निर्भया मामला: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका, वकील की नहीं चली एक भी दलील
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: December 18, 2019 01:45 PM2019-12-18T13:45:15+5:302019-12-18T14:02:00+5:30
शीर्ष अदालत ने सुबह साढ़े दस बजे सुनवाई शुरू की थी लेकिन मामले पर फैसला एक बजे तक रोक लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषी की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए कहा है कि यह 'पुनर्विचार' के लायक ही नहीं थी।
Nirbhaya Case: निर्भया गैंगरेप-हत्याकांड के चार दोषियों में से एक अक्षय ठाकुर की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने आज (18 दिसंबर) को पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। दोषी ने 2017 के शीर्ष अदालत के गुनहगारों को सुनाए गए सजा-ए-मौत के फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
दोषी अक्षय ठाकुर की याचिका पर तीन न्यायमूर्तियों की नई पीठ ने सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। इस सुनवाई से मंगलवार को सीजेआई एसए बोबडे ने खुद को अलग कर लिया था। न्यायमूर्ति आर भानुमति की अगुवाई वाली पीठ में न्यायमूर्ति अशोक भूषण और एएस बोपन्ना शामिल थे।
दोषी के वकील ने दलील दी कि उसके मुवक्किल को केस में झूठा फंसाया गया था। यही नहीं, दोषी के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में तीन न्यायमूर्तियों की पीठ के समक्ष दलील दी की 2012 में पीड़िता ने मरने से पहले दिए अपने स्वैच्छिक बयान में उसके साथ वारदात करने वालों में से किसी का भी नाम नहीं लिया था। वकील ने कहा कि पीड़िता ने मरने से पहले अक्षय का नाम भी नहीं लिया था और उसकी मौत का कारण सेप्टीसीमिया और ड्रग ओवरडोज था।
Supreme Court rejects review petition of Akshay Kumar Singh, one of the convicts in the 2012 Delhi gang-rape case. pic.twitter.com/5fhmZI94bW
— ANI (@ANI) December 18, 2019
वकील ने यह भी दलील दी कि उसका मुवक्किल निर्दोष है और गरीब आदमी है जिसे फंसाया गया है। एपी सिंह ने यह भी दलील दी कि केस में मीडिया, राजनीति और जनता के दबाव के कारण दोषियों को फांसी की सजा दी गई।
वकील एपी सिंह ने यहां तक कहा कि मृत्युदंड की सजा आदिमानव काल की विधि है। भारत में इस सजा काव प्रावधान खत्म होना चाहिए। यहीं नहीं, उन्होंने कहा कि दिल्ली की वायु प्रदूषण के कारण निर्भया के दोषी की जिंदगी वैसे ही कम हो गई है।
शीर्ष अदालत ने सुबह साढ़े दस बजे सुनवाई शुरू की थी लेकिन मामले पर फैसला एक बजे तक रोक लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषी की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए कहा है कि यह 'पुनर्विचार' के लायक ही नहीं थी।
सुप्रीम कोर्ट ने दोषी के हफ्तेभर के भीतर दया याचिका दायर करने की अनुमति दी है। हालांकि, दोषी के वकील ने इसके लिए तीन हफ्ते का समय मांगा था।