UP COP app पर दर्ज कराएं ई-एफआईआर, गाड़ियों की चोरी, लूट की घटनाएं, बच्चों की गुमशुदगी सहित 27 सुविधाएं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 25, 2019 12:47 PM2019-07-25T12:47:02+5:302019-07-25T12:47:02+5:30

एडीजी (तकनीकी सेवा) आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि अभी तक इस 'यूपी कॉप ऐप’ के माध्यम से समूचे प्रदेश में करीब 1500 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और धीरे-धीरे यह ऐप जनता के बीच लोकप्रिय होता जा रहा है।

'UPCop' Uttar Pradesh Police App Now Enables Filing of FIR Online | UP COP app पर दर्ज कराएं ई-एफआईआर, गाड़ियों की चोरी, लूट की घटनाएं, बच्चों की गुमशुदगी सहित 27 सुविधाएं

ऐप के माध्यम से एफआईआर दर्ज कराने की सुविधा देने वाला यूपी देश का पहला राज्य है।

Highlightsअभी तक सामान्यत: ऐसे मामलों में समय से एफआईआर दर्ज न होने पर पीड़ित को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।संबंधित पुलिस कार्मिकों के डिजिटल हस्ताक्षर के साथ पीड़ित को एफआईआर की कॉपी उसके ई-मेल पर उपलब्ध करा दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश पुलिस तकनीकी सेवाओं द्वारा विकसित ‘यूपी कॉप ऐप’ से अब ई-एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। इसके अलावा, गाड़ियों की चोरी, लूट की घटनाएं, मोबाइल छिन जाने, बच्चों की गुमशुदगी और साइबर अपराध से जुड़े मामले भी इस ऐप के जरिए दर्ज कराए जा सकते हैं।

यूपी पुलिस के मोबाइल ऐप ‘यूपी कॉप ऐप’ के माध्यम से अज्ञात लोगों के खिलाफ ई-एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी। लोग किसी सामान या दस्तावेज के गुम हो जाने की सूचना भी इस ऐप के माध्यम से दर्ज करा सकेंगे। एडीजी (तकनीकी सेवा) आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि अभी तक इस 'यूपी कॉप ऐप’ के माध्यम से समूचे प्रदेश में करीब 1500 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और धीरे-धीरे यह ऐप जनता के बीच लोकप्रिय होता जा रहा है।

उन्होंने बताया कि अभी तक सामान्यत: ऐसे मामलों में समय से एफआईआर दर्ज न होने पर पीड़ित को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए इन मामलों की त्वरित एफआईआर के लिए यह सुविधा शुरू की गई है। संबंधित पुलिस कार्मिकों के डिजिटल हस्ताक्षर के साथ पीड़ित को एफआईआर की कॉपी उसके ई-मेल पर उपलब्ध करा दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि ऐप के माध्यम से एफआईआर दर्ज कराने की सुविधा देने वाला यूपी देश का पहला राज्य है। यूपी कॉप मोबाइल एप पर ई-सुरक्षा के लिए पूरी गाइडलाइन भी उपलब्ध होगी। इसमें एटीएम कार्ड, वन टाइम पासवर्ड, फर्जी फोन कॉल के जरिए होने वाले फ्रॉड को लेकर किस तरह सचेत रहें, यह बताया गया है।

एटीएम बूथ में किस तरह की सावधानी बरती जाए, एटीएम से पेमेंट करते समय खास सावधानी बरतने समेत 26 तरह से होने वाले साइबर अपराधों से बचाव के बारे में बताया गया है। ऐप पर आरबीआई की गाइडलाइन भी दी गई है जिसमें सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग और उपभोक्ता की जिम्मेदारी की जानकारी दी गई है।

एडीजी पांडेय ने बताया कि इस ऐप के जरिए एक आम नागरिक भी बीते 24 घंटे में किसी जिले या थानाक्षेत्र में हुई गिरफ्तारी का विवरण देख सकता है। साथ ही बीते 24 घंटे में दर्ज साइबर अपराध से संबंधित अंतिम दस एफआईआर भी देखी जा सकती हैं, ताकि पता चल सके कि साइबर अपराध से संबंधित किस तरह के मामले सामने आ रहे हैं।

वहीं इनामी बदमाशों, जिला बदर अपराधियों और गुंडा एक्ट के मामलों की सूची भी ऐप पर उपलब्ध है। थाने, क्षेत्राधिकारी या एसपी के मोबाइल नंबर भी इस ऐप के ‘कॉल अस बटन’ पर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप लंबी ड्राइव पर हैं तो यह ऐप दुर्घटना संभावित क्षेत्र के बारे में भी जानकारी देगा।

इसके अलावा, किसी तरह की सूचना पुलिस से साझा करने का विकल्प भी इस ऐप पर है, जहां आपकी पहचान को गोपनीय रखा जाएगा। यदि किसी के साथ किसी अनजान जगह पर कोई घटना होती है, तो उसे थाने का पता और रास्ता भी यह ऐप बताएगा। इसके लिए जियोफेंसिंग की मदद ली गई है।

इसे हर थानाक्षेत्र की सीमा को चिह्नित करके तैयार किया गया है। एडीजी पांडेय ने बताया कि अब पुलिस से संबंधित कुल 27 जनोपयोगी सुविधाएं हासिल करने के लिए लोगों को थानों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। नौकरों का सत्यापन, चरित्र प्रमाण पत्र के लिए आवेदन, कर्मी का सत्यापन, धरना-प्रदर्शन, समारोह और फिल्म शूटिंग के लिए अनुमति भी इस ऐप पर मिल सकेगी। जो दस्तावेज जिलाधिकारी के यहां से जारी होते हैं, उसके लिए ऐप को ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से जोड़ा गया है।

वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को भी ऐप के माध्यम से सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट, दुर्व्यवहार की रिपोर्ट, लावारिस लाश, गुमशुदा की तलाश, चोरी की गई और बरामद हुई गाड़ियों की जानकारी भी ऐप पर उपलब्ध होगी। साथ ही कोई भी व्यक्ति सेकेण्ड हैण्ड वाहन खरीदना चाहता है तो इस ऐप के माध्यम से यह भी पता चल जाएगा कि सम्बन्धित वाहन चोरी का तो नहीं है।

Web Title: 'UPCop' Uttar Pradesh Police App Now Enables Filing of FIR Online

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