निर्भया: नाबालिग था दोषी पवन? दावे पर सुप्रीम कोर्ट ने वकील को लगाई फटकार, कहा- कितनी बार उठाएंगे ये मुद्दा, 2:30 बजे फैसला
By पल्लवी कुमारी | Published: January 20, 2020 02:00 PM2020-01-20T14:00:50+5:302020-01-20T14:00:50+5:30
दोषी पवन ने दावा किया है कि वारदात के वक्त उसकी उम्र 18 साल से कम थी और वह नाबालिग था। हालांकि, इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने उसकी इस दलील को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने पवन के वकील पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
निर्भया गैंगरेप-हत्याकांड मामले में चारों दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता की एसएलपी (स्पेशल लीव पिटीशन) पर सुप्रीम कोर्ट में आज (20 जनवरी 2020) को सुनवाई हो रही है। न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ पवन कुमार गुप्ता की याचिका पर सुनवाई शुरू की है। दोषी के वकील एपी सिंह ने अपनी दलील देते हुए कहा है कि 'दोषी पवन की जन्मतिथि 8 अक्टूबर 1996 है। हमारे पास दस्तावेज हैं। पवन अपराध के समय नाबालिग था।' वकील एपी सिंह ने गायत्री बाल स्कूल के सर्टिफिकेट का भी जिक्र किया है।
सुनवाई के दौरान जज भानुमति ने वकील को कहा कि जो दस्तावेज आप दे रहे हैं वह 2017 का है, जब कोर्ट ने आपको सजा सुना दी थी। वकील एपी सिंह ने दलील देते हुए कहा है कि इस दिल्ली पुलिस ने जानबूझकर पवन की उम्र संबंधी दस्तावेजों की जानकारी छिपाई है।
2012 Delhi gang-rape case: Supreme Court to pronounce its order at 2:30 pm on Special Leave Petition (SLP) filed by Pawan Kumar Gupta. Pawan has claimed that he was a juvenile at the time of crime, and the Delhi High Court had ignored this fact. https://t.co/VKElKwHcTm
— ANI (@ANI) January 20, 2020
सुप्रीम कोर्ट के वकील न्यायमूर्ति आर भानुमति ने वकील को फटकार लगाते हुए कहा है कि आप ये मुद्दा क्यों और कितनी बार उठाएंगे। पुनर्विचार याचिका में भी आपने इस मुद्दे को उठाया था, फिर आप इस मुद्दे को अब क्यों उठा रहे हैं?
2012 Delhi gang-rape case: AP Singh, lawyer for convict Pawan K Gupta states before SC three-judge bench that Pawan's age was 17 years, 1 month and 20 days, when the offence was committed, that's why his role should be considered as a juvenile in the case.
— ANI (@ANI) January 20, 2020
दोषी पवन की दिल्ली हाई कोर्ट ने नाबालिग वाली याचिका खारिज कर दी थी
दोषी पवन ने दावा किया है कि वारदात के वक्त उसकी उम्र 18 साल से कम थी और वह नाबालिग था। हालांकि, इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने उसकी इस दलील को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने पवन के वकील पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
वकील ए पी सिंह के जरिए दायर अपनी याचिका में, पवन ने दावा किया कि 16 दिसंबर, 2012 को हुए अपराध के दौरान वह नाबालिग था। पवन कुमार गुप्ता ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष मामले में मृत्युदंड के खिलाफ अपनी पुनर्विचार याचिका में नाबालिग होने का दावा किया था।
शीर्ष न्यायालय ने पिछले साल नौ जुलाई को दोषी पवन याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय के समक्ष दायर याचिका में उसने दावा किया था कि उसके स्कूल प्रमाण-पत्र में उसकी जन्मतिथि आठ अक्टूबर, 1996 है। पवन ने इससे पहले निचली अदालत में भी अपने नाबालिग होने के दावे संबंधी याचिका दायर की थी जिसे पिछले साल 21 दिसंबर को खारिज कर दिया गया था।