सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामला: सबूतों के अभाव में सभी 22 आरोपियों को सीबीआई अदालत ने किया बरी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 21, 2018 12:21 PM2018-12-21T12:21:55+5:302018-12-21T12:28:16+5:30

सीबीआई का आरोप था कि आतंकवादियों से संबंध रखने वाला कथित गैंगेस्टर शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और उसके सहयोगी प्रजापति को गुजरात पुलिस ने एक बस से उस वक्त अगवा कर लिया था, जब वे लोग 22 और 23 नवंबर 2005 की दरम्यिानी रात हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे। 

Sohrabuddin Sheikh case: All 22 accused acquitted by Special CBI court in Mumbai due to lack of evidence | सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामला: सबूतों के अभाव में सभी 22 आरोपियों को सीबीआई अदालत ने किया बरी

सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामला: सबूतों के अभाव में सभी 22 आरोपियों को सीबीआई अदालत ने किया बरी

मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में शुक्रवार को सभी 22 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। साल 2005 में सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति की मुठभेड़ में मौत हो गयी थी। इस मामले में ज्यादातर आरोपी पुलिसकर्मी थे। 

सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी आरोपी थे। शाह को 2014 में आरोप मुक्त कर दिया गया था। शाह इन घटनाओं के वक्त गुजरात के गृह मंत्री थे। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष के करीब 92 गवाह मुकर गए। 

इस महीने की शुरूआत में आखिरी दलीलें पूरी किए जाने के बाद सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश एस जे शर्मा ने कहा था कि वह 21 दिसंबर को फैसला सुनाएंगे। ज्यादातर आरोपी गुजरात और राजस्थान के कनिष्ठ स्तर के पुलिस अधिकारी हैं। 

अदालत ने सीबीआई के आरोपपत्र में नामजद 38 लोगों में 16 को सबूत के अभाव में पहले ही आरोपमुक्त कर दिया था। इनमें अमित शाह, राजस्थान के तत्कालीन गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, गुजरात पुलिस के पूर्व प्रमुख पी सी पांडे और गुजरात पुलिस के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी डीजी वंजारा शामिल हैं।

सीबीआई का आरोप

सीबीआई का आरोप था कि आतंकवादियों से संबंध रखने वाला कथित गैंगेस्टर शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और उसके सहयोगी प्रजापति को गुजरात पुलिस ने एक बस से उस वक्त अगवा कर लिया था, जब वे लोग 22 और 23 नवंबर 2005 की दरम्यिानी रात हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे। 

सीबीआई का आरोप था कि शेख की 26 नवंबर 2005 को अहमदाबाद के पास कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर दी गई। उसकी पत्नी को तीन दिन बाद मार डाला गया और उसके शव को ठिकाने लगा दिया गया। साल भर बाद 27 दिसंबर 2006 को प्रजापति की गुजरात और राजस्थान पुलिस ने गुजरात - राजस्थान सीमा के पास चापरी में कथित फर्जी मुठभेड़ में गोली मार कर हत्या कर दी। 

अभियोजन ने इस मामले में 210 गवाहों से पूछताछ की जिनमें से 92 मुकर गए। इस बीच, बुधवार को अभियोजन के दो गवाहों ने अदालत से दरख्वास्त की कि उनसे फिर से पूछताछ की जाए। इनमें से एक का नाम आजम खान है और वह शेख का सहयोगी था। उसने अपनी याचिका में दावा किया है कि शेख पर कथित तौर पर गोली चलाने वाले आरोपी एवं पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान ने उसे धमकी दी थी कि यदि उसने मुंह खोला तो उसे झूठे मामले में फंसा दिया जाएगा। एक अन्य गवाह एक पेट्रोल पंप का मालिक महेंद्र जाला थे। 

Web Title: Sohrabuddin Sheikh case: All 22 accused acquitted by Special CBI court in Mumbai due to lack of evidence

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