळक मुद्दे सीबीएसई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान परीक्षा रद्द करने की बात कही गईकेंद्र के अनुसार दिल्ली सहित महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने परीक्षा आयोजित कराने में असमर्थता जताई है

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने एक से 15 जुलाई के बीच होने वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। ये परीक्षा कुछ बचे हुए विषयों के होने थे। सीबीएसई ने ये बात सुप्रीम कोर्ट को गुरुवार को सुनवाई के दौरान बताई। बोर्ड की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी। 

बोर्ड ने साथ ही कहा कि हालात में सुधार के बाद 12वीं की परीक्षा आयोजित कराई जा सकती हैं।  तुषार मेहता ने कहा कि 12वीं की परीक्षा उन छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित की जाएंगी जो परीक्षा देना चाहते हैं। तुषार मेहता ने साथ ही कहा कि दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने परीक्षा आयोजित कराने में असमर्थता जताई है।

वहीं, ICSE ने भी सुप्रीम कोर्ट को कहा कि वो परीक्षा रद्द करने के लिए सहमत हैं। ICSE ने साथ ही बाद में परीक्षा देने का विकल्प नहीं रखा है।

12वीं के छात्रों के पास परीक्षा देने का विकल्प

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या छात्रों बाद में परीक्षा में हिस्सा लेने का विकल्प दिया जाएगा। इस पर सीबीएसई की ओर से जवाब दिया गया कि ये विकल्प 12वीं के छात्र-छात्राओं के लिए होगा। वहीं, कक्षा 10वीं के परीक्षा रद्द किये जा रहे हैं। 10वीं बोर्ड की परीक्षा केवल उत्तर-पूर्वी दिल्ली के लिए आयोजित कराया जाना था। कोरोना लॉकडाउन के कारण ये परीक्षाएं पूरी नहीं हो सकी थीं।

परीक्षा नहीं फिर कैसे जारी होगा रिजल्ट

बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वो एक स्कीम के तहत नतीजे जारी करने पर विचार कर रहा है। इसमें 12वें के बच्चों का आकलन पिछले तीन परीक्षाओं के आधार पर किया जाएगा। सीबीएसई ने कहा कि अगर हालात ठीक होते हैं तो 12वीं के छात्रों के पास परीक्षा देना का वकल्प उपलब्ध कराया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान नए अकादमिक साल को लेकर भी बोर्ड से पूछा और कहा कि इसे सितंबर से तभी शुरू किया जाए जब अगस्त में नतीजे आ जाएं। सीबीएसई ने इस पर कहा कि नतीजे अगस्त के बीच में जारी कर दिए जाएंगे। बोर्ड ने ये भी बताया कि 2020-21 सेशन को आगे बढ़ाया जाएगा।

क्या था मामला

दरअसल, कोरोना लॉकडाउन की वजह से सीबीएसई और ICSE समेत कई राज्य बोर्ड की परीक्षा बाकी रह गई थी। कुछ राज्यों ने बिना परीक्षा के ही बच्चों को पास किया जबकि सीबीएसई ने जुलाई में बचे हुए पेपर कराने का फैसला किया था। हालांकि इस पर कुछ पैरेंट्स ने विरोध जताया था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। पैरेंट्स की याचिका में कहा गया था कि कोरोना वायरस के खतरे के कारण सीबीएसई बची हुई परीक्षा रद्द कर दे। 

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