एनसीपी प्रमुख शरद पवार को जान से मारने की धमकी देने वाला पटना में अरेस्ट, असभ्य भाषा का प्रयोग, मोबाइल भी बरामद, मुंबई पुलिस ले गई साथ
By एस पी सिन्हा | Updated: December 14, 2022 17:57 IST2022-12-14T17:56:15+5:302022-12-14T17:57:35+5:30
बिहारः आरोपित सोनी मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद का रहने वाला है, लेकिन पूरा परिवार पुणे में शिफ्ट हो गया था। पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र में करबिगहिया स्थित एक लॉज से हुई है।

शरद पवार के मुंबई आवास पर फोन पर बम से उड़ाने की लगातार मिल रही धमकी से महाराष्ट्र पुलिस काफी परेशान हो गई थी।
पटनाः महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार को धमकी दिए जाने वाले मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। मुंबई पुलिस ने पटना पुलिस के सहयोग से धमकी देने वाले आरोपी 45 साल के एम सोनी को गिरफ्तार कर लिया है।
एम सोनी की गिरफ्तारी राजधानी पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र में करबिगहिया स्थित एक लॉज से हुई है। एम सोनी ने शरद पवार के मुंबई स्थित सिल्वर ओक आवास पर लगातार फोन कर असभ्य भाषा का प्रयोग करते हुए वहां मौजूद सिपाही को गोली मारने की धमकी दी थे। बताया जाता है कि उसके पास से मोबाइल भी बरामद हुआ, जिससे वह धमकी दे रहा था।
मुंबई पुलिस उसे साथ लेकर चली गई। आरोपित सोनी मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद का रहने वाला है, लेकिन पूरा परिवार पुणे में शिफ्ट हो गया था। एसएसपी डा. मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि मुंबई पुलिस यहां आई थी और आरोपित को साथ ले गई। आरोप है कि वह पवार के आवास पर तीन चार माह से फोन कर रहा था।
इस दौरान असभ्य भाषा का उपयोग करता था। यहां तक की वहां तैनात सिपाही को भी धमकी देता था कि मुंबई आकर देसी कट्टे से उड़ा देंगे। मुंबई के 2 जोन की पुलिस उसे गिरफ्तार करने पटना आई थी। वह पहले पुणे में रहता था, वहां उसकी पत्नी ने उसे छोड़कर दूसरे युवक से शादी रचा ली थी।
इसके बाद से ही वह परेशान हो गया था। पत्नी के मामले में उसने मुंबई पुलिस से शिकायत की थी, जिसमें कोई कार्रवाई नहीं होने से वह बेहद नाराज था। सोनी की गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस मामले की तह तक पहुंचने की जांच में जुटी हुई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के मुंबई आवास पर फोन पर बम से उड़ाने की लगातार मिल रही धमकी से महाराष्ट्र पुलिस काफी परेशान हो गई थी।
इस मामले में मुंबई जोन 2 के गामदेवी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 294 और 506 के तहत केस दर्ज किया गया था। केस दर्ज करने के बाद मुंबई में भी छापेमारी की गई थी, लेकिन कोई जानकारी और सफलता नहीं मिली। फोन आने के बाद से महाराष्ट्र पुलिस का सर्विलेंस एक्टिव हो गया था।