UP Data Centre: निवेशकों से हड़पे 3558 करोड़ रुपए?, 75 जिलों में 750 डाटा सेंटर स्थापित, ईडी की गिरफ्त में...
By राजेंद्र कुमार | Updated: March 4, 2025 17:29 IST2025-03-04T17:27:47+5:302025-03-04T17:29:53+5:30
UP Data Centre: भनक ईडी को लगी और विदेश भागने से पहले ही सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुखविंदर और उसकी पत्नी को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया.

सांकेतिक फोटो
UP Data Centre: उत्तर प्रदेश में दो साल पहले हुए इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश के 75 जिलों में 750 डाटा सेंटर बनाने प्रपोजल समिट करने वाला निवेशक सुखविंदर सिंह खरोर फ़्राड निकाला. सुखविंदर सिंह खरोर ने अपनी कंपनी व्यूनाउ मार्केटिंग सर्विसेज लिमिटेड और व्यूनाउ इंफ्राटेक के जरिए यूपी सरकार ने 75 जिलों में 750 डाटा सेंटर स्थापित करने के लिए एमओयू साइन किया. इसके बाद उसकी कंपनी ने डाटा सेंटर स्थापित करने के लिए 3558 करोड़ निवेशकों से बटोर लिए लेकिन यूपी में डाटा सेंटर स्थापित करने की दिशा में कदम नहीं उठाए.
इसी बीच सुखविंदर सिंह खरोर ने अपनी पत्नी के साथ विदेश भागने की तैयारी कर ली. इसकी भनक ईडी को लगी और विदेश भागने से पहले ही सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुखविंदर और उसकी पत्नी को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया.
ऐसे किया घोटाला
औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 20 नवंबर 2023 को सुखविंदर सिंह की कंपनी के साथ तत्कालीन मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा और औद्योगिक विकास अरविंद कुमार ने एमओयू किया था. करीब 13,500 करोड़ रुपए के एमओयू के तहत व्यूनाउ इंफोटेक को यूपी के सभी जिलों में डाटा सेंटर स्थापित करना था.
इन्हीं डाटा सेंटरों की मदद से भविष्य में 5जी नेटवर्क, ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डाटा टेक्नोलाजी के उपयोग की एक बड़ी योजना प्रस्तुत की गई थी. जिसके आधार पर तब दुर्गा शंकर मिश्र और अरविंद कुमार ने दावा किया था यूपी डाटा सेंटर स्थापित करने के मामले में देश में सबसे अव्वल स्थान पर आ जाएगा.
यूपी के बड़े अफसरों का यह दावा अब धूल धूलधूसरित हो गया है क्योंकि एमओयू की आड़ में सुखविंदर सिंह और उसकी कंपनी ने क्लाउड पार्टिकल घोटाला करते हुए तमाम निवेशकों को फर्जी 'सेल एंड लीज-बैक' मॉडल के जरिए फंसाया. जिसके चलते सुखविंदर सिंह ने यूपी में डाटा सेंटर की स्टोरेज क्षमता को छोटे-छोटे हिस्सों में लीज पर देने का ऑफर निवेशकों को दिया.
उसके इस दांव में फंसकर तमाम निवेशकों ने करोड़ रुपए उसके प्रोजेक्ट में निवेश किए. सुखविंदर ने उस रकम से डाटा सेंटर लगाने के बजाय विदेशों में भेजा. इसकी भनक जब कुछ निवेशकों को लगी तो उन्होने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और नोएडा पुलिस को इसकी जानकारी दी.
गुपचुप तरीके से इस मामले की जांच शुरू हुई तो पता चला सुखविंदर सिंह ने यूपी के अलग-अलग जिलों में डाटा सेंटर स्थापित करने के लिए 3,558 करोड़ रुपए निवेशकों से ऐंठे हैं. यहीं नहीं उसके अपनी कंपनी के दस्तावेजों में अपनी हैसियत बढ़ा चढ़ाकर यूपी सरकार से एएमयू किया था. उसके इस फ़्राड के सबूत हाथ लगते ही ईडी ने उस गिरफ्तार कर लिया.
सपा विधायक की मांग
इस गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर दो साल पहले हुए इन्वेस्टर्स समिट में आए 33 लाख करोड़ रुपए से अधिक के प्रस्तावों पर समाजवादी पार्टी के विधायक नफीस अली ने सवाल खड़ा किया है. उनका कहना है कि इस समिट को सफल बनाते के लिए सीएम योगी और उनके अधिकारियों ने बड़े बड़े दावे किए थे, लेकिन वह दावे खोखले साबित हुए हैं.
इस समिट में सुखविंदर सिंह जैसे फ़्राड लोगों के प्रस्तावों पर यूपी में करोड़ों रुपए का निवेश लाने दावा किया है. बेहतर हो योगी सरकार यह पता लगाए कि सुखविंदर सिंह जैसे अभी कितने निवेशक हैं जिन्होंने इन्वेस्टर्स समिट उद्योग लगाने का वादा किया था लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया. कुछ लोगों ने उद्योग लगाने के लिए सरकार से जमीन ली लेकिन उद्योग नहीं लगया,
सुखविंदर सिंह फ़्राड को ईडी ने गिरफ्तार किया है. नफीस अली कहते हैं कि अब यूपी सरकार इस घटना से सबक लेते हुए इन्वेस्टर्स समिट 2023 में निवेश करने का दावा करने वाली सभी कंपनियों का इतिहास और हकीकत जांची जाए ताकि सुखविंदर सिंह जैसा फ़्राड करने की हिम्मत कोई ना कर सके.