सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (30 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप-मर्डर केस मामले में दोषी अक्षय कुमार सिंह की सुधारात्मक याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले बुधवार (29 जनवरी) को दोषी अक्षय कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए सुधारात्मक याचिका दायर की थी। इस याचिका में कहा गया था कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर जन दबाव और जनता की राय के चलते अदालतें सभी समस्याओं के समाधान के रूप में फांसी की सजा सुना रही हैं।
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमती और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ सुधारात्मक याचिका की सुनवाई की। उल्लेखनीय है कि सुधारात्मक याचिका किसी दोषी के पास अदालत में अंतिम कानूनी उपाय है।
वहीं, निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे दोषियों के वकील ने, एक फरवरी को तय उनकी फांसी पर स्थगन की मांग के साथ गुरुवार को दिल्ली की अदालत का रुख किया। वकील का कहना है कि कुछ दोषियों ने अभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल नहीं किया है।
गौरतलब है कि पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसे सड़क पर फेंक दिया था। उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था जहां 29 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी।