निर्भया: नाबालिग था दोषी पवन? दावे पर सुप्रीम कोर्ट ने वकील को लगाई फटकार, कहा- कितनी बार उठाएंगे ये मुद्दा, 2:30 बजे फैसला

By पल्लवी कुमारी | Published: January 20, 2020 02:00 PM2020-01-20T14:00:50+5:302020-01-20T14:00:50+5:30

दोषी पवन ने दावा किया है कि वारदात के वक्त उसकी उम्र 18 साल से कम थी और वह नाबालिग था। हालांकि, इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने उसकी इस दलील को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने पवन के वकील पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है।

Supreme Court hear Nirbhaya Gangrape convict’s plea claiming he was juvenile in 2012 live update | निर्भया: नाबालिग था दोषी पवन? दावे पर सुप्रीम कोर्ट ने वकील को लगाई फटकार, कहा- कितनी बार उठाएंगे ये मुद्दा, 2:30 बजे फैसला

निर्भया गैंगरेप-हत्याकांड मामले में चारों दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता (फाइल फोटो)

Highlightsशीर्ष न्यायालय ने पिछले साल नौ जुलाई को दोषी पवन याचिका खारिज कर दी थी। वकील ए पी सिंह के जरिए दायर अपनी याचिका में, पवन ने दावा किया कि 16 दिसंबर, 2012 को हुए अपराध के दौरान वह नाबालिग था।

निर्भया गैंगरेप-हत्याकांड मामले में चारों दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता की एसएलपी (स्पेशल लीव पिटीशन) पर सुप्रीम कोर्ट में आज (20 जनवरी 2020) को सुनवाई हो रही है। न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ पवन कुमार गुप्ता की याचिका पर सुनवाई शुरू की है। दोषी के वकील एपी सिंह ने अपनी दलील देते हुए कहा है कि 'दोषी पवन की जन्मतिथि 8 अक्टूबर 1996 है। हमारे पास दस्तावेज हैं। पवन अपराध के समय नाबालिग था।' वकील एपी सिंह ने गायत्री बाल स्कूल के सर्टिफिकेट का भी जिक्र किया है।

सुनवाई के दौरान जज भानुमति ने वकील को कहा कि जो दस्तावेज आप दे रहे हैं वह 2017 का है, जब कोर्ट ने आपको सजा सुना दी थी। वकील एपी सिंह ने दलील देते हुए कहा है कि इस दिल्ली पुलिस ने जानबूझकर पवन की उम्र संबंधी दस्तावेजों की जानकारी छिपाई है। 

सुप्रीम कोर्ट के वकील न्यायमूर्ति आर भानुमति ने वकील को फटकार लगाते हुए कहा है कि आप ये मुद्दा क्यों और कितनी बार उठाएंगे। पुनर्विचार याचिका में भी आपने इस मुद्दे को उठाया था, फिर आप इस मुद्दे को अब क्यों उठा रहे हैं?

दोषी पवन की दिल्ली हाई कोर्ट ने नाबालिग वाली याचिका खारिज कर दी थी

दोषी पवन ने दावा किया है कि वारदात के वक्त उसकी उम्र 18 साल से कम थी और वह नाबालिग था। हालांकि, इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने उसकी इस दलील को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने पवन के वकील पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है।

वकील ए पी सिंह के जरिए दायर अपनी याचिका में, पवन ने दावा किया कि 16 दिसंबर, 2012 को हुए अपराध के दौरान वह नाबालिग था। पवन कुमार गुप्ता ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष मामले में मृत्युदंड के खिलाफ अपनी पुनर्विचार याचिका में नाबालिग होने का दावा किया था।

शीर्ष न्यायालय ने पिछले साल नौ जुलाई को दोषी पवन याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय के समक्ष दायर याचिका में उसने दावा किया था कि उसके स्कूल प्रमाण-पत्र में उसकी जन्मतिथि आठ अक्टूबर, 1996 है। पवन ने इससे पहले निचली अदालत में भी अपने नाबालिग होने के दावे संबंधी याचिका दायर की थी जिसे पिछले साल 21 दिसंबर को खारिज कर दिया गया था।

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Web Title: Supreme Court hear Nirbhaya Gangrape convict’s plea claiming he was juvenile in 2012 live update

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