लखनऊः उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता अपर्णा यादव के भाई चंद्रशेखर उर्फ अमन बिष्ट के खिलाफ 14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का केस दर्ज किया गया है. कोर्ट के आदेश पर यहां गोमती नगर थाने में गंभीर धाराओं में अमन बिष्ट और उसके दोस्त हिमांशु राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. लखनऊ की एक रियल एस्टेट कंपनी के निदेशक ने इन दोनों पर जमीन के नाम पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने और पैसे मांगने पर जान से मार देने का आरोप लगाया है. पुलिस ने इस है प्रोफाइल केस को दर्ज कर मामले की तहक़ीक़ात शुरू कर दी है. जल्दी ही आरोपियों से पूछताछ की जाएगी.
इन धाराओं में दर्ज हुआ केस
अपर्णा यादव राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष होने के साथ ही मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू हैं. उन्होने समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर लखनऊ सीट से चुनाव भी लड़ा था. बाद में वह भाजपा में शामिल हो गई और मुख्यमंत्री योगी ने उन्हें राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष बना दिया. इस पद पर रहते हुए वह आए दिन अखिलेश यादव शासन की नाकामियों को गिनाती हैं.
बीते दिनों अपर्णा यादव की मां अंबी बिष्ट के खिलाफ जानकीपुरम योजना में भूखंडों के आवंटन में बदलाव कर पंजीकरण करने में हेराफेरी किए जाने का मुकदमा सतर्कता विभाग ने दर्ज कराया था. अब उनके भाई के खिलाफ केस दर्ज हुआ है.
गोमती नगर थाने के थानाध्यक्ष के अनुसार, कोर्ट के आदेश पर ठाकुर सिंह जो मनराल मरर्चन्टास इन्फाहाइट्स प्रा. लि. के निदेशक हैं ने अमन बिष्ट और उनके सहयोगी हिमांशु राय के खिलाफ बीएनएस की धारा 316(5), 318(4), 338, 336(3) और 351 के तहत केस दर्ज कराया है. शिकायतकर्ता ठाकुर सिंह मनराल का कहना है कि वह जमीन खरीद-बिक्री का व्यवसाय करते हैं.
अपर्णा के भाई पर लगा यह आरोप
ठाकुर सिंह ने पुलिस को बताया है कि साल 2019 में उनकी मुलाकात अमन बिष्ट से हुई थी. उस दौरान उनकी मां अंबी बिष्ट भी मौजूद थीं. बातचीत के दौरान अमन बिष्ट ने लखनऊ के सरसवा और अहमामऊ गांव (सरोजनी नगर) में लगभग 22 बीघा जमीन बेचने का दावा किया था.
सौदे की बात पक्की होने पर अमन बिष्ट और उसके साथी हिमांशु राय ने उन्हें करीब 26,900 वर्गफीट जमीन उनकी कंपनी को हस्तांतरित करने का वादा किया था. इसके करीब 14 करोड़ रुपए अमन बिष्ट की कंपनी मोनाल इंफ्राटेक प्रा. लि. के खाते में और नगद दिए गए. इतने रकम पाने के बाद अमन बिष्ट ने उनके नाम सिर्फ 13,450 वर्गफीट जमीन की ही रजिस्ट्री कराई.
ठाकुर सिंह का आरोप है कि बाकी जमीन की रजिस्ट्री करने के बजाय अमन बिष्ट और हिमांशु राय टाल-मटोल करने लगे और जब इस मामले पर उसने सवाल किया तो उन लोगों ने कहा कि कुछ खसरा नंबर छूट गए हैं, जल्द ही बाकी की रजिस्ट्री कर दी जाएगी. कई साल बीत जाने के बाद भी जब उन्हे बाकी की जमीन नहीं दी गई तो ठाकुर सिंह ने पैसे वापस करने को.
इस पर इन लोगों ने धमकी दी और कहा कि अपना पैसा भूल जाओ, दोबारा मांगा तो जान से हाथ धो बैठोगे. ठाकुर सिंह का कहना है कि इस पूरे प्रकरण की जानकारी अपर्णा यादव के पिता अरविन्द सिंह बिष्ट, मां अम्बी बिष्ट और बहन अपर्णा यादव को भी है. ठाकुर सिंह ने इस मामले की शिकायत कई बार पुलिस से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई तो उन्होंने अदालत का रुख किया.
वहां से आदेश मिलने पर अब केस दर्ज किया गया है. उन्हे उम्मीद है कि उनकी बकाया धनराशि उन्हे मिल जाएगी. फिलहाल इस मामले को लेकर राजधानी के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. अपर्णा यादव के लिए मां और भाई के खिलाफ फर्ज हुए धोखाधड़ी करने के दर्ज हुए दो मामले उनके राजनीतिक संकट को बढ़ाने वाले साबित हो सकते हैं. उनके विरोधी इस मामले को लेकर उनसे राज्य महिला आयोग के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की मांग भी कर सकते हैं.