विशाखापत्तनम गैस रिसाव: SC ने 50 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटने से आंध्र सरकार व एनजीटी को रोका

By भाषा | Updated: June 16, 2020 04:43 IST2020-06-16T04:43:20+5:302020-06-16T04:43:20+5:30

न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति एम एम शांतनगौडर तथा न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई करते हुए दक्षिण कोरियाई कंपनी के निवेदन का संज्ञान लिया है।

Visakhapatnam gas leak: Court stops Andhra government and NGT from distributing compensation of Rs 50 crore | विशाखापत्तनम गैस रिसाव: SC ने 50 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटने से आंध्र सरकार व एनजीटी को रोका

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

Highlightsआठ मई को एनजीटी ने कंपनी पर 50 करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया था।एनजीटी ने गैस रिसाव की घटना पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगते हुए कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि नियम का सही से पालन नहीं हुआ।सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने एनजीटी तथा सरकारी प्राधिकारों को कुछ समय के लिए मुआवजा राशि नहीं बांटने का आदेश दिया।

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने विशाखापत्तनम में सात मई को एलजी पॉलीमर्स इंडिया लिमिटेड के संयंत्र में गैस रिसाव के पीडितों के बीच 50 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि बांटने से आंध्र प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को 10 दिनों के लिए रोक दिया है। ये रकम कंपनी ने निर्देश के मुताबिक मुआवजा बांटने के लिए जमा कराया है।

हादसे में एक नाबालिग सहित 12 लोगों की मौत हो गयी थी। न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति एम एम शांतनगौडर तथा न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई करते हुए दक्षिण कोरियाई कंपनी के निवेदन का संज्ञान लिया।

कंपनी ने कहा कि संयंत्र को खोलने और गैस रिसाव संबंधी जांच की तैयारी के लिये दस्तावेजों को प्राप्त करने के वास्ते उसकी अर्जी पर सुनवाई आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में अब भी लंबित है। पीठ ने कहा, ‘‘(एनजीटी के) शुरुआती आदेश को चुनौती दिए जाने के मद्देनजर हम अल्पकालिक अंतरिम निर्देश जारी कर एनजीटी द्वारा एक जून की तारीख वाले निर्देश के 40 वें पैरा (50 करोड़ रुपये मुआवजा) पर अगले दस दिनों के लिए रोक लगा रहे हैं।’’

पीठ ने कंपनी की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की दलीलें सुनीं और एनजीटी तथा सरकारी प्राधिकारों को कुछ समय के लिए मुआवजा राशि नहीं बांटने तथा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से कंपनी की याचिकाओं पर अगले सप्ताह सुनवाई करने का आग्रह किया।

केंद्र सरकार के अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने फैक्टरी को सील किए जाने के आदेश के खिलाफ दलील दीं-

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान रोहतगी ने फैक्टरी को सील किए जाने के आदेश तथा उच्च न्यायालय द्वारा कंपनी के निर्देशकों का पासपोर्ट जमा करने के निर्देश के खिलाफ भी दलीलें दी। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के पूर्व के आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें एलजी पॉलीमर्स इंडिया लिमिटेड को संयंत्र में लगातार सुरक्षा उपाय दुरुस्त रखने के लिए 30 कर्मचारियों को भेजने की अनुमति दी गयी थी।

आठ मई को एनजीटी ने कंपनी पर 50 करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया था और गैस रिसाव की घटना पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगते हुए कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि नियम और अन्य संवैधानिक प्रावधानों का पालन नहीं हुआ। 

Web Title: Visakhapatnam gas leak: Court stops Andhra government and NGT from distributing compensation of Rs 50 crore

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