सुहैब इलियासी को बीवी की हत्या के लिए उम्रकैद, 'इंडियाज मोस्ट वांटेड' से हुए थे मशहूर
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: December 20, 2017 04:40 PM2017-12-20T16:40:31+5:302017-12-20T17:10:39+5:30
टीवी प्रोड्यूसर सुहैब इलियासी को पत्नी की हत्या मामले में पुलिस ने 28 मार्च 2000 को गिरफ्तार किया था।
दिल्ली की स्थानीय अदालत ने बुधवार (20 दिसंबर) को टीवी प्रोड्यूसर सुहैब इलियासी को 17 साल पहले अपनी पत्नी अंजू इलियासी की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। अदालत ने 16 दिसंबर को सुहैब इलियासी को हत्या का दोषी पाया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसके मल्होत्रा ने सुहैब पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने इलियासी को अंजू की माँ रुकमा सिंह को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। रुकमा सिंह ने ही इलियासी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
जनवरी 2000 में इलियासी के दिल्ली स्थित आवास पर अंजू का शव मिला था। उन्हें कई बार चाकू मारा गया था। इलियासी ने पुलिस से कहा था कि अंजू ने किसी मसले पर तीखी झड़प होने के बाद आत्महत्या कर ली थी। इलियासी को सजा सुनाए जाने के बाद रुकमा सिंह के वकील सत्येंद्र शर्मा ने मीडिया से कहा, "ट्रायल कोर्ट ने सुहैब इलियासी को अपनी पत्नी की हत्या के लिए सजा सुनायी है। उसे आईपीसी की धारा 302 के तहत सजा सुनायी गयी है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही इलियासी की उस अपील को खारिज कर चुका है जिसमें उनसे दिल्ली हाई कोर्ट के धारा 302 के तहत मुकदमा चलाए जाने के फैसले को चुनौती दी थी"
सुहैब को पुलिस ने 28 मार्च 2000 को गिरफ्तार किया था। इलियासी की सास रुकमा सिंह और साली रश्मी सिंह ने उस पर दहेज के लिए हत्या का मामला दर्ज कराया था। दोनों ने आरोप लगाया था कि इलियासी अंजू को दहेज के लिए प्रताड़ित करता था। बाद में रुकमा सिंह ने ट्रायल कोर्ट में इलियासी पर हत्या का अभियोग भी शामिल करने की अपील की थी जिसे साल 2011 में अदालत ने अस्वीकार कर दिया था। ट्रायल कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ रुकमा सिंह दिल्ली हाई कोर्ट गईं। हाई कोर्ट ने अगस्त 2014 में इलियासी पर हत्या का मामला चलाने का आदेश दिया था। सुहैब इलियासी ने हाई कोर्ट के धारा 302 के तहत मुकदमा चलाए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी लेकिन सर्वोच्च अदालत ने उसकी अपील खारिज कर दी थी।