Palghar murder life imprisonment: शिवप्रसाद चौरसिया को रास्ते में रोका और पत्थर मारकर हत्या की, सोने आभूषण लेकर फरार, कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा दी और 7500 का जुर्मना
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 7, 2024 16:32 IST2024-07-07T16:31:03+5:302024-07-07T16:32:29+5:30
Palghar murder life imprisonment: अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वसुधा एल. भोसले ने शनिवार को अपने आदेश में प्रत्येक आरोपी पर 7,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया। एक दोषी कमलेश राजदेव साहनी (35) पड़ोसी जिले पालघर के वसाई से संबंध रखता है जबकि रूपेश (34) और मंटु रामधर पटेल बिहार से हैं।

सांकेतिक फोटो
Palghar murder life imprisonment: ठाणे की एक अदालत ने 2016 में एक व्यक्ति की हत्या करने और उसके आभूषण चुराने के लिए तीन व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए कहा कि अपराध की मंशा “बहुत खतरनाक” थी और इससे समाज में गलत संदेश गया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वसुधा एल. भोसले ने शनिवार को अपने आदेश में प्रत्येक आरोपी पर 7,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया। एक दोषी कमलेश राजदेव साहनी (35) पड़ोसी जिले पालघर के वसाई से संबंध रखता है जबकि रूपेश (34) और मंटु रामधर पटेल बिहार से हैं।
अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) वर्षा आर. चांदने ने अदालत को बताया कि 22 और 23 नवंबर, 2016 की मध्य रात्रि को आरोपियों ने वसई में 23 वर्षीय पीड़ित शिवशंकर उर्फ निकू शिवप्रसाद चौरसिया को रास्ते में रोका और पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी और उसने सोने के जो आभूषण पहन रखे थे, वे लेकर भाग गए।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि सबूत मिटाने के लिए पीड़ित के चेहरे को बुरी तरह कुचल दिया गया था। तीनों के खिलाफ हत्या, डकैती करने के दौरान जानबूझकर चोट पहुंचाने और सबूत मिटाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी ने मृतक के खिलाफ "बहुत क्रूर तरीके" से अपराध किया, जो बहुत युवा था और अपने माता-पिता की इकलौती संतान था।
अदालत ने कहा कि यह एक ऐसा नुकसान है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती और आरोपी ने निकू की हत्या सिर्फ उसके गहने चुराने के लिए की। अदालत ने कहा, "अपराध के पीछे का मकसद समाज के लिए बहुत खतरनाक था, जिसने समाज को गलत संदेश दिया, इसलिए आरोपी को बिना किसी नरमी के दोषी ठहराया जाना चाहिए।”
न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ सभी आरोपों को संदेह से परे साबित कर दिया है, जिसके लिए उन्हें दोषी ठहराया जाना चाहिए और सजा सुनाई जानी चाहिए। एपीपी चंदाने ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ मामला साबित करने के लिए मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष के 23 गवाहों की गवाही ली गई।