फेक करेंसी को सर्कुलेट करने के लिए 'अंकल' ने रची साजिश, भारतीय मौद्रिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाने का था मकसद: NIA
By आकाश चौरसिया | Published: September 28, 2023 04:57 PM2023-09-28T16:57:33+5:302023-09-28T17:01:58+5:30
एनआईए ने कोर्ट में जाने से पहले चार्जशीट के जरिए कहा कि भारत में बड़े पैमाने पर फेक करेंसी को सर्कुलेट करने के लिए जावेद पटेल 'अंकल' बनकर साथियों के साथ साजिश रच रहा था।
नई दिल्ली:एनआईए ने हाल में तैयार की चार्ज शीट के जरिए कहा कि भारत में बड़े पैमाने पर फेक करेंसी को सर्कुलेट करने के लिए जावेद पटेल 'अंकल' बनकर साथियों के साथ साजिश रच रहा था। इनका मकसद भारत की मौद्रिक स्थिरता को फेल करना था। अब यह मामला कोर्ट में जाना है जिसके लिए एनआईए ने पूरी चार्जशीट तैयार की है।
इस पूरे प्रकरण में मुख्य अपराधी ने अपराध को अंजाम देने के लिए अपना नाम अंकल रखा था लेकिन उसका वास्तविक नाम जावेद पटेल है।
वहीं मुंबई की स्पेशल कोर्ट में जाने से पहले मामले में एनआईए द्वारा तैयार की गई दूसरी चार्ज शीट में अंकल समेत तीन लोगों को इस केस में आरोपी बनाया गया है।
इस केस में आईपीसी और गैर कानूनी गतिविधि में लिप्त होने के कारण एनआई ने जावेद पटेल के अलावा नासिर चौधरी, रियाज शिकिकर, मोहम्मद फायाज़ शिकिकर को मुख्य आरोपी बनाया है। फायाज़ को आर्म्स एक्ट के तहत जेल में भी पहुंचा दिया है।
चार आरोपियों में से तीन पर पिछले साल अप्रैल में ही पुलिस ने थाणे में केस दर्ज कर लिया था। इस दौरान पुलिस को आरोपियों के पास से 2 हजार रुपये के 149 भारतीय मुद्रा के नकली नोट मिले थे।
बाद में मई 2023 में फायाज़ को मई 2023 में गैर कानूनी रूप से हथियार रखने पर गिरफ्तार करा था और उससे पूछताछ भी की।
एनआई ने जांच से मिली जानकारी के आधार पर कहा है कि केंद्रीय एजेंसी को यह पता चला है कि फायाज़ जावेद पटेल'अंकल'से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'व्हाट्सअप' के जरिए संपर्क में था। दोनों ही भारत में गैर कानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए षड्यंत्र रच रहे थे। फायाज ने जांच में एनआईए को बताया कि उसे जावेद यानी भाई 'अंकल' से फंड भी मिलता था।
एनआईए के द्वारा बनाई गई चार्जशीट की मानें तो जावेद भारत में फेक करेंसी फैलाने के लिए प्लान बना रहा था जिससे भारत की मौद्रिक स्थिरता को रोका जा सके।