Breaking: निर्भया गैंगरेप के दोषी मुकेश की दया याचिका दिल्ली सरकार ने की खारिज, केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजी गई याचिका
By पल्लवी कुमारी | Updated: January 16, 2020 12:01 IST2020-01-16T12:01:18+5:302020-01-16T12:01:18+5:30
दक्षिण दिल्ली में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में चलती बस में छह दरिंदों ने 23 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार के बाद बुरी तरह से जख्मी हालत में पीड़िता को सड़क पर फेंक दिया था। इस छात्रा की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी।

निर्भया गैंगरेप का दोषी मुकेश (फाइल फोटो)
निर्भया गैंगरेप केस में दोषी मुकेश की डेथ वारंट रद्द करने की याचिका को दिल्ली सरकार ने खारिज कर दिया है। जिसके बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने याचिका को केंद्रीय गृह मंत्रालय भेजा है। दोषी मुकेश की डेथ वारंट रद्द करने की याचिका पर आज (16 जनवरी 2020 को दिल्ली के पटियाला कोर्ट में सुनवाई भी होनी है। सुनवाई के लिए दोपहर तीन बजे का समय निर्धारित किया गया है।
कई रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति के पास फिलहाल अभी कोई भी दया याचिका लंबित नहीं है। निर्भया गैंगरेप के दोषी मुकेश के पक्षकारों ने दावा किया है कि राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी गई है। अगर राष्ट्रपति के पास कोई भी दया याचिका लंबित है तो चारों दोषियों को 22 जनवरी 2020 को फांसी देना मुश्किल होगा, क्योंकि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका पर फैसला देने के बाद दोषियों को 14 दिन का वक्त देना होगा।
2012 Delhi gang-rape case: Delhi Government has rejected the mercy plea of Mukesh, one of the convicts in the case. The mercy plea was then forwarded to Lieutenant Governor, who has now sent it to Union Ministry of Home Affairs.
— ANI (@ANI) January 16, 2020
बीते दिन (15 जनवरी 2020) निर्भया गैंगरेप केस में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एक बड़ा मोड़ आया। एएसजी और दिल्ली सरकार ने कोर्ट में कहा था कि दया याचिका के कारण अब 22 जनवरी को फांसी देना मुश्किल है। दया याचिका पर फैसले के बाद 14 दिन का वक्त मिलेगा।
साल 2012 के इस सनसनीखेज अपराध के चारों दोषियों--विनय शर्मा, मुकेश कुमार, अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की मौत की सजा पर अमल के लिये उन्हें 22 जनवरी की सुबह सात बजे-मृत्यु होने तक-फांसी पर लटकाने को लेकर अदालत ने सात जनवरी 2020 को आवश्यक वारंट जारी किये थे। न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने दोषी विनय शर्मा और मुकेश कुमार की सुधारात्मक याचिकाओं पर अपने चैंबर में विचार के बाद उन्हें खारिज कर दिया।