Nirbhaya Case: बौखलाए दोषियों के वकील ने जब कहा- रात 12 बजे क्या कर रही थी निर्भया, तो भड़की महिला ने दिया ये जवाब
By अनुराग आनंद | Published: March 20, 2020 06:58 AM2020-03-20T06:58:34+5:302020-03-20T06:58:34+5:30
जब एपी सिंह अपने मुवक्किलों को नहीं बचा पाए तो न्याय तंत्र, मीडिया और निर्भया की मां पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहने लगे, ''निर्भया की मां आशा देवी को क्यों पता नहीं था की रात के 12.30 बजे तक उसकी बेटी कहां थी।
नई दिल्ली: निर्भया मामले के सभी चार दोषियों को फांसी की सजा दे दी गई है। चार दोषियों पवन, विनय, मुकेश और अक्षय के वकील एपी सिंह जब कानून हथकंडे से सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार देर रात इन्हें बचाने में फेल हो गए तो वो निर्भया और उसकी मां के बारे में ही भला बुरा कहने लगे। इसके बाद मौके पर मौजूद महिला ने एपी सिंह के मुंह से यह सब सुनते ही उनको कड़ी फटकार लगा दी।
दरअसल, जब एपी सिंह अपने मुवक्किलों को नहीं बचा पाए तो न्याय तंत्र, मीडिया और निर्भया की मां पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहने लगे, ''निर्भया की मां आशा देवी को क्यों पता नहीं था की रात के 12.30 बजे तक उसकी बेटी कहां थी। मां को यही पता नहीं था कि 12.30 बजे तक कहां है बेटी, किसके साथ है बेटी।'' इस तरह की बातें सुनकर उनके पीछे खड़ी महिला ने ही उन्हें जमकर फटकार लगाई और कहा, 'तुम्हें ऐसा बोलने की हिम्मत कैसे हुई? ऐसा क्यों कहा और रात के 12.30 बजे घर से बाहर रहने पर किसी के चरित्र का फैसला करने वाले तुम कौन होते हो।''
दोषियों को फांसी दिए जाने पर निर्भया की मां ने ये कहा-
आशा देवी ने कहा कि देखिये फाइनली उन्हें फांसी लटका दिया गया, यह पहली बार है जब देश में रेप पीड़िता के दोषियों को फांसी पर लटकाया गया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से दोषियों को बचाने के लिए एक के बाद एक पिटीशन डाली गई, अदालत ने एक-एक कर सभी पिटीशन का खारिज किया, लेकिन आखिरकार मुझे इंसाफ मिला। देर से ही सही लेकिन हमारी न्यायपालिका साबित किया कि देश की बच्चियों को निशाने बनाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। संविधान पर सवाल उठ रहा था। लेकिन, इस फैसले ने साबित किया कि देश की न्याय व्यवस्था पर हमारा विश्वास बना रहेगा।
#WATCH Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang rape victim shows victory sign & hugs her sister Sunita Devi and lawyer Seema Kushwaha. pic.twitter.com/rskapVJR13
— ANI (@ANI) March 20, 2020
उन्होंने कहा कि ये लड़ाई हम निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ रहे थे लेकिन आगे भी देश की बच्चियों के सिए लड़ाई जारी रहेगी। चारों को फांसी दिए जाने के बाद अब परिवार के लोग जरूर अपने घर के बेटों को सिखाएंगे। मैंने उसकी तस्वीर के आगे हाथ जोड़ा, गले लगाया और कहा बेटी आज सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ मिला है। सात साल पहले बच्ची ने तड़प-तड़प के दम तोड़ा था, फाइनली आज उसे इंसाफ मिला।
मुझे आज अपनी बेटी पर गर्व है आज उसके नाम से उसकी मां को दुनिया जानती है। मैं उसे बचा नहीं पाई। उसे इसाफ मिला, मां की ममता का जो धर्म होता है आज पूरा हुआ। अगर आपके आसपास कुछ होता है तो पीड़ित महिला की मदद करिये। हम निवेदन करेंगे के निर्भया के केस में देरी की गई, वैसा आगे न हो, एक साथ याचिकाएं दायर की जाएं।