बागेश्वर धाम में कैंसर अस्पताल की आधारशिला?, पवन अहलूवालिया को लेकर उठ रहे सवाल, कांग्रेस ने पूछे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 23, 2025 11:51 IST2025-02-23T11:50:44+5:302025-02-23T11:51:54+5:30
आयोजन की तैयारियों में धाम सेवादार, जिला प्रशासन और विधायक जुटे हुए हैं लेकिन इसके साथ ही एक विवाद भी खड़ा शुरू हो गया है।

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बागेश्वर धामः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 23 फरवरी को एक कैंसर अस्पताल की आधारशिला रखने के लिए छतरपुर पहुंच रहे हैं। इस कैंसर अस्पताल का निर्माण देश के जाने जाने माने कथा वाचक बगेश्वरधाम के पीठाधीरश्वर धीरेन्द्र शास्त्री बागेश्वर धाम में कराने जा रहा है। इसकी तैयारियों की समीक्षा करने मुख्यमंत्री मोहन यादव सोमवार को बागेश्वर धाम पहुंचे थे. इस दौरान बाबा बागेश्वर ने CM यादव को कैंसर अस्पताल के भूमिपूजन की पूरी रूपरेखा बताई। इस आयोजन की तैयारियों में धाम सेवादार, जिला प्रशासन और विधायक जुटे हुए हैं लेकिन इसके साथ ही एक विवाद भी खड़ा शुरू हो गया है।
खबर है कि बागेश्वर धाम में प्रधानमंत्री का स्वागत करने वालों की सूची में एक स्थानीय उद्योगपति और केजेएस सीमेंट के एमडी पवन अहलूवालिया का भी नाम भी भेजा गया है। हालांकि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस सूची को अंतिम रुप नहीं दिया है। उद्योगपति पवन अहलूवालिया दागदार छवि के हैं और उनके खिलाफ जालजासी समेत कई मामले दर्ज हैं।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उमंग सिंघार ने बीेजेपी से कई सवाल पूछे हैं। माना जा रहा है कि इस केस को देखते हुए पीएमओ बागेश्वर बाबा को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से अलग रखने की हिदायत दे सकता है। अगर पवन अहलूवालिया प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शिरकत करते हैं तो कांग्रेस इसे राजनीतिक मुद्दा बना सकता है।
इनके खिलाफ जालसाजी के मामाले में FIR दर्ज की गई है। अहलूवालिया पर पत्नी और बेटियों के नाम फर्जी तरीके से कंपनी के शेयर ट्रांसफर करने का आरोप है। EOW ने उनकी पत्नी सहित अन्य डायरेक्टर्स को भी सहआरोपी बनाया है। पवन अहलूवालिया अपने खिलाफ दायर एफआईआर को रद्द कराने के लिए दिल्ली हाई कोर्च और सुप्राम कोर्ट तक जा चुके हैं।
लेकिन कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इंकार कर उन्हें झटका दिया था। दरअसल, अहलूवालिया पर पत्नी और बेटियों के नाम फर्जी तरीके से कंपनी के शेयर ट्रांसफर करने का आरोप है। EOW ने उनकी पत्नी सहित अन्य डायरेक्टर्स को भी सहआरोपी बनाया है।
दरअसल, पवन अहलूवालिया की भतीजी हिमांगिनी ने EoW में दर्ज शिकायत में बताया है कि पवन अहलूवालिया ने पद का दुरुपयोग करते हुए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को अपने प्रभाव में लेकर मनमानी निर्णय पारित कराए और 2007 में उनके पिता कमलजीत सिंह अहलूवालिया को न केवल निदेशक पद से हटा दिया, बल्कि साजिश के तहत कंपनी में उनकी शेयरधारिता कम की है।
शिकायतकर्ता हिमांगिनी सिंह पवन अहलूवालिया की भतीजी और कमलजीत सिंह अहलूवालिया की बेटी हैं। उन्होंने चाचा पवन अहलूवालिया और चाची इंदू अहलूवालिया समेत कई लोगों पर जालसाजी कर कंपनी के शेयर हड़पने और दिवंगत केजेएस अहलूवालिया की कंपनी में हिस्सेदारी कम करने का आरोप लगाया है।