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CBSE की पहल: 10वीं में बेसिक गणित पढ़ने वालों को ग्यारहवीं में गणित पढ़ाने के लिए नया “अप्लाइड मैथमेटिक्स” विषय शुरू

By एसके गुप्ता | Updated: April 2, 2020 05:50 IST

सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि बोर्ड ने ग्यारहवीं के छात्रों के लिए नया एप्लाइड मैथमेटिक्स विषय शुरू किया है। जिसका नया कोड 241 है। इस साल दसवीं की बोर्ड परीक्षा में जिन छात्रों ने बेसिक गणित का चुना है। यह नया विषय उनकी रूचि के अनुरूप कॉमर्स, इकॉनोमिक्स और सोशल साइंस की जरूरत को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

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ठळक मुद्देकेंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने नई पहल के साथ ग्यारहवीं के छात्रों के लिए नया कोर्स एप्लाइड मैथमेटिक्स शुरू किया है।बोर्ड ने यह पहल केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के निर्देश पर की है।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने नई पहल के साथ ग्यारहवीं के छात्रों के लिए नया कोर्स एप्लाइड मैथमेटिक्स शुरू किया है। बोर्ड ने यह पहल केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के निर्देश पर की है। दरअसल बोर्ड ने इस साल की बोर्ड परीक्षा में दसवीं के छात्रों के लिए गणित विषय को लेकर दो विकल्प दिए थे। छात्र या तो बेसिक गणित का विषय चुनें या स्टैंडर्ड गणित का। इसका मकसद ऐसे छात्र जो गणित में कमजोर हैं, उन्हें बेसिक गणित की परीक्षा उत्तीर्ण कराना है।

लेकिन इन्हें ग्यारहवीं में गणित विषय के रूप में नहीं मिलेगा। अगर बेसिक गणित में किसी छात्र के अच्छे नंबर आते हैँ तो पहली बार बोर्ड की तरफ से यह विकल्प दिया गया है कि दसवीं की बेसिक गणित की परीक्षा उत्तीर्ण किया हुआ छात्र आगामी दसवीं की कंपार्टमेंट की परीक्षा में स्टैंडर्ड गणित की परीक्षा दे उसमें उत्तीर्ण होने के बाद ही ग्यारहवीं में गणित विषय ले सकेगा।

सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि बोर्ड ने ग्यारहवीं के छात्रों के लिए नया एप्लाइड मैथमेटिक्स विषय शुरू किया है। जिसका नया कोड 241 है। इस साल दसवीं की बोर्ड परीक्षा में जिन छात्रों ने बेसिक गणित का चुना है। यह नया विषय उनकी रूचि के अनुरूप कॉमर्स, इकॉनोमिक्स और सोशल साइंस की जरूरत को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

इससे पहले दसवीं में बेसिक गणित विषय लेने वाले छात्रों के पास ग्यारहवीं में गणित विषय नहीं पढ़ने का विकल्प था। लेकिन नेशनल करिकुल्म फ्रेमवर्क-2005 की सिफारिशों में यह साफ कहा गया है कि दसवीं में छात्रों के लिए गणित विषय के दो विकल्प होंगे। जिसके मद्देनजर बोर्ड ने बेसिक गणित और स्टैंडर्ड गणित को डिजाइन किया है।

अब दसवीं में बेसिक गणित पढ़ने वाले छात्र ग्यारहवीं में एप्लाइड मैथमेटिक्स ले सकेंगे। जिसके आधार पर वह कॉमर्स और इकोनोमिक्स पढ़ सकेंगे। जबकि ग्यारहवीं में पूर्व की भांति स्टैंड गणित पढ़ने वाले छात्र साइंस की पढ़ाई कर आगे यूनिवर्सिटी स्तर पर गणित ऑनर्स और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकेंगे। लेकिन एप्लाइड मैथमेटिक्स पढ़ने वाले छात्र इंजीनियरिंग और गणित ऑनर्स की पढ़ाई नहीं कर सकेंगे। वह कॉमर्स और इकोनोमिक्स ऑनर्स की पढ़ाई कर सकेंगे। उसी को ध्यान में रखकर एप्लाइ मैथमेटिक्स को डिजाइन किया गया है।

छात्रों में तर्कशक्ति बढ़ाने के लिए अप्लाइड मैथमेटिक्स किया शुरू

सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि दसवीं में बेसिक गणित की पढ़ाई करने के वाले छात्रों के पास आगे गणित पढ़ने का विकल्प नहीं था। ऐसे में उनकी तर्कशक्ति बढाने के लिए यह जरूरी है कि जो छात्र आगे कॉमर्स या इकोनोमिक्स कोर्स पढ़ना चाहते हैं। उनके लिए नया गणित विषय तैयार किया जाए। इन्हीं बातों को ध्यान में रखतें हुए बोर्ड ने ग्यारहवीं के छात्रों के लिए नया विषय अप्लाइड मैथमेटिक्स शुरू किया है।

उन्होंने यह भी कहा कि कोई छात्र अगर यह सोच रहा हो कि वह ग्यारहवीं या बारहवीं कक्षा में दोनों तरह के गणित को विषय के रूप में ले सकता है। तो यह सोचना गलत होगा क्योंकि छात्र एक ही तरह के गणित की पढ़ाई कर सकता है। यह छात्र की च्वाइस होगी कि वह स्टैंडर्ड गणित पढ़ना चाहता या अप्लाइड मैथमेटिक्स। लेकिन दसवीं में बेसिक गणित विषय उत्तीर्ण करने वाले छात्रों के पास केवल अप्लाइड मैथमेटिक्स पढ़ने का ही विकल्प होगा।

अगर बेसिक गणित विषय में उत्तीर्ण होने वाला छात्रा स्टैंडर्ड गणित पढ़ना चाहता है तो उसे कंपार्टमेंट परीक्षा में स्टैंडर्ड गणित विषय को उत्तीर्ण करना होगा।

टॅग्स :सीबीएसईएजुकेशनमोदी सरकारलोकमत हिंदी समाचार
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