देवरिया कांड में बड़ा खुलासा: नकाब बांधकर ले जाते थे लड़कियों को, 200 रुपए में बेचते थे आबरू
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: August 7, 2018 10:57 AM2018-08-07T10:57:18+5:302018-08-07T10:57:18+5:30
देवरिया के नारी संरक्षण गृह में भी देह व्यापार कराए जाने का खुलासा हुआ है। पुलिस ने 24 लड़कियों को बचाया है।
देवरिया, 7 अगस्त: बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि उसी की तरह एक और केस उत्तर प्रदेश के देवरिया से सामने आया है। देवरिया के नारी संरक्षण गृह में भी देह व्यापार कराए जाने का खुलासा हुआ है। पुलिस ने 24 लड़कियों को बचाया है। वहीं, अभी भी 18 लड़कियां यहां से लापता हैं। ऐसे में अब इस मामले में कई तरह के बड़े खुलासे हो रहे हैं। लड़कियों ने पुलिस के सामने खुद के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर सभी बातें बताईं हैं।
बच्चियों का खुलासा
बचाई गई बच्चियों में एक ने पुलिस को बताया है कि एक दीदी थीं जो बाहर जाती थी और हमें बड़ी मम्मी ले जाती थीं। अगर वह नहीं जाती थीं तो उनको नकाब बांधकर ले जाया जाता था। उन्हें रात में अक्सर बाहर ले जाया जाता था। सफेद कार आती, एक बार काली सी आयी थी एक बार लाल आई थी। जब वह सुबह आती थीं तो रोने के कारण आंखे सूज तक जाती थीं लेकिन फिर भी किसी से कुछ नहीं कहना होता था।
200 रुपए देते थे
हमें कार से ले जाया जाता था। वहां उनके साथ बहुत गलत काम होता था। उसके बाद जब वह वापस आती थी तो उनको 200-300 रुपये दे दिए जाते थे। उनके देह के बदले उन्हें 200 या 300 रुपए दिए जाते थे। पूछने पर वह कुछ नहीं बताती थीं। किशोरी ने कहा कि बालगृह में बच्चों से झाडू-पोछा कराया जाता था।
वहीं, बच्चियों का कहना है कि उन्हें बड़ी व छोटी मैडम पीटतीं थीं। पढ़ाई भी होती थी, हम भी पढ़ते थे। हमें आगे भी पढ़ना है। पुलिस ने सभी लड़कियों का बयान दर्ज कर लिया है। रविवार 6 अगस्त को यूपी पुलिस को जब इस संरक्षण गृह से भाग कर आई एक लड़की ने जो बताया, उसे सुन पुलिस भी हैरान थे। पुलिस ने रात में ही संरक्षण गृह पर छापा मारा तो 42 में से 18 लड़कियां गायब मिलीं। पुलिस ने 24 लड़कियों को वहां से आजाद करवा दिया है। मामले में कार्रवाई करते हुए संरक्षण गृह की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और उनके पति मोहन को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय के मुताबिक, मां विंध्यवासिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह नाम के एनजीओ की सूची में 42 लड़कियों के नाम दर्ज हैं। लेकिन पुलिस ने जब रविवार रात को छापा मारा तो 18 लड़कियां वहां से गायब मिली थी। उस वक्त संरक्षण गृह में सिर्फ 26 लड़कियां ही थी।