जूते में रुपये की गड्डी ठूंसकर चोरी करने वाले अधिकारी को मिली आजीवन कारावास की सजा, नोट छापने की प्रेस से उड़ाये थे 90 लाख रुपये

By नितिन गुप्ता | Published: March 16, 2022 10:42 PM2022-03-16T22:42:35+5:302022-03-16T22:49:57+5:30

देवास के बैंक नोट प्रेस के एनबीएफ सेक्‍शन (जहॉ रिजेक्‍ट नोंटों की कटिंग की जाती है) में कार्यरत डिप्टी कंट्रोलर मनोहर वर्मा को सीआईएसएफ ने 19 जनवरी 2018 को गिरफ्तार किया। वर्मा अपने जूतों में रुपयों का बंडल भर कर चोरी करने के फिराक में थे। कोर्ट ने इस मामले में आरोपी मनोहर वर्मा को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और साथ में 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

officer who stole money in shoes was sentenced to life imprisonment, 90 lakh rupees were blown from the press to print notes | जूते में रुपये की गड्डी ठूंसकर चोरी करने वाले अधिकारी को मिली आजीवन कारावास की सजा, नोट छापने की प्रेस से उड़ाये थे 90 लाख रुपये

नोट प्रेस बैंक के डिप्टी कंट्रोलर मनोहर वर्मा पुलिस हिरासत में

Highlightsदेवास के नोट प्रेस बैंक के अधिकारी मनोहर वर्मा ने प्रेस से कुल 90.59 लाख रुपये चोरी किये थेडिप्टी कंट्रोलर मनोहर वर्मा अपने जूते में रुपयों को छुपाकर दफ्तर से घर ले जाते थेछापेमारी के दौरान मनोहर वर्मा के आवास पर पड़े गद्दों के भीतर से नोटों की गड्डियां मिली थीं

देवास: मध्यप्रदेश के देवास स्थित करेंसी प्रेस बैंक से करीब 90.59 लाख रुपए के नोट चोरी मामले के आरोपी डिप्टी कंट्रोलर को कोर्ट ने बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और साथ में 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह चोरी की घटना चार साल पहले हुई थी।

देवास के इस हाई सिक्युरिटी करेंसी प्रेस बैंक में भारतीय नोटों की छपाई होती है। घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार 19 जनवरी 2018 को सीआईएसएफ के सुरत्रा अधिकारियों ने शंका के आधार पर प्रेस बैंक के डिप्टी कंट्रोलर मनोहर वर्मा की तलाशी ली। तलाशी में वर्मा के पास से नोटों की गड्डियां बरामद हुईं।

उसके बाद सुरक्षा अधिकारियों ने दोषी डिप्टी कंट्रोलर मनोहर वर्मा को हिरासत में ले लिया और उनके दफ्तर के साथ घर पर छापा मारा और गहन तलाशी ली। जिसमें कुल 90.59 लाख रुपये की बरामदगी हुई। छापेमारी के दौरान मनोहर वर्मा के घर में पड़े गद्दों के भीतर से नोटों की गड्डियां मिलीं। इसके अलावा जांच में पता चला कि दोषी डिप्टी कंट्रोलर मनोहर वर्मा अपने जूते में रुपयों को छुपाकर दफ्तर से घर ले जाते थे।

पुलिस ने इस मामले में जांच पूरी करने के बाद डिप्टी कंट्रोलर मनोहर वर्मा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर की। कोर्ट ने पूरी सुनवाई के बाद आरोपी डिप्टी कंट्रोलर मनोहर वर्मा दोषी पाया और सजा सुनाई।

मामले के जांच अधिकारी उमराव सिंह ने बताया दोषी वर्मा को धारा 489 बी और सी 409 के तरह कोर्ट ने दोषी पाया। जिसमें से एक धारा के तहत वर्मा को आजीवन कारावास और दूसरी धारा के तहत 7 साल की सजा मिली है। उसके अलावा तीनों अन्य धाराओं में दोषी पाये जाने कारण 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा है।

घटना के संबंध में सरकारी वकील राजेन्‍द्र सिंह भदौरिया ने कोर्ट को बताया कि बैंक नोट प्रेस देवास के एनबीएफ सेक्‍शन (जहॉ रिजेक्‍ट नोंटों की कटिंग की जाती है) में तैनात सीआईएसएफ के जवान ने देखा कि एनबीएफ सेक्‍शन में कार्यरत डिप्टी कंट्रोलर मनोहर वर्मा एक बॉक्‍स में कुछ छुपा कर रख रहे थे, जो देखने में संदिग्‍ध लग रही थी।

सुरक्षा जवान ने मामले की सूचना फौरन सीआईएसएफ के उच्‍च अधिकारियों को दी। जिसके बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने वर्मा की तलाशी ली और पाया कि वो जूतों में 200-200 रुपये के 2 बंडल छुपाकर घर ले जाने की फिराक में थे।

सीआईएसएफ के अधिकारियों ने फौरन वर्मा को हिरासत में ले लिया। उसके बाद उनके दफ्तर की तलाशी ली। जिसमें टेबल दराज में पांच सौ रुपये और दो सौ रुपये के नोटों की शक्ल में कुल 26,09,300 रुपये बरामद हुए। इतनी बड़ी रिकवरी के बाद सीआईएसएफ ने लोकल पुलिस की मदद से वर्मा के आवास पर छापा मारा उनके घर से लगभग 64,50,000 रुपये की बरामदगी हुई। 

Web Title: officer who stole money in shoes was sentenced to life imprisonment, 90 lakh rupees were blown from the press to print notes

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