बोर्ड परीक्षा आयोजन में CBSE को 100 करोड़ रुपए का घाटा, गवर्निंग बॉडी और फाइनेंस कमेटी की सिफारिश पर परीक्षा शुल्क किया दोगुना

By एसके गुप्ता | Updated: August 14, 2019 15:29 IST2019-08-14T15:29:08+5:302019-08-14T15:29:08+5:30

सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि सीबीएसई पहले जेईई मेन, यूजीसी नेट, नीट, जैसी परीक्षाओं का आयोजन करता था। लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के गठन के बाद यह सारी परीक्षाएं उसके पास चली गई हैं।

CBSE incurs a loss of Rs 100 crore in organizing board examination, double the exam fee on the recommendation of the governing body and the finance committee | बोर्ड परीक्षा आयोजन में CBSE को 100 करोड़ रुपए का घाटा, गवर्निंग बॉडी और फाइनेंस कमेटी की सिफारिश पर परीक्षा शुल्क किया दोगुना

बोर्ड परीक्षा आयोजन में CBSE को 100 करोड़ रुपए का घाटा, गवर्निंग बॉडी और फाइनेंस कमेटी की सिफारिश पर परीक्षा शुल्क किया दोगुना

Highlightsपेपर लीक होने से बचाने के लिए नई तकनीक पर बोर्ड का खर्च बढ़ा है।पेपर के दाम और ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ा है।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को वर्ष 2019 की बोर्ड परीक्षा आयोजन से 100 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। बोर्ड को घाटे से उबारने और बेहतर तरीके से परीक्षा आयोजन करने के लिए ही बोर्ड ने  परीक्षा शुल्क को दोगुना किया है। 

सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि सीबीएसई पहले जेईई मेन, यूजीसी नेट, नीट, जैसी परीक्षाओं का आयोजन करता था। लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के गठन के बाद यह सारी परीक्षाएं उसके पास चली गई हैं। इससे बोर्ड को करीब 100 करोड रुपए का घाटा हुआ है। पहले उपरोक्त परीक्षाओं के आयोजन से जो धनराशि बचती थी उसे बोर्ड परीक्षा के आयोजन में खर्च कर लेता था। 

उन्होंने कहा कि अभी भी बोर्ड की ओर से जितनी फीस वृद्धि की गई है उसमें नो प्रोफिट नो लॉस में परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। संयम भारद्वाज ने कहा कि 100 करोड रुपए का घाटा काफी होता है। इसे लेकर फाइनेंस कमेटी और सीबीएसई गवर्निंग बॉडी ने यह फैसला किया की परीक्षा शुल्क में बढोत्तरी की जाए। 

उन्होंने कहा कि दिल्ली का अपना कोई बोर्ड नहीं है ऐसे में यहां के सरकारी स्कूल सीबीएसई से संबद्ध्-एफिलिएटिड हैं। दिल्ली सरकार से सीबीएसई का यह करार है कि एससी/एसटी छात्रों के परीक्षा शुल्क में केवल 50 रुपए छात्रों से लिए जाएंगे बाकी के 300 रुपए दिल्ली सरकार वहन करेगी। बोर्ड की ओर से फीस वृद्धि पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने खुद कहा है कि बढी हुई फीस यानि 1150 रुपए सरकार देगी। 

उन्होंने कहा कि मंगलवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद बोर्ड ने यह तय किया है कि दिल्ली में एससी/एसटी छात्रों से पहले की तरह 50 रुपए ही फीस ली जाएगी बाकी फीस का भुगतान दिल्ली सरकार करेगी। इसे लेकर दिल्ली सरकार को पत्र भी लिखा गया है।

इससे पहले यह व्यवस्था की गई थी कि 1200 रुपए छात्र जमा कराएंगे और दिल्ली सरकार उनके बैंक खातें में 1150 रुपए डालेगी। लेकिन अब व्यवस्था पहले जैसी बनाई गई है। जिससे एससी/एसटी छात्रों को परेशानी न हो और किसी तरह की भ्रांति न फैले।

परीक्षा शुल्क दोगुना करने के मुख्य कारण :
1-     छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने वाले शिक्षकों की संख्या एक लाख (करीब 40 फीसदी) बढाते हुए उनके मानदेय में करीब 33                  फीसदी का इजाफा किया गया है। उत्तर पुस्तिका जांचने वाले ढाई लाख शिक्षकों की ट्रेनिंग पर खर्च, जिससे उत्तर पुस्तिकाएं                    जांचने में गलती न हो ।
2-      पेपर के दाम और ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ा है। प्रिंटिंग कॉस्ट में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है। पेपर लीक होने से बचाने के                 लिए नई तकनीक पर बोर्ड का खर्च बढ़ा है।
3-     बोर्ड ने 100 फीसदी ऑब्जवर तैनाती के लिए 5000 नए ऑब्जवर और 5000 नए डिप्टी सेंटर सुपरिटेंडेंट नियुक्त किए थे।
4-     बोर्ड ने पांच साल बाद फीस बढाई है। सामान्य छात्रों की फीस 750 रुपए से बढाकर 1500 रुपए की गई है, दृष्टिबाधित छात्रों के      लिए कोई फीस नहीं है। एससी-एसटी के छात्रों की फीस 350 रुपये से बढाकर 1200 रुपये की गई है।

Web Title: CBSE incurs a loss of Rs 100 crore in organizing board examination, double the exam fee on the recommendation of the governing body and the finance committee

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