बिहार: 34 नाबालिग लड़कियों से हुई मारपीट पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई खरी-खोटी, 9 आरोपी गिरफ्तार
By एस पी सिन्हा | Published: October 8, 2018 02:42 PM2018-10-08T14:42:23+5:302018-10-08T14:58:00+5:30
पुलिस ने अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार लोगों में एक नाबालिग भी बताया जा रहा है।
पटना, 8 अक्टूबर:बिहार के सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज थानातंर्गत डपरखा गांव स्थित कस्तूरबा आवासीय विद्यालय के 34 नाबालिग छात्राओं के साथ हुई मारपीट पर सुप्रीम कोर्ट ने घटना की कड़ी निंदा की है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया रिपोट्स को भी खरी-खरी सुनाई है। वहीं, इस मामले में पुलिस ने एक नाबालिग समेत 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
Supreme Court expresses concern over the incident where 34 minor girls in Bihar's Supaul were thrashed for allegedly resisting sexual advances. pic.twitter.com/skUfP0TAhD
— ANI (@ANI) October 8, 2018
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटनाओं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। वहीं कोर्ट ने समाचार पत्रों की रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इन सभी समाचार पत्रों की रिपोर्ट अच्छी नहीं है। घटना की निंदा करते हुए कोर्ट ने कहा कि 34 लड़कियों को इसलिए पीटा गया क्योंकि वे छेड़छाड़ से बचने के लिए विरोध कर रही थी।
Supreme Court observes “All these newspaper reports are not good. Skeleton of girls found... 34 girls beaten up because they wanted to protect themselves from molestation. How could you treat children like this? These kinds of problems are arising day in and day out.”
— ANI (@ANI) October 8, 2018
वहीं, पुलिस ने अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार लोगों में एक नाबालिग भी बताया जा रहा है, जिसकी जांच पुलिस कर रही है। वहीं, इस मामले में फरार आरोपितों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। इस घटना में पुलिस ने रविवार को कुल 19 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज की थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले में 19 लोगों के खिलाफ स्कूल वार्डन ने नामजद एफआईआर दर्ज कराई है। दरभंगा क्षेत्र के आईजी पंकज दराद ने स्कूल में लडकियों से बातचीत के बाद भरोसा दिलाया कि जल्द सभी आरोपियों को पकड लिया जाएगा। इस बीच 55 घायल लडकियों में 12 की हालत गंभीर है, जिनका सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है।
पंकज दराद ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से स्कूल कैंपस और अस्पताल में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। सुपौल के एसपी मृत्युंजय चौधरी ने कहा कि पुलिसवालों के साथ एक मजिस्ट्रेट भी अगले आदेश तक स्कूल कैंपस में ही रहेंगे। घटना के बारे में जानकारी देते हुए पंकज दराद ने कहा कि हमें बच्चियों ने बताया कि आस-पास के कुछ लडके स्कूल की दीवार पर गंदी बातें लिखते थे, जिसका लडकियों ने विरोध किया। इसी बात पर वे लडके अपने घरवालों के साथ स्कूल में घुस गए। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। इन लोगों ने लडकियों के साथ मारपीट की। विद्यालय में 100 लडकियां पढती हैं।
उधर स्कूल के एक स्टाफ ने बताया कि मनचले स्कूल की दीवार पर अपशब्द लिखने के अलावा छेडछाड भी करते थे। इससे छात्राएं काफी परेशान थीं। जब छात्राओं ने इसका विरोध किया तो मनचलों के अभिभावक स्कूल में घुस आए और छात्राओं की पिटाई कर दी। घटना में लगभग 55 बच्चियां घायल हो गईं, जिनमें से 34 बच्चियों का इलाज अनुमंडलीय अस्पताल, त्रिवेणीगंज में चल रहा है।
जबकि, इस हमले में गंभीर रूप से घायल चार छात्राओं को बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया है। छात्रावास में पुलिस बल की तैनाती भी कर दी गई है। कई बच्ची अपने ऊपर हुए हमले से काफी डरी-सहमी हुई हैं। दूसरी ओर, रविवार को अस्पताल में वरीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधियों का तांता लगा रहा। इसी क्रम में सांसद रंजीत रंजन अस्पताल पहुंची। जहां उन्होंने लडकियों के इलाज पर बड़ा सवाल खड़ा किया था।
वहीं, लड़कियों पर हमले को लेकर नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर नीतीश कुमार को बेशर्म कुमार बताया। इस दौरान उन्होंने मुजफ्फरपुर की घटना का भी जिक्र किया है। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है कि 'मुजफ्फरपुर में 34 लडकियों के संस्थागत बलात्कार के बाद अब दो दर्जन लडकों ने लडकियों के छात्रावास में यौन उत्पीड़न का विरोध करने के बाद सुपौल में 70 स्कूली छात्राओं पर हमला किया, जिनमें 36 लड़कियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सामान्य रूप से नीतीश चुपचाप के रूप में वह बेशर्म कुमार में बदल गये हैं। वह क्यों नहीं बोलते हैं? यहां उल्लेखनीय है कि शनिवार की शाम को जब आवासीय विद्यालय की छात्राएं अपने परिसर में खेल रही थीं, उसी वक्त लडकों ने कथित तौर पर लड़कियों के स्कूल की दीवार पर कुछ अभद्र टिप्पणी लिख दी थीं। लडकियों ने इसका विरोध किया और लडकों को पीट-पीटकर भगा दिया। बाद में सभी नाबालिग लडकों ने अपने माता-पिता को यह बात बताई। जिसके बाद उनकी माताओं ने अन्य ग्रामीणों के साथ मिल कर स्कूल परिसर में घुस कर लडकियों पर हमला बोल दिया। घटना के समय खेल के मैदान में 74 बालिकाएं थीं और उनमें से 30 को चोट आई। सभी चोटिल छात्राओं को त्रिवेणीगंज रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।