बिहार में बेखौफ अपराधियों ने अब जज से भी मांगी दस लाख रुपये की रंगदारी, नही देने पर चेंबर में ही आकर सात गोली सीने में उतार देने की दी गई है धमकी
By एस पी सिन्हा | Updated: January 19, 2020 06:56 IST2020-01-19T06:56:11+5:302020-01-19T06:56:11+5:30
जज को रंगदारी का पत्र मिलने के बाद पुलिस भी सकते में है. छानबीन शुरू कर दी गई है. ऐसे में पुलिस-प्रशासन की सुस्ती से अपराधियों के बढते मंसूबे को समझा जा सकता है.

बिहार में बेखौफ अपराधियों ने अब जज से भी मांगी दस लाख रुपये की रंगदारी, नही देने पर चेंबर में ही आकर सात गोली सीने में उतार देने की दी गई है धमकी
बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिती का अंदाजा इसीबात से लगाया जा सकता है कि अब बेखौफ अपराधियों के द्वारा जज से भी रंगदारी मांगने से नही डर रहे हैं. सूबे के मुजफ्फरपुर में अब बेखौफ अपराधियों ने जज से ही रंगदारी मांग ली है. शहर के एक जज को पत्र भेजकर 10 लाख की रंगदारी मांगी गई है. इतना ही नहीं, पत्र में जज धमकी देते हुए लिखा गया है कि तुम्हारे कोर्ट में घुसकर सात की सात गोली सीने में उतार देंगे. जज को रंगदारी का पत्र मिलने के बाद पुलिस भी सकते में है. छानबीन शुरू कर दी गई है. ऐसे में पुलिस-प्रशासन की सुस्ती से अपराधियों के बढते मंसूबे को समझा जा सकता है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार जज से रंगदारी मांगे जाने को लेकर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. मुजफ्फरपुर के एडीजे-14 व विशेष न्यायाधीश एक्साइज और निगरानी राकेश मालवीय को बीती 9 जनवरी को यह धमकी भरी चिट्ठी भेजी गई. सिविल कोर्ट के इंचार्ज नाजिर ने पुलिस को बताया कि धमकी भरी चिट्ठी सादपुरा नीम चौक से एके प्रसाद के पते से जज को भेजी गई है. चिट्ठी में अपराधियों ने 2 हजार रुपए के नोट में पूरे पैसे देने की मांग की थी. साथ ही यह भी लिखा गया था कि 14 जनवरी की शाम तक सदर अस्पताल के गेट पर पैसे पहुंचा दिए जाएं, वरना कोर्ट परिसर में घुसकर 7 गोली मार देंगे. इस चिट्ठी के आधार पर नाजिर ने नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. थानाध्यक्ष ओमप्रकाश ने जांच का जिम्मा दारोगा रवि कुमार गुप्ता को सौंपा है. प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. धमकी भरे पत्र को भी पुलिस को उपलब्ध कराया गया है. इस पर एक मोबाइल नंबर दिया गया है. इसकी जांच के लिए सर्विलांस सेल की टीम को लगाया गया है.
बताया जाता है कि पत्र में कहा गया कि बहुत पैसा कमा चुके हो. अब पैसा देने की बारी तुम्हारी है. दस लाख रुपये सिर्फ दो हजार का नोट सदर अस्पताल के गेट पर लेकर पहुंच जाना. अभी अनिल भाई और पवन भाई जेल में हैं. एक मोबाइल नंबर भी पत्र में लिखा गया है और कहा कि सदर अस्पताल गेट पर पैसा लेकर पहुंचने के बाद एक मिस्ड कॉल इस नंबर पर दे देना. बात करने की कोशिश की तो अंजाम बहुत खराब होगा. तुम्हारे कोर्ट में घुसकर सात की सात गोली सीने में उतार देंगे. थोडा लिखना और ज्यादा समझना, मोबाइल पर कोई बातचीत नहीं हो. इसका ध्यान रखना. एसएसपी जयंत कांत ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. पत्र में दिया गया मोबाइल नंबर फर्जी पाया गया है. थानाध्यक्ष को कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. पुलिस के मुताबिक, जज को भेजी गई चिट्ठी में अपराधियों ने यह भी लिखा था कि तुमसे पहले भी कई जज अनिल भाई को पैसे पहुंचा चुके हैं.'